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तीन राज्यों के चुनाव परिणाम ने राहुल की बढ़ाई साख , विरोधियों के अंदर से अब फूटने लगे स्वीकार्यता के स्वर





11 दिसम्बर 2018 ।।

पांच राज्यो के चुनाव ने बीजेपी विरोधी दलों के बीच कांग्रेस की स्वीकार्यकता बढ़ा दी है. जो रीजनल पार्टियां कांग्रेस से गठबंधन करने से कतरा रही थीं उनके सुर बदलने लगे हैं. सियासी जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी को बड़ी जीत की जरूरत थी वो होती नजर आ रही है. इसलिए अब उनका कद भी बढ़ेगा. महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी. 

आरजेडी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा, "शुरुआत हो चुकी है और जनता ने यह दिखा दिया है कि किसी भी रूप में बीजेपी स्वीकार नहीं है...कोई दो राय नहीं है कि राहुल गांधी इस विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष हैं लेकिन अंतिम फैसला जब सारे दल मिलेंगे तब करेंगे.

टीडीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा, लोगों ने बीजेपी को नकारा है और आने वाले दिनों में नए राजनीतिक समीकरण बने हैं. जाहिर सी बात है कांग्रेस की स्वीकार्यता बढ़ी है.



सपा सांसद संजय सेठ ने कहा, जिन प्रदेशों में चुनाव हुआ है वहां कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है. उसने अच्छा प्रदर्शन किया है..कल की बैठक (महागठबंधन) में शामिल न होने का फैसला हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया था.. जाहिर है इन नतीजों के बाद सोच बदलेगी. अभी तक बीएसपी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. बीएसपी ने छत्तीगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा है. समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस के खिलाफ तल्खी दिखाते हुए अपने प्रत्याशी उतारे थे.