गोरखपुर जिला अस्पताल की मर्चरी : जहां लावारिश लाशो में पड़ जाते है कीड़े , रास्ता चलना होता है मुहाल
*गोरखपुर ब्रेकिंग.....*
यहां लावारिस लाशों में पड़ते हैं कीड़े
अव्यवस्था की शिकार गोरखपुर जिला अस्पताल की मर्चरी
अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर 7 सितंबर 2018 ।। कहते हैं किसी अनजान का इस शहर में ज़िंदगी गुज़ारना बड़ा मुश्किल है लेकिन उससे भी ज्यादा मुश्किल है यहां किसी लावारिस की मौत का सफर। हम बात कर रहे है सीएम सिटी में लावारिस लाशों और मर्चरी हाउस की। गोरखपुर जिला अस्पताल की मर्चरी पूरी तरह से गंदगी अव्यवस्था और बदबू का शिकार है। चूंकि लावारिस लाशों को यहां 48 घण्टे रखा जाता है जिससे लाशों में कीड़े लग जाना यहां आम बात है क्योंकि इस मर्चरी में फ़्रीज़र नही है। हांलाकि उच्चाधिकारियों का इस रास्ते से रोज गुजर होता है लेकिन अपनी एसी गाड़ी के बंद शीशे में उनको यहां से निकलने वाली बदबू का एहसास नहीं होता लेकिन आम जनता का यहाँ से गुजरना मुहाल है। मर्चरी हाउस के ठीक बगल में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन का कार्यालय है और टीबी हॉस्पिटल भी इसी कैंपस में स्थित है जहां लाखों करोड़ों खर्च कर सरकार ने टीबी के मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई है। टीबी अस्पताल में जहाँ महंगी मशीनों से जांच हो रही है वही मर्चरी में पड़े कीड़ों से पैदा होने वाले बैक्टीरिया मरीज़ों और उनकी जांच के लिए नुकसानदायक साबित हो रहे हैं।
मर्चरी के सामने की सड़क शाम के समय व्यस्ततम बाज़ार में तब्दील हो जाता है, जहां लोगों को मुहँ पर रुमाल रखकर गुज़रने पर मजबूर होना पड़ता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इसी मर्चरी हाउस के निकट शास्त्री चौक पर करोड़ों रुपयों की लागत से सौंदर्यकरण का कार्य हो रहा है लेकिन बावजूद इसके शहर के आलाधिकारियों को इतनी फुर्सत नहीं है कि वह इस बदहाल मर्चरी हाउस की भी सुधि लें।
इस सम्बन्ध में सीएमओ का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है । मर्चरी का फ्रीज़र खराब है जिसके बारे में उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र लिखा लेकिन अभी तक मामले का कोई हल नही निकला।
यहां लावारिस लाशों में पड़ते हैं कीड़े
अव्यवस्था की शिकार गोरखपुर जिला अस्पताल की मर्चरी
अमित कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर 7 सितंबर 2018 ।। कहते हैं किसी अनजान का इस शहर में ज़िंदगी गुज़ारना बड़ा मुश्किल है लेकिन उससे भी ज्यादा मुश्किल है यहां किसी लावारिस की मौत का सफर। हम बात कर रहे है सीएम सिटी में लावारिस लाशों और मर्चरी हाउस की। गोरखपुर जिला अस्पताल की मर्चरी पूरी तरह से गंदगी अव्यवस्था और बदबू का शिकार है। चूंकि लावारिस लाशों को यहां 48 घण्टे रखा जाता है जिससे लाशों में कीड़े लग जाना यहां आम बात है क्योंकि इस मर्चरी में फ़्रीज़र नही है। हांलाकि उच्चाधिकारियों का इस रास्ते से रोज गुजर होता है लेकिन अपनी एसी गाड़ी के बंद शीशे में उनको यहां से निकलने वाली बदबू का एहसास नहीं होता लेकिन आम जनता का यहाँ से गुजरना मुहाल है। मर्चरी हाउस के ठीक बगल में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन का कार्यालय है और टीबी हॉस्पिटल भी इसी कैंपस में स्थित है जहां लाखों करोड़ों खर्च कर सरकार ने टीबी के मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई है। टीबी अस्पताल में जहाँ महंगी मशीनों से जांच हो रही है वही मर्चरी में पड़े कीड़ों से पैदा होने वाले बैक्टीरिया मरीज़ों और उनकी जांच के लिए नुकसानदायक साबित हो रहे हैं।
मर्चरी के सामने की सड़क शाम के समय व्यस्ततम बाज़ार में तब्दील हो जाता है, जहां लोगों को मुहँ पर रुमाल रखकर गुज़रने पर मजबूर होना पड़ता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इसी मर्चरी हाउस के निकट शास्त्री चौक पर करोड़ों रुपयों की लागत से सौंदर्यकरण का कार्य हो रहा है लेकिन बावजूद इसके शहर के आलाधिकारियों को इतनी फुर्सत नहीं है कि वह इस बदहाल मर्चरी हाउस की भी सुधि लें।
इस सम्बन्ध में सीएमओ का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है । मर्चरी का फ्रीज़र खराब है जिसके बारे में उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र लिखा लेकिन अभी तक मामले का कोई हल नही निकला।