मात्र 500 रुपये की इटैलियन पिस्टल ने ली थी बापू की जान

30 जनवरी 2019 ।।
नाथूराम गोड्से ने 30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दिल्ली के बिड़ला भवन में गांधीजी के पैर छूने के बाद गोडसे ने उनका सीना गोलियों से छलनी कर दिया था. गोड्से ने कैसे गांधीजी की हत्या की साजिश रची और कहां से उसने पिस्टल खरीदी, आइए डालते हैं उसपर एक नजर.
जिस पिस्टल से नाथूराम गोड्से ने गांधीजी को मारा था वो 38 कैलिबर की इटैलियन पिस्टल थी. रिपोर्ट्स की मानें तो उसकी कीमत 500 रु. थी. 1942 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ग्वालियर की एक सैनिक टुकड़ी कमांडर ले.ज.वीबी जोशी की कमान में अबीसीनिया में मोर्चे पर तैनात की गई थी. मुसोलिनी की सेना के एक दस्ते ने इस टुकड़ी के सामने हथियारों समेत समर्पण कर दिया था. इन्हीं हथियारों में इटालियन दस्ते के अफसर का 1934 में बनी 9mm बरेटा पिस्टल भी थी, जो नाथूराम गोड्से तक पहुंची.
जिस पिस्टल से नाथूराम गोड्से ने गांधीजी को मारा था वो 38 कैलिबर की इटैलियन पिस्टल थी. रिपोर्ट्स की मानें तो उसकी कीमत 500 रु. थी. 1942 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ग्वालियर की एक सैनिक टुकड़ी कमांडर ले.ज.वीबी जोशी की कमान में अबीसीनिया में मोर्चे पर तैनात की गई थी. मुसोलिनी की सेना के एक दस्ते ने इस टुकड़ी के सामने हथियारों समेत समर्पण कर दिया था. इन्हीं हथियारों में इटालियन दस्ते के अफसर का 1934 में बनी 9mm बरेटा पिस्टल भी थी, जो नाथूराम गोड्से तक पहुंची.
ग्वालियर शहर में हिंदू संगठन चला रहे डॉ.डीएस परचुरे के सहयोग से अच्छी पिस्टल की तलाश शुरू हुई थी. डॉ. परचुरे के परिचित गंगाधर दंडवते ने जगदीश गोयल की पिस्टल का सौदा नाथूराम से 500 रुपए में कराया था
मात्र 500 रुपये की इटैलियन पिस्टल ने ली थी बापू की जान
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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January 30, 2019
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