गोरखपुर : "तंदूरी चाय बचाएगी जान" एक मुहीम , युवा दर्पण की एक अनोखी मुहिम , मकसद जान खुदबखुद खिंचते चले आये लोग
"तंदूरी चाय बचाएगी जान" एक मुहीम
युवा दर्पण की एक अनोखी मुहिम , मकसद जान खुदबखुद खिंचते चले आये लोग
ए कुमार की रिपोर्ट
युवा दर्पण की एक अनोखी मुहिम , मकसद जान खुदबखुद खिंचते चले आये लोग
ए कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर 31 दिसम्बर 2018 ।।
तंदूरी चाय बचाएगी जान, तंदूरी चाय के जरिये इकठ्ठा होगा पैसा, तंदूरी चाय के जरिये खरीदी जाएँगी दवाये, जी हां कहते है मन में कुछ कर गुजरने कि चाह तो कोई भी काम काम मुश्किल नहीं होता । अमूमन आज के परिवेश में नौजवान लड़के लडकियों को आपने घूमते और मौज मस्ती करते हुए देखा और सूना होगा, कल नया साल है, ऐसे में सभी नौजवान अपने अलग दुनिया में खोये नजर आयेंगे लेकिन गोरखपुर की सड़को पर "युवा दर्पण" नाम से चलने वाली ये संस्था कुछ ऐसा कर रही है, जिसे देखने के बाद सभी इनके हौसले को सलाम कर रहे है ।
गोरखपुर के चेतना तिराहे पर युवा दर्पण के लगे तंदूरी चाय के स्टाल को देख कर हर कोई हैरान है, क्योकि इस स्टाल को आते जाते देखने वाले ये इसे नार्मल समझ रहे होंगे, लेकिन अगर आप दो पल रुक कर इनके इस तंदूरी चाय के स्टाल के पीछे के वजह को सुनेगे तो आप खुद ब खुद रुक जायेंगे, और इनका सपोर्ट करेंगे । आइये हम आपको बतादे, कि इनके तंदूरी चाय के पीछे का मकसद क्या है । यह युवा दर्पण नाम से चलने वाली एक संस्था है, जो आये दिन कुछ न कुछ सामाजिक कार्य करती रहती है । लेकिन आज ये लोग कुछ नया कर रहे है, जहां नए साल को लेकर हर एक तबका हर एक नौजवान लड़के लडकियां कुछ सेलिब्रेट या नए साल के स्वागत की तैयारी में लगे है, वही दूसरी तरफ युवा दर्पण के लड़के लडकियों बीच सडक पर तंदूरी चाय का स्टाल लगा कर चाय बेच रही है, ताकि इस बेचे हुए चाय के पैसे इकठा करके वो नए साल पर कुछ जरुरी दवाये खरीद कर उन गरीबो में बाँट सके, उन मजबूरो में बाँट सके, जो इन दवाओं को नहीं खरीद पाते है, और इन दवाओं कि जरूरत के लिए दरबदर भटकते रहते है । ये एक चैरिटी के तरह तंदूरी चाय बेच कर जो पैसे इकठ्ठा होगा उन्हें लेकर जाकर दवाये खरीद कर गाँव में गरीबो में कल नए साल के दिन बांटने का काम करेंगें ।
नेहा मणि (युवा दर्पण) से जब इस सोच के सम्बंंध
में बात की गई तो इनका कहना था कि हमारी संस्था और इससे जुड़े प्रत्येक सदस्य का यही ध्येय है कि जब भी मौका मिले उन लोगो के लिये कुछ किया जाय जो वास्तव में मजबूर और लाचार है । हम लोगो ने दवाओं के अभाव में गरोबो को मरते हुए भी देखा है । तभी से हम लोगो ने निश्चय किया कि हम लोगो से जितना संभव हो सकेगा , महंगी दवाओं को खरीद कर ऐसे मरीजो को देंगे जो इसके वगैर ठीक नही हो सकता है ।
जब सभी युवा नये साल के जश्न की तैयारी में लगे है तो आप लोग यह चाय की दुकान लगाकर चैरिटी के लिये धन इकट्ठा कर रहे है ,क्या आप लोगो का मन नही नये साल के जश्न मनाने का करता है आखिर आप लोग भी तो युवा ही है ? के जबाब में मुकुंद शुक्ला और नैना सिंह ने कहा कि एक दिन पिकनिक मना लेने से जिंदगी नही बदल जाएगी लेकिन एक दिन हम अपने पिकनिक को छोड़ कर जरूरतमंद की सहायता कर देते है तो संभव है उस गरीब की जरूर जिंदगी बदल जाए ।
में बात की गई तो इनका कहना था कि हमारी संस्था और इससे जुड़े प्रत्येक सदस्य का यही ध्येय है कि जब भी मौका मिले उन लोगो के लिये कुछ किया जाय जो वास्तव में मजबूर और लाचार है । हम लोगो ने दवाओं के अभाव में गरोबो को मरते हुए भी देखा है । तभी से हम लोगो ने निश्चय किया कि हम लोगो से जितना संभव हो सकेगा , महंगी दवाओं को खरीद कर ऐसे मरीजो को देंगे जो इसके वगैर ठीक नही हो सकता है ।
जब सभी युवा नये साल के जश्न की तैयारी में लगे है तो आप लोग यह चाय की दुकान लगाकर चैरिटी के लिये धन इकट्ठा कर रहे है ,क्या आप लोगो का मन नही नये साल के जश्न मनाने का करता है आखिर आप लोग भी तो युवा ही है ? के जबाब में मुकुंद शुक्ला और नैना सिंह ने कहा कि एक दिन पिकनिक मना लेने से जिंदगी नही बदल जाएगी लेकिन एक दिन हम अपने पिकनिक को छोड़ कर जरूरतमंद की सहायता कर देते है तो संभव है उस गरीब की जरूर जिंदगी बदल जाए ।
चेंतना तिराहे पर लगे तंदूरी स्टाल जो लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था ,लोगअपने आप खीचते नजर आये, और जब लोग रुक कर चाय को खरीद कर पिए और उन्हें जब इस तंदूर के चाय के पीछे के मकसद के बारे में पता चला, तो उनके चाय में दुगुना स्वाद आ गया । इनका मनना था, कि ये युवा जो कर रहे है, वो किसी मंदिर मस्जिद में पैसे देने से या पुण्य कमाने से बहुत बढ़ कर है, और इनके हौसले को हम सैल्यूट करते है और बहुत अच्छा काम ये नौजवान बच्चे कर रहे है, हमारा इनके इस काम को लेकर पूरा समर्थन और सहयोग है ।
राहगीर सुनिक्षा श्रीवास्तव और राहगीर डॉ रूप कुमार बनर्जी ने चाय पीने के बाद कहा कि जैसा नाम वैसा काम, जैसे तंदूरी चाय अपने स्वाद के लिए जानी जाती है, वैसे इन युवा दर्पण का काम तंदूरी चाय के बहाने और उसके पीछे की सोच स्वास्थ्य सेवा प्रकल्प को जिसने भी सूना और देखा उसने सराहा, और अपना पूरा साथ भी लोगो ने दिया, और अब ये एक नए सोच के साथ नए साल में इस तंदूरी चाय के पैसे से तमाम जरूरत मंदों को मदद पहुंचाएंगे । निश्चित रूप से इन नौजवानों की तरह अगर हर एक नौजवान सोच रखे तो कोई भी बिना दवा के नहीं मरेगा, और सरकार के अभियान के साथ अपने को खड़ा पायेगा ।