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नगरा बलिया : कही दवाओं के लिये मरीज बेहाल , तो कही मरीजो को देने की बजाय आलमारियों में ही दवाएं हुई एक्सपायरी


 कही दवाओं के लिये मरीज बेहाल , तो कही मरीजो को देने की बजाय आलमारियों में दवाएं हुई एक्सपायरी
नगरा सीएचसी का एसडीएम ने किया औचक निरीक्षण तो खुला राज
बृजेश सिंह की रिपोर्ट









नगरा बलिया 29 दिसम्बर 2018 ।। एक तरफ बलिया के सीएमओ और जिला अस्पताल के सीएमएस दवाओं की कमी का रोना रोते है वही बलिया जनपद की एक ऐसी सीएचसी नगरा भी है जहां दवाएं रखी रखी एक्सपायर हो जा रही है लेकिन मरीजो को नही दी जा रही है । या यूं कहें कि या तो डॉक्टरों के समय से उपलब्ध न होने से मरीज ही नही जा रहे होंगे या कमीशन के चक्कर मे मरीजो से बाहर की दवाएं खरीदने की बाते कही जाती होगी ? वही दवाओं के स्टॉक को देखने वाले प्रभारी को इतनी भी फुर्सत नही लगी कि वो देखे कि कौन कौन दवाएं सही है और कौन एक्सपायरी डेट की हो गयी है । अगर किसी आपात स्थिति में यही एक्सपायरी वाली दवा मरीजो को खिला दी गयी होती तो न जाने क्या हंगामा खड़ा हो जाता ।गनीमत है पिछले 25 दिसम्बर को बलिया में दो प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी द्वय एसडीएम बांसडीह अन्नपूर्णा गर्ग और विपिन जैन की टीम ने बलिया स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्य गोदाम पर छापेमारी करके स्टॉक में गड़बड़ी को पकड़ कर जिलाधिकारी को अवगत कराया ।उसी के बाद अस्पतालों पर औचक निरीक्षण की जिला प्रशासन की योजना बनी है । शनिवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा का औचक निरीक्षण करने पहुँचे उपजिलाधिकारी रसड़ा को भारी मात्रा में एक्सपायरी डेट की दवाइयां मिली।डॉट्स पर मौजूद कर्मचारी कोई जबाब नही दे पाया।यहां तक कि आवक और जावक रजिस्टर भी अधूरा मिला ।यही नही इमरजेंसी चाभी भी प्रभारी चिकित्साधिकारी के पास नही थी।जिस पर भड़के उपजिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को खरी खोटी सुनाते हुए रिपोर्ट बनाकर भेजने  के साथ सभी एक्सपायरी दवाओं को सील करने का निर्देश दिया।
        बता दे कि विकास खण्ड नगरा का निरीक्षण करने पहुँचे एसडीएम रसड़ा ज्ञान प्रकाश यादव ने ब्लाक सम्बन्धित सभी पत्रावलियों का जांच करने के उपरांत औचक निरीक्षण करने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा पर पहुँच गए।अस्पताल पर अचानक एसडीएम को देख स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कम्प मच गया।निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम ने सबसे पहले दवाओं की जांच की जिसमे दवाए भारी मात्रा में एक्सपायरी डेट की मिली।इन्ही दवाओं में मलेरिया से सम्बंधित एक दवा की 51 शीशियां मिली जो अक्टूबर 2018 में ही एक्सपायर हो चुकी है।जांच के दौरान दवा के सापेक्ष स्टाक रजिस्टर भी पूर्ण नही था।एसडीएम ने जब दवा रखी आलमारी को खोलने के लिए डॉट्स पर मौजूद कर्मचारी को कहा तो उसने चाभी न होने की बात कही।इसपर उन्होंने प्रभारी चिकित्साधिकारी से चाभी के बाबत पूछा।जिसपर पीएचसी प्रभारी द्वारा कोई चाभी पास में न होने की बात कहने पर तमतमाए उपजिलाधिकारी ने एमओ आइसी को फटकार लगाते हुए आगे से अस्पताल के सभी अलमारियों की एक एक चाभी बनवा कर अपने पास रखने का निर्देश दिया।इसके साथ ही एसडीएम ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को अस्पताल में  सुरक्षा की दृष्टि से सीडीटीवी कैमरा एवं अन्य कमियों को सुधारने हेतु कार्ययोजना बनाकर बीडीओ नगरा के पास भेजने को कहा।निरीक्षण के दौरान ब्लाक प्रमुख अनिल सिंह, बीडीओ नगरा रामअशीष, सीएचसी प्रभारी डॉ अमित राय आदि मौजूद रहे।