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लंदन में भारतीय साइबर एक्सपर्ट ने प्रेस कांफ्रेंस में किया दावा - 2014 के चुनाव में हैक हुई थी ईवीएम , चुनाव आयोग सख्त , कानूनी कार्यवाई करने पर कर रहा है विचार

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22 जनवरी 2019 ।।

भारतीय साइबर विशेषज्ञ के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैक किये जा सकने का दावा करने के बीच चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि वह अपनी मशीनों की पुख्ता प्रकृति के बारे में अनुभवजनित तथ्यों पर पूरी तरह कायम है. आयोग ने कहा कि वह इस बात पर विचार कर रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और क्या कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.

अमेरिका में राजनीतिक शरण मांग रहे भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने सोमवार को दावा किया कि 2014 के आम चुनाव में ईवीएम के जरिये ‘धांधली’ की गई थी. उन्होंने कहा कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है.

चुनाव आयोग ने यहां जारी एक बयान में कहा कि वह ‘इस दुर्भावना से प्रेरित बहस का हिस्सा बनने को लेकर सावधान है और वह भारतीय चुनावों में इस्तेमाल होने वाले ईसीआई के ईवीएम की पुख्ता प्रकृति के अनुभवजनित तथ्यों के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है.’






आयोग ने एक बयान में कहा, ‘इस बात पर अलग से विचार किया जा रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और क्या कार्रवाई की जानी चाहिए.’

आयोग ने एक बार फिर से दोहराया कि उसके द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) बेहद कड़ी निगरानी और सुरक्षा दशाओं में करते हैं.

आयोग ने कहा कि 2010 में गठित जाने-माने तकनीकी विशेषज्ञों की समिति की निगरानी में सभी चरणों में कठोर मानक संचालन प्रक्रियाओं के पालन पर बारीक नजर रखी जाती है.

वहीं बीजेपी ने इन ईवीएम हैक के आरोपों को कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘हैकिंग हॉरर शो’ करार दिया. भगवा पार्टी ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी संभावित हार के लिये बहाना ढूंढना शुरू कर दिया है.

कांग्रेस पर तीखा हमला करता हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लंदन में संवाददाता सम्मेलन के दौरान उसके नेता कपिल सिब्बल का मौजूद रहना संयोग नहीं था. नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी समेत शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने सिब्बल को अपने ‘पोस्टमैन’ के रूप में भेजा होगा.

भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक नहीं किया जा सकता. यह स्पष्ट है कि भारत विरोधी ताकतों ने कांग्रेस के दिमाग को हैक कर लिया है. लोकसभा चुनाव में हार से पहले हमने कांग्रेस की ओर से आयोजित हैकिंग हॉरर शो को देखा है. वह अपनी आसन्न हार के लिये बहाना ढूंढ रही है.’

इधर, कांग्रेस ने साइबर विशेषज्ञ के दावे को ‘गंभीर’ करार देते हुए तथ्यों की निष्पक्ष जांच की मांग की जरूरत बताई. पार्टी ने यह भी कहा कि ईवीएम से जुड़े ‘संदेह’ को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे.

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं कि कांग्रेस का इससे (लंदन के आयोजन) कोई सरोकार नहीं है. कपिल सिब्बल ने खुद कहा है कि वहां वह कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं. भाजपा की शुरू ये ही रुख रहा है कि संदेश देने वाले को निशाना बनाया जाए ताकि संदेश को गुम कर दिया जाए.’

दरअसल, सिब्बल लंदन में साइबर विशेषज्ञ के इस कार्यक्रम में मौजूद थे. पार्टी का कहना है कि वह पत्रकारों के एक समूह के आमंत्रण पर वहां मौजूद थे और इसका पार्टी से कोई संबंध नहीं है. सिंघवी ने कहा, ‘हम न तो इसका (दावे) समर्थन कर सकते हैं और ना ही इसका खंडन कर सकते हैं. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. चाहे हमारा चुनाव आयोग जांच करे, चाहे कोई निष्पक्ष एजेंसी करे. हम संदेश को झुठला नहीं कह सकते.’

उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग को बिना तहकीकात के कुछ नहीं कहना चाहिए. पहले उन्हें तहकीकात करनी चाहिए. दुनिया में कुछ चुनिंदा देशों में ईवीएम का उपयोग हो रहा है. कुछ देशों में जहां इसका उपयोग हो रहा था, वहां अब नहीं हो रहा है. हम चाहते थे कि मतपत्रों से चुनाव हों, लेकिन अब दो-तीन महीने का समय है इसलिए फिलहाल मतपत्रों से चुनाव संभव नहीं है. ऐसे में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान होना चाहिए. चुनाव आयोग को तय करना चाहिए कि समुचित मात्रा में वीवीपैट की पर्चियों का मिलान हो.’