बलिया : अदूरदर्शिता ने किया ददरी मेला के ऐतिहासिक भारतेन्दु कला मंच को शर्मसार , कलाकार मौजूद पर दर्शक/स्रोता नदारद
अदूरदर्शिता ने किया ददरी मेला के ऐतिहासिक भारतेन्दु कला मंच को शर्मसार
कलाकार मौजूद पर दर्शक/स्रोता नदारद
आठ बजे से शुरू होना था कौव्वाली मुकाबला , साढ़े नौ बजे तक दर्शको का टोटा
सबसे पहले पांडाल में पहुंचने वाले बने नगर मजिस्ट्रेट
बाद में पहुंचे ईओ और मेला प्रबन्धक
शशि कुमार की रिपोर्ट
बलिया 4 दिसम्बर 2018 ।। "इस बार ददरी मेला ऐसा होगा कि सौ साल का रिकार्ड टूट जाएगा " यह बातें मै नही कह रहा हूँ , बल्कि यह हमारे लोकप्रिय चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी कहते है । आज वास्तव में ददरी मेला के भारतेन्दु कला मंच पर सौ साल का रिकार्ड टूट गया जब कलाकार पहले आ गये लेकिन न तो मेजबान दिखे न ही दर्शक । पहली बार भारतेन्दु कला मंच दर्शको के न रहने से शर्मसार हुआ । इस पांडाल में आने वाले पहले व्यक्ति नगर मजिस्ट्रेट डॉ विश्राम जी रहे , जिनको रिसीव करने के लिये भी कोई नगर पालिका का कर्मचारी नही था । साहब खुद ही अकेले बैठकर फोन किये तब ईओ साहब का प्रादुर्भाव हुआ । नगर पालिका के बाबू माइक से अपील करने लगे कि भाइयो बहनों जल्दी आइये कि कौव्वाली शुरू कराया जाय । यह नगर पालिका परिषद की बदइंतजामी और जिला प्रशासन द्वारा इनको खुली छूट देने का नतीजा है । इस बार नगर पालिका का पूरा प्रचार अनुराधा पौडवाल और कुमार विश्वास के प्रचार पर है । पहला कार्यक्रम अनुराधा पौडवाल का अव्यवस्था की भेंट चढ़कर मात्र दो घंटे में ही समाप्त हो गया । आज की कौव्वाली में कौन कौन कलाकार आ रहे है उसका प्रचार ही नही हुआ तो दर्शक कहा से आएंगे । दूसरा कार्यक्रम भी ऐतिहासिक फ्लाप ही हो गया । अब नगर पालिका के कर्णधारों को कोई समझाए कि कुमार विश्वास के अलावा और कौन कौन से प्रसिद्ध कवि और शायर आ रहे है उनके नाम को भी प्रचारित कराया जाय नही तो मुशायरा और कवि सम्मेलन भी समाजसेवी की सोच के अनुरूप रिकार्ड कायम कर जाएगा ?
भारतेन्दु कला मंच की गरिमा को नासमझों से बचाना जिला प्रशासन की महती जिम्मेदारी हो गयी है ।