दुबेछपरा बलिया : गंगा के मार्ग के अवरोधों को नही हटाया तो सरस्वती की तरह किताबी ज्ञान की वस्तु बनकर रह जायेगी गंगा : स्वामी कमल दास वेदांती
गंगा के मार्ग के अवरोधों को नही हटाया तो सरस्वती की तरह किताबी ज्ञान की वस्तु बनकर रह जायेगी गंगा : स्वामी कमल दास वेदांती
कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर देव् दीपावली के शुभ अवसर पर दुबेछपरा गंगा घाट का नामकरण किया गया "हनुमत घाट "
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
हनुमत घाट दुबेछपरा(बलिया) 22 नवम्बर 2018 ।।
आज गंगा महाआरती का भव्य आयोजन स्थानित हनुमत घाट , गोपालपुर (उदई छपरा),दुबेछपरा,बलिया पर किया गया ।जहाँ पर कमलदास जी (वेदान्ती जी) महाराज का आश्रम भी स्थापित किया गया है।आज से यह घाट हनुमत घाट के नाम से भी जाना जाएगा।वेदान्ती जी के सानिध्य में सभी ग्रामवासियो ने मिलकर यहाँ देव् दीपावली के उपलक्ष्य में 54000 दीपों के साथ घाट को सजाने का कार्य किया । बताते चले कि यह स्थान संत महात्माओं की ही तपस्थली रहा है जिसमे स्वामी हरेराम ब्रह्मचारी का समाधि स्थल और योगी वीर बाबा की भी जीवित समाधि स्थल है।वेदान्ती जी के शब्दों में यह कार्तिक माह भगवान राम कृष्ण को अतिप्रिय है।इसको दामोदर मास भी कहते है।इसमें गंगा स्नान और गंगा पूजन,दिप दान का भी प्राविधान है।चुकी गंगा मोक्ष दायिनी भी है ,इसकी अविरल धारा को रोक दिया गया है जो की बहुत ही गलत है।गंगा की अविरलता को बनाये रखने के लिए इसके मार्ग में बने विभिन्न अवरोधों को हटाना होगा तभी गंगा का अस्तित्व बचेगा और मोक्षदायिनी गंगा मां बचेगी , नही तो गंगा के न रहने पर यह संभव नही है कि हमारा भी अस्तित्व बचे। अगर अवरोधों को नही हटाया गया तो आगे आने वाले दिनों में सरस्वती की तरह मात्र किताबी ज्ञान की विषयवस्तु बन कर रह जायेगी गंगा।आज देव दीपावली के शुभ अवसर पर वेदान्ती जी ने उपस्थित सभी लोगो को संकल्प दिलाया कि गंगा की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही सारे कार्य किये जाएंगे जिस से की गंगा प्रदूषित न हो।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त क्षेत्रवासियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।