भूगोल जगत में डा० गणेश कुमार पाठक ने बढ़ाया बलिया का मान
भूगोल जगत में डा० पाठक ने बढ़ाया बलिया का मान
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
बलिया 5 दिसम्बर 2018 ।।
चास कालेज चास, बोकारो, झारखण्ड में 1 एवं 2 दिसम्बर 2018 को आयोजित "बिहार एवं झारखण्ड भूगोल संघ" के वार्षिक अधिवेशन / सेमिनार में सहभागिता निभाने के पश्चात आज बलिया लौटने पर अमर नाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य एवं पर्यावरणविद् डा०-गणेशकुमार पाठक ने एक भेंटवार्ता में बताया कि भूगोल के इस विशाल समागम में बलिया से कुँवर सिंह महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा० अंजनी कुमार सिंह सहित इस महाविद्यालय के भूगोल के असिस्टेण्ट प्रोफेसर डा० सुनील कुमार चतुर्वेदी ने भी भाग लिया। इस सेमिनार में बलिया से गये इन सभी भूगोलविदों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। डा० पाठक ने बताया कि उनके द्वारा " झारखण्ड के विकास स्तर में असमानता" तथा" झारखण्ड में खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण: समस्याएँ एवं समाधान नामक शोध पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसकी भूरि- भूरि प्रशंसा की गयी ।
डा० पाठक ने बताया कि इस अधिवेशन/ सेमिनार में उन्हें तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ तथा इससे भी बढ़कर उपलब्धि यह रही कि इस सेमिनार में युवा भुगोलविद् सम्मान( पुरस्कार) हेतु आयोजित प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाने के लिए भी कार्यकारिणी द्वारा चयन किया गया, जिसका उन्होंने निर्वहन किया। इस सेमिनार/ अधिवेशन की सबसे बड़ी उपलब्धि एवं बलिया जिले के लिए गौरव की बात यह रही कि इस भूगोल संघ की कार्यकारिणी द्वारा लिए गये निर्णय के अनुसार कार्यकारिणी हेतु चयनित सदस्यों बिहार एवं झारखण्ड के सदस्यों के अलावा देश के अन्य राज्यों से एक मात्र चयन किए जाने वाले कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में डा० गणेशकुमार पाठक का चयन किया गया , जिसकी विधिवत घोषणा आम सभा की बैठक में की गयी। इस तरह बिहार एवं झारखण्ड भूगोल संघ की कार्यकारिणी में चयन से न केवल डा० पाठक का मान बढ़ा है, बल्कि इससे बलिया जनपद भी गौरवान्वित हुआ है।साथ ही साथ यह भी बताते चले कि सन 2009 में "बिहार एवं झारखंड भूगोल संघ" का वार्षिक अधिवेशन एल0एन0 मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा में हुआ था।जिसमे युवा भूगोल विद सम्मान में डॉ सुनील कुमार ओझा(असिस्टेंट प्रोफेसर,भूगोल बिभाग-अमर नाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज दुबेछपरा बलिया ) भी पुरस्कृत हो चुके है।जो डॉ गणेश पाठक के शिष्य है।