Breaking News

गोरखपुर : सूरजकुंड पोखरी में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से हड़कम्प

गोरखपुर ब्रेकिंग

सूरजकुंड पोखरी में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने से हड़कम्प 
अमित कुमार की रिपोर्ट


गोरखपुर 15 अगस्त 2018 ।। तिवारीपुर थाना क्षेत्र के सूरज कुंड धाम में बड़ी संख्या में पोखरी में मछलियां मर गई। जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई मौके पर पहुंचे नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश सिंह और उनकी टीम में मछलियों को टैक्टर ट्राली में लाद कर हटाया गया। हालांकि अभी तक मछलियों के मरने का कारण नहीं पता चल पाया है फिलहाल सूरज कुंड धाम पर घटना की सूचना होने पर मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुट रहे है।

अपडेट न्यूज
ऐतिहासिक सूर्यकुंड पोखरे की मछलियां मरीं
सूर्यकुंड के ऐतिहासिक पोखरे में दीवाली से ठीक पहले मछलियों के मरने की सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार की सुबह आसपास के लोगों में देखा कि बहुत सी मछलिया पोखरे के किनारे मरी पड़ी हुई हैं। 
मौके पर पहुचे अधिकारी कर रहे है जांच 
मछलियों के मरने की सूचना पाकर नगर आयुक्त और मत्स्य विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुच गए। लोगों का कहना है कि प्रदूषण के कारण पानी में आक्सीजन की कमी से यह नौबत आई है। पहले भी यहां इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। नगर निगम ने पोखरे के आसपास सफाई करा दी है। 
5 साल से मर रही है मछलिया 
सूरजकुंड पोखरे में कछुओं और मछलियों के मरने का सिलसिला पिछले पांच साल से लगातार चल रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अभी तक केवल मछलियां ही इस पोखरे से मरती थीं, लेकिन अब तो कछुओं की भी मौत होने लगी है। इसका मतलब यह होता है कि पोखरे के पानी में आक्सी जन नहीं है, इसके नीचे की मिट्टी भी पूरी तरह से दूषित हो गई है और उसमें आक्सीजन समाप्त हो गया है। सितंबर 2013 में इसी तरह अचानक मछलियों के मरने का सिलसिला हुआ था। एक दो दिन तो लोगों को यह सामान्य घटना लगी, लेकिन जब तीसरे दिन बड़ी संख्या में मछलियां मरीं तो लोगों ने हंगामा किया। इसी तरह 2014 और 2015 के दीवाली के दूसरे दिन बड़ी संख्या में मछलियां मरीं थीं।
गोरखपुर विश्वथविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग ने मछलियों को लाकर अपने प्रयोगशाला में जांच की। पता चला कि पोखरे के पानी में ऑक्सीजन कम होने के कारण मछलियां मरी हैं। उसके बाद मत्स्य विभाग ने पूरे तालाब में चूना डालकर सफाई की। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश सिंह ने कहा हैं की पोखरे की सफाई कराई जायेगी ताकि आगे से ऐसी नौबत न आये।