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तो क्या देश को मिलने जा रही है पहली महिला मुख्य आर्थिक सलाहकार ? जानिये पूरी कहानी ..
तो क्या देश को मिलने जा रही है पहली महिला मुख्य आर्थिक सलाहकार ? जानिये पूरी कहानी ..

21 नवम्बर 2018 ।।
देश को जल्द मुख्य आर्थिक सलाहकार मिल सकता है और वह भी महिला अर्थशास्त्री के रूप में ।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक में भारत की लीड इकनॉमिस्ट पूनम गुप्ता को यह पद दिया जा सकता है. अरविंद सुब्रमण्यन का एक्सटेंशन अगस्त में खत्म हो गया था. इसके बाद से यह पद खाली है. इनके अलावा उनके साथ जेपी मॉर्गन के चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट साजिद चिनॉय और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी मुख्य आर्थिक सलाहकार पद की रेस में शामिल हैं.
अंग्रेजी के बिज़नेस न्यूज पेपर इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक भारत की लीड इकनॉमिस्ट पूनम गुप्ता मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद की रेस में सबसे आगे है.
कौन है पूनम गुप्ता ?
वर्ल्ड बैंक में भारत की ओर से इकनॉमिस्ट नियुक्त है. वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया चेयर प्रोफेसर थीं. इसके अलावा वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एसोसिएट प्रोफेसर रही है. उन्होंने IMF में इकोनॉमिस्ट के तौर पर काम भी किया है. वह इंटरनेशनल इकोनॉमी में पीएचडी है.
नियुक्त हुई कमेटी
नियुक्त हुई कमेटी
सरकार ने उनका उत्तराधिकारी ढूंढने के लिए रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में एक सर्च कमेटी बनाई है. अरविंद से पहले रघुराम राजन मुख्य आर्थिक सलाहकार थे. इन दोनों के पास इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) और वर्ल्ड बैंक में काम करने का तजुर्बा था. उनके पास शानदार एकेडमिक बैकग्राउंड था.
क्या करता है मुख्य आर्थिक सलाहकार
क्या करता है मुख्य आर्थिक सलाहकार
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये बात कम लोग जानते हैं कि CEA दरअसल वित्त मंत्रालय का मुख्य आर्थिक सलाहकार होता है, भारत सरकार का नहीं. आर्थिक सलाहकार तो हर मंत्रालय में होते हैं, जो इंडियन इकनॉमिक सर्विस से आते हैं. उनका चयन यूपीएससी के जरिये ही होता है. 2009 तक मुख्य आर्थिक सलाहकार का ओहदा भी यूपीएसएसी से आए अफसरों से ही भरा जाता था.
वित्त मंत्रालय के अफसर तो यही मानते हैं कि सीईए का काम सिर्फ आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करना है. ये बात सच है कि आर्थिक सर्वेक्षण, आंकड़ों और उनके विश्लेषण के संग्रह और नए-नए क्रांतिकारी सुझावों को पेश करने वाले प्लेटफॉर्म के तौर पर उभरा है.
सबसे पहले 1984 से 1989 के दौरान बिमल जालान ने और फिर 1992 से 1994 के दौरान अशोक देसाई ने आर्थिक सर्वेक्षण के स्तर में काफी सुधार किया, जिससे ये पहले से ज्यादा पढ़ने लायक बना है. लेकिन आंकड़ों का संग्रह तैयार करना अब पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा आसान है, जिसे बड़ी आसानी से बजट दस्तावेज में शामिल किया जा सकता है, या सांख्यिकी मंत्रालय के हवाले किया जा सकता है.
वित्त मंत्रालय के अफसर तो यही मानते हैं कि सीईए का काम सिर्फ आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करना है. ये बात सच है कि आर्थिक सर्वेक्षण, आंकड़ों और उनके विश्लेषण के संग्रह और नए-नए क्रांतिकारी सुझावों को पेश करने वाले प्लेटफॉर्म के तौर पर उभरा है.
सबसे पहले 1984 से 1989 के दौरान बिमल जालान ने और फिर 1992 से 1994 के दौरान अशोक देसाई ने आर्थिक सर्वेक्षण के स्तर में काफी सुधार किया, जिससे ये पहले से ज्यादा पढ़ने लायक बना है. लेकिन आंकड़ों का संग्रह तैयार करना अब पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा आसान है, जिसे बड़ी आसानी से बजट दस्तावेज में शामिल किया जा सकता है, या सांख्यिकी मंत्रालय के हवाले किया जा सकता है.
तो क्या देश को मिलने जा रही है पहली महिला मुख्य आर्थिक सलाहकार ? जानिये पूरी कहानी ..
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
November 21, 2018
Rating: 5
