सीएम योगी ने कहा : भारत को समझने के लिए हमको संस्कृत की शरण में जाना होगा

- लखनऊ 2 अगस्त 2018 ।।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत को अच्छी तरह से समझने के लिए हमको संस्कृत की शरण में जाना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत को सीमित दायरे में रखने के बजाए इसको आधुनिकता से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया हाल में राजकीय संस्त विद्यालयों के 18 बालिका छात्रावास के साथ 19 राजकीय हाईस्कूल और 16 राजकीय इंटर कॉलेज के भवनों का लोकार्पण करने के बाद ये बातें कही ।
योगी ने कहा, "भारत को अच्छी तरह तथा ठीक से समझने के लिए हमको संस्कृत की शरण में जाना होगा. इस भाषा ने ही हमेशा से हमको मजबूती दी है. संस्कृत को सीमित दायरे में कैद करके मत रखिए. इसको आधुनिकता के साथ जोड़ने का प्रयास कीजिए. भारत तो संस्कृत के दम पर दुनिया के प्राचीन राष्ट्रों से एक है ।
योगी ने कहा, "भारत को अच्छी तरह तथा ठीक से समझने के लिए हमको संस्कृत की शरण में जाना होगा. इस भाषा ने ही हमेशा से हमको मजबूती दी है. संस्कृत को सीमित दायरे में कैद करके मत रखिए. इसको आधुनिकता के साथ जोड़ने का प्रयास कीजिए. भारत तो संस्कृत के दम पर दुनिया के प्राचीन राष्ट्रों से एक है ।
भारत में संस्कृत की हुई उपेक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेज आए लेकिन जब भारत की चेतना आई तो उनको भागना पड़ा. भारत का स्वाभिमान जागृत न हो सके, इसलिए उस दौर में संस्कृत की उपेक्षा की गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हम हर विषय पढ़ाएंगे, लेकिन संस्कृत के विद्यार्थियों को पुरोहित की शिक्षा भी देंगे. आने वाले समय में संस्कृत के विद्यार्थियों का भी समायोजन हो सके, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे. हम आधुनिकता के विरोधी नहीं रहे. हमने आधुनिकता को मान्यता दी है ।
संस्कृत के पाठ्यक्रम टेक्नोलॉजी से जोडेंगे -उन्होंने कहा, "संस्कृत साहित्य में बहुत कुछ है. अगर उस ओर ध्यान दिया होता तो संस्कृत को उपेक्षा का सामना न करना पड़ता ।पाठ्यक्रम ऐसा बने कि हम अपनी परंपराओं से वंचित न हों और आधुनिकता का समागम भी हो. हम संस्कृत के पाठ्यक्रम को कंप्यूटर, गणित, विज्ञान व दुनिया की तमाम भाषाओं से जोड़ने का कार्य करेंगे, ताकि लोग देववाणी के माध्यम से तमाम चीजों को जान सकें ।
दूर कर रहे हैं शिक्षकों की कमीउन्होंने कहा, "प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में भी एक वर्ष में व्यापक परिवर्तन हुए हैं. जितनी तेजी से परिवर्तन उत्तर प्रदेश में हुआ है, ऐसा कम ही देखने को मिलता है. हमने कम कीमत में पुस्तकों की उपलब्धता, समय पर परीक्षा कराना व शिक्षकों की कमी को दूर करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया. इसके साथ ही कंप्यूटर, गणित व अंग्रेजी के शिक्षक देने की कार्रवाई तेजी से हुई है ।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की परीक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया. उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की परीक्षा में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले 40 विद्यार्थियों का सम्मान किया गया. प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले 10 विद्यार्थियों को सम्मान स्वरूप एक-एक लाख रुपये, टैबलेट, मेडल व प्रशस्तिपत्र और शेष मेधावी विद्यार्थियों को 21-21 हजार रुपये, टैबलेट, मेडल व प्रशस्तिपत्र प्रदान किए गए. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा व शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद थे ।
संस्कृत के पाठ्यक्रम टेक्नोलॉजी से जोडेंगे -उन्होंने कहा, "संस्कृत साहित्य में बहुत कुछ है. अगर उस ओर ध्यान दिया होता तो संस्कृत को उपेक्षा का सामना न करना पड़ता ।पाठ्यक्रम ऐसा बने कि हम अपनी परंपराओं से वंचित न हों और आधुनिकता का समागम भी हो. हम संस्कृत के पाठ्यक्रम को कंप्यूटर, गणित, विज्ञान व दुनिया की तमाम भाषाओं से जोड़ने का कार्य करेंगे, ताकि लोग देववाणी के माध्यम से तमाम चीजों को जान सकें ।
दूर कर रहे हैं शिक्षकों की कमीउन्होंने कहा, "प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में भी एक वर्ष में व्यापक परिवर्तन हुए हैं. जितनी तेजी से परिवर्तन उत्तर प्रदेश में हुआ है, ऐसा कम ही देखने को मिलता है. हमने कम कीमत में पुस्तकों की उपलब्धता, समय पर परीक्षा कराना व शिक्षकों की कमी को दूर करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया. इसके साथ ही कंप्यूटर, गणित व अंग्रेजी के शिक्षक देने की कार्रवाई तेजी से हुई है ।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की परीक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया. उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की परीक्षा में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले 40 विद्यार्थियों का सम्मान किया गया. प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले 10 विद्यार्थियों को सम्मान स्वरूप एक-एक लाख रुपये, टैबलेट, मेडल व प्रशस्तिपत्र और शेष मेधावी विद्यार्थियों को 21-21 हजार रुपये, टैबलेट, मेडल व प्रशस्तिपत्र प्रदान किए गए. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा व शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद थे ।
सीएम योगी ने कहा : भारत को समझने के लिए हमको संस्कृत की शरण में जाना होगा
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
August 02, 2018
Rating: 5