राजनैतिक लाभ के लिए केरल में जुटी पार्टियां
राजनैतिक लाभ के लिए केरल में जुटी पार्टियां
अमित कुमार की रिपोर्ट
केरल 30 अक्टूबर 2018 ।।
केरल में सबरीमाला के मंदिर में सभी उम्र की महिलाओ के प्रवेश लिए ऐसा तूफान मचा है जिसके बाद सभी राजनैतिक दल अपने वोट बैंकों को मजबूत करने में जुट गए है। महिलाओ ले प्रवेश सम्बन्धी मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखलंदाजी के बाद सभी राजनैतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया । वही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कन्नूर पहुँचने के बाद वाम मोर्चे की सरकार पर काफी कुछ बोल गए , उंन्होने कहा कि अयप्पा भक्तों पर अगर हमला जारी रहा तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी । इसके बाद अमित शाह ने केरल में अपने कार्यकताओं से अपील की की आने वाले समय में बीजेपी का ग्राफ बढ़ाए। बीजेपी का धार्मिक एजेंडा केरल की राजनीति में कितना कारगर सिद्ध साबित होगा ये तो आने वाला वक्त बतायेगा, लेकिन जिस तरह अमित शाह ने अपना राजनैतिक कार्ड कन्नूर में खोला उससे साबित होता है कि अमित शाह कन्नूर में 2016 के विधानसभा चुनावो वाली गलतियां नही दोहराना चाहते है। कन्नूर शहर वाम और दक्षिण विचारधाराओं के बीच टकराव का केंद्र बिंदु रहा है। जिसके बाद बीजेपी धार्मिक एवं आस्था के अपने मुख्य एजेंडे का इस्तेमाल का केरल में भरसक फायदा उठाने के लिए प्रयासरत है। यह प्रयास कितना कारगर सिद्ध साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही* *बताएगा , लेकिन एक बात तो यह हो गई बीजेपी का मुख्य हथियार धार्मिक आस्था है और हिंदुओं के पीड़ित होने के कार्ड को बड़े पैमाने पर भुंनाने का कोई भी मौका ईजाद नही करती। बीजेपी केरल में धार्मिक भावना और सबरीमाला मंदिर के प्रति श्रदालुओ की* *आस्था को भुनाने के प्रयास में लग गई। वैसे केरल में हिंदूवादी राजनीति के लिए कोई भूमिका नहीं है मगर आरएसएस और भाजपा दोनो मिलकर इस धारणा को तोड़ने की पुरजोर कोसिस कर रहे है।