बलिया : माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को भी नही मान रही प्रदेश सरकार -पूर्व विधायक सनातन पांडेय
माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को भी नही मान रही प्रदेश सरकार -पूर्व विधायक सनातन पांडेय
राजनैतिक प्रतिशोध में पूर्व विधायक ने लगाया अपने आप को फ़साने का आरोप
कोर्ट के आदेश के बाद भी सीबीसीआईडी ने नही बदला विवेचक
बलिया 9 सितंबर 2018 ।।
एफआइआर मे नाम न होने के बाद भी सीबीसीआइडी के विवादित एडिशनल एसपी लल्लन प्रसाद यादव द्वारा पूर्व विधायक सनातन पान्डेय को आरोपित करने से सपाईयो मे उबाल आ गया है ।समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री/पूर्व विधायक रसड़ा सनातन पान्डेय ने जिला मुख्यालय पर रविवार को एक प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये कहा कि भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार अब इतनी निरंकुश हो गयी है कि अब उच्च न्यायलय का आदेश भी कुछ मायने नही रखता व समाजवादियो को परेशान करना उसकी नियत मे होकर कर के रह गया है ,इसका जीता जागता उदाहरण विधान सभा चुनाव 2017 के दौरान 4 मार्च की सायं हुआ विवाद है जिसमे सपा समर्थको को विरोधियो के साजिश का शिकार बनाया गया है ।जब इसकी विवेचना सीबीसीआईडी से करायी गयी तो उस पर विपक्षी गिरीश पान्डेय द्वारा द्वारा हाईकोर्ट से स्टे 3/5/2017 को ले लिया गया व तथ्यो को छिपाकर शासन से मिलीभगत कर गलत तरीके से आरोप पत्र दाखिल न्यायालय बलिया को 29/5/2017 को किया गया है जबकि न तो एफआईआर मे, न ही विवेचना मे कही नाम नही था, पर सीबीसीआईडी के विवेचक द्वारा जब इसकी जानकारी मुझे हुयी तो माननीय उच्च न्यायालय मे रिट दाखिल करी गयी जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया व सीबीसीआईडी तथा सरकार को फटकार लगाते हुये कोर्ट की अवमानना करने का निर्देश नवम्बर 2017 मे कर दिया गया गया पर अपने को घिरती देख सरकार ने गलती को माना जिस पर हाईकोर्ट ने विगत 9जुलाई 2018 विपक्षियो पर रुपये 50000 का जुर्माना लगाया व सरकार तथा सीबीसीआईडी के डायरेक्टर को आदेशित किया कि विवादित जांचकर्ता लल्लन यादव से 154 नम्बर मुकदमा की विवेचना बदलकर पुनः जांच किसी दुसरे सीबीसीआईडी के डीप्टी एसपी से ऊपर के अधिकारी से करायी जाय व विपक्षियो द्वारा किये गये अत्याचार पर भी दर्ज मुकदमा संख्या 155,156,157 2017 के मुकदमो की चार्जशीट चार सप्ताह मे प्रेषित की जाय ,पर समाजवादियो को परेशान करने की नियत से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सनातन पान्डेय व उनके समर्थको का नाम होने के चलते सरकार ने उच्च न्यायलय के आदेश की अवहेलना करते हुये उसी जांचकर्ता से जांच करवाते हुये समाजवादियो व सनातन पान्डेय पूर्व विधायक को परेशान करने की नियत से एफआइआर मे नाम न होने बाद भी पूर्व विधायक सनातन पान्डेय(मुझको) भी आरोपी बनाकर बलिया पुलिस को गिरफ्तारी करने का आदेश जारी कर दिया जिसे समाजवादी कार्यकर्ता बर्दाश्त नही करेगे व आर पार की लड़ाई लड़ेगे । साथ ही सरकार द्वारा समाजवादियों को परेशान करने की नियत व मनसा को कामयाब नही होने दिया जायेगा । साथ ही सीबीसीआईडी द्वारा की जा रही माननीय उच्च न्यायलय की अवहेलना को भी आमजन व कोर्ट के पटल पर रखा जायेगा । इस अवसर पर गोरख पासवान पउर्व विधायक, डॉ विश्राम यादव ,संजय यादव,आद्याशंकर यादव पूर्व जिला अध्यक्ष सपा बलिया
,वीरेन्द्र यादव,विजयशंकर यादव समेत समाजवादी पार्टी के कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
राजनैतिक प्रतिशोध में पूर्व विधायक ने लगाया अपने आप को फ़साने का आरोप
कोर्ट के आदेश के बाद भी सीबीसीआईडी ने नही बदला विवेचक
बलिया 9 सितंबर 2018 ।।
एफआइआर मे नाम न होने के बाद भी सीबीसीआइडी के विवादित एडिशनल एसपी लल्लन प्रसाद यादव द्वारा पूर्व विधायक सनातन पान्डेय को आरोपित करने से सपाईयो मे उबाल आ गया है ।समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री/पूर्व विधायक रसड़ा सनातन पान्डेय ने जिला मुख्यालय पर रविवार को एक प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये कहा कि भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार अब इतनी निरंकुश हो गयी है कि अब उच्च न्यायलय का आदेश भी कुछ मायने नही रखता व समाजवादियो को परेशान करना उसकी नियत मे होकर कर के रह गया है ,इसका जीता जागता उदाहरण विधान सभा चुनाव 2017 के दौरान 4 मार्च की सायं हुआ विवाद है जिसमे सपा समर्थको को विरोधियो के साजिश का शिकार बनाया गया है ।जब इसकी विवेचना सीबीसीआईडी से करायी गयी तो उस पर विपक्षी गिरीश पान्डेय द्वारा द्वारा हाईकोर्ट से स्टे 3/5/2017 को ले लिया गया व तथ्यो को छिपाकर शासन से मिलीभगत कर गलत तरीके से आरोप पत्र दाखिल न्यायालय बलिया को 29/5/2017 को किया गया है जबकि न तो एफआईआर मे, न ही विवेचना मे कही नाम नही था, पर सीबीसीआईडी के विवेचक द्वारा जब इसकी जानकारी मुझे हुयी तो माननीय उच्च न्यायालय मे रिट दाखिल करी गयी जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया व सीबीसीआईडी तथा सरकार को फटकार लगाते हुये कोर्ट की अवमानना करने का निर्देश नवम्बर 2017 मे कर दिया गया गया पर अपने को घिरती देख सरकार ने गलती को माना जिस पर हाईकोर्ट ने विगत 9जुलाई 2018 विपक्षियो पर रुपये 50000 का जुर्माना लगाया व सरकार तथा सीबीसीआईडी के डायरेक्टर को आदेशित किया कि विवादित जांचकर्ता लल्लन यादव से 154 नम्बर मुकदमा की विवेचना बदलकर पुनः जांच किसी दुसरे सीबीसीआईडी के डीप्टी एसपी से ऊपर के अधिकारी से करायी जाय व विपक्षियो द्वारा किये गये अत्याचार पर भी दर्ज मुकदमा संख्या 155,156,157 2017 के मुकदमो की चार्जशीट चार सप्ताह मे प्रेषित की जाय ,पर समाजवादियो को परेशान करने की नियत से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सनातन पान्डेय व उनके समर्थको का नाम होने के चलते सरकार ने उच्च न्यायलय के आदेश की अवहेलना करते हुये उसी जांचकर्ता से जांच करवाते हुये समाजवादियो व सनातन पान्डेय पूर्व विधायक को परेशान करने की नियत से एफआइआर मे नाम न होने बाद भी पूर्व विधायक सनातन पान्डेय(मुझको) भी आरोपी बनाकर बलिया पुलिस को गिरफ्तारी करने का आदेश जारी कर दिया जिसे समाजवादी कार्यकर्ता बर्दाश्त नही करेगे व आर पार की लड़ाई लड़ेगे । साथ ही सरकार द्वारा समाजवादियों को परेशान करने की नियत व मनसा को कामयाब नही होने दिया जायेगा । साथ ही सीबीसीआईडी द्वारा की जा रही माननीय उच्च न्यायलय की अवहेलना को भी आमजन व कोर्ट के पटल पर रखा जायेगा । इस अवसर पर गोरख पासवान पउर्व विधायक, डॉ विश्राम यादव ,संजय यादव,आद्याशंकर यादव पूर्व जिला अध्यक्ष सपा बलिया
,वीरेन्द्र यादव,विजयशंकर यादव समेत समाजवादी पार्टी के कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।