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बलिया :अब जिला पंचायत में गड़बड़ झाला करने की एक और तैयारी !, शासनादेश के विपरीत पेवर ब्लाक ईट की सड़क बनाने की 137 निविदाओं को निरस्त करने की तैयारी, आखिर शेष की कब आएगी बारी ?

अब जिला पंचायत में गड़बड़ झाला करने की एक और तैयारी !,
शासनादेश के विपरीत पेवर ब्लाक ईट की सड़क बनाने की 137 निविदाओं को निरस्त करने की तैयारी,
आखिर शेष की कब आएगी बारी ?
इतनी अनियमितता , शासनादेशों का उलंघन करने वाले अभियंता , निर्माण सेक्शन के कर्मियों पर कब होगी कार्यवाई ,शासन द्वारा क्यो हो रही है इन पर मेहरबानी ?
मधुसूदन सिंह 

बलिया 30 दिसम्बर 2018 ।। पिछले 20 दिसम्बर से जिला पंचायत बलिया द्वारा निर्माण कार्य हेतु निकाली गयी 211 कार्यो के लिये निविदायें प्रकाशित होते ही विवादों के घेरे में आ गयी । इन निविदाओं में निर्माण के लिये प्रस्तावित सड़को आदि का जब पत्रकारों द्वारा निरीक्षण कार्य किया जाने लगा तो दाल में काला नही बल्कि पूरी पूरी दाल ही काली दिखने लगी । ज्योज्यो अखबारों की पड़ताल आगे बढ़ती गई पुराने कार्यो के नाम पर ही पुनः भुगतान लेने की साजिश का खुलासा होने लगा । खबरों के प्रकाशित होने से असर का आलम यह रहा कि अध्यक्ष सुधीर पासवान की इस संबंध में लगातार चुप्पी से नाराज इन्ही के समर्थकों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलकर डीएम को अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस तक दे दी । यह अलग बात है कि अध्यक्ष ने भी अगले ही दिन अपने साथ विरोधियों से अधिक सदस्यों के समर्थन का पत्रक सदस्यों संग उपस्थित होकर डीएम को दे दिया , यह अलग बात थी कि महिला सदस्यों की जगह उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया था । संभावना है कि विधिक राय लेने के बाद जिला अधिकारी 3 जनवरी 2019 तक अविश्वास प्रस्ताव के लिये दी गयी नोटिस का जबाब देंगे कि प्रस्ताव आएगा कि नही । यह तो राजनैतिक प्रकरण है ।
   अब आते है विभागीय प्रकरण पर । जब कई वर्षों से शासनादेश प्रभावी है कि जिस सड़क पर हेवी वेहिकल्स का आवगमन हो उस सड़क को पेवर ब्लाक ईट से नही बनायी जाएगी तो फिर 211 में से लगभग 137 सड़को को पेवर ब्लाक से बनाने का प्रस्ताव और आगणन कैसे निर्माण सेक्शन के बाबुओं और अभियंता ने बनाया ही नही अपर मुख्याधिकारी और अध्यक्ष से अनुमोदित भी करा लिया ? जब इनको शासनादेशों की अद्यतन जानकारी ही नही है तो इनको ऐसे महत्वपूर्ण सेक्शन में क्यो रखा गया है ? इसका जबाब किसी के पास नही है । साथ ही प्रथम दृष्टया इस गड़बड़ झाले में निर्माण सेक्शन और स्थलीय जांच कर आगणन बनाने वाले अभियंता दोषी है तो आखिर इनके खिलाफ कार्यवाई अब तक क्यो नही हुई ? क्या इनके रसूख और पहुंच इतनी ऊपर तक है कि चाहे अध्यक्ष हो या जिला प्रशासन इनके खिलाफ कार्यवाई करने से हिचक रहा है ? सीएम योगी की बार बार की घोषणा कि भ्रष्टाचार को न तो पनपने देंगे , न ही इसको करने वालो को छोड़ेंगे तो फिर इस निविदा प्रकरण में इससे संबंधित किसी भी सरकारी कर्मचारी पर अब तक कार्यवाई क्यों नही हुई यह तो सवाल खड़ा ही हो रहा है । इतनी बिसंगतियो के वावजूद यह प्रकाशित निविदा अब तक निरस्त नही हुई है , उससे प्रशासन से लेकर शासन की शून्य भ्रष्टाचार की पॉलिसी पर उंगली तो उठ ही रही है ।