बलिया : अतिक्रमण हटाओ दस्ते से गुमटी बचाने के लिये गुमटी पर चढ़ गया नाई , हटाने के लिये समय के लिये जुर्माना भी देकर जेसीबी से नही बचा पाया गुमटी , नगर पालिका की ट्रेक्टर से खुद उतारा अपनी गुमटी के अवशेष
अतिक्रमण हटाओ दस्ते से गुमटी बचाने के लिये गुमटी पर चढ़ गया नाई , हटाने के लिये समय के लिये जुर्माना भी देकर जेसीबी से नही बचा पाया गुमटी
नगर पालिका की ट्रेक्टर से खुद उतारा अपनी गुमटी के अवशेष
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
बलिया 30 दिसम्बर 2018 ।। नगर पालिका बलिया द्वारा शहर में चलाये जा रहे अतिक्रमण हटाओ दस्ते से अपनी गुमटी को तोड़ने से बचाने के लिये आज एक नाई , शोले फ़िल्म के वीरू की तरह जबतक जेसीबी गुमटी को तोड़ती वह गुमटी की छत पर पहुंच कर जेसीबी और गुमटी के बीच मे खड़ा हो गया । यह देख अतिक्रमण हटाने वाले दस्ते के अधिकारी और कर्मचारी भी हत्प्रद होकर सहम गये । लगभग 20 मिनट तक समझाने के बाद भी जब वह नीचे नही उतरा तो नगर पालिका के दो कर्मचारी ऊपर जाकर उसको उतारने लगे । लेकिन वह एक ही रट लगाये था कि मेरी गुमटी तोड़िये मत मुझे कुछ देर का समय दे दीजिये ,मैं स्वतः हटा लूंगा । जुर्माने के तौर पर उसके द्वारा 5 सौ रुपये भी दिये गये , लेकिन उसके नीचे उतरते और जुर्माना देने के वावजूद जेसीबी ने एक चोट में उसकी गुमटी को तोड़ कर उसकी जीविका की दुकान को नेस्तनाबूद कर दिया और उसके मलबे को लाद कर ट्रेक्टर से ले जाने लगे तो वह तड़प उठा और एक बार फिर अपनी प्यारी गुमटी के मलबे के लिये उलझ पड़ा जिसके समर्थन में स्थानीय लोगो ने जब आवाज उठाई तो मजबूरन नगर पालिका कर्मियों ने उसको ट्रेक्टर से मलबा उतारने की इजाजत दे दी । वीडियो में मलबा उतारते वक्त उसकी पीड़ा को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है । लोगो मे इस बात को लेकर आक्रोश देखा गया कि जब बड़े लोगो को जुर्माना देने पर एक दिन दो दिन को मोहल्लत नगर पालिका द्वारा दे दी जा रही है तो इस गरीब नाई को जुर्माना देने के बाद क्या एक घण्टे की भी मोहल्लत नही मिल सकती थी ? अपनी गुमटी को पाई पाई जोड़कर खड़ा करने वाला , रोज कमाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला , अगर एक घण्टे की मोहलत पा जाता तो क्या हटा नही लेता ? अब यह गरीब अपने बच्चों का पेट पालेगा कि गुमटी के लिये किसी से कर्ज लेगा ? अधिकारियों को गरीबो के प्रति थोड़ी सी तो मानवता दिखानी ही चाहिये । यह अभियान आज आँख अस्पताल से बनकटा होते हुए कासिम बाजार चौराहे तक चला । नाई की गुमटी नगर पालिका के कटरे के अंदर एक पेड़ के नीचे थी ।