सिकंदरपुर : रामपुर , छपिया गांव में घाघरा नदी का तांडव ,घाघरा के तटवर्तीय क्षेत्रो में दहशत
अरविन्द पांडेय , गोपाल प्रसाद की रिपोर्ट
सिकंदरपुर बलिया 31 अगस्त 2018 ।।
रामपुर मे, छपिया गांव में , घाघरा नदी का तांडव शुरू हो गया है ।ग्रामवासी एवं पशुओं का चारा घाघरा नदी के आगोश में ,पानी बढ़ने से समा चुका है । गांव के लोगो के घर तथा जानवरों का चारा सबकुछ जलमग्न हो गया है । ग्रामवासी जो राजभर जाति के लोग है उनका कहना कि घाघरा का जल आए दिन रोज बढ़ रहा है जिससे गांव के लोगों में दहशत व्याप्त हो गयी है । पानी कब कौन सा मोड़ ले ले, नदी के तट पर रहने वाले ग्रामवासी शिवानंद श्रीकांत रामबचन शिवबचन बेचन हरिशंकर उमा शंकर गौरी शंकर विक्रम तुलसी शोभा सिंहासन जयप्रकाश मनोज लोहा चना राजभर प्रदीप संतोष बंधे के तट पर आने वाले लोग त्रिदेव सकाल राम भजन रामलाल आदि लोगों के अंदर कटान और बाढ़ को लेकर दहशत का माहौल है ।
वही घाघरा नदी के बाढ़ व कटान के चलते क्षेत्र के विभिन्न दियारों की भी स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। फसलों व जमीन की बर्बादी किसानों के दिल पर हथौड़े की तरह चोट कर रही है। क्षेत्र के विभिन्न दियारों में बाढ़ के पानी में डूब कर अब तक जहां सैकड़ों एकड़ क्षेत्रफल में बोआई की गई फसलें नष्ट हो गई हैं। वहीं 50 बीघा क्षेत्रफल से ज्यादा उपजाऊ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहने से किसान मायूस हैं। पिछले पांच दिनों से नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। इसी के साथ दियारा सिसोटार, मगही, गोसाईपुर व खरीद तेज कटान की जद में है। कटान से सर्वाधिक तबाही दियारा खरीद में हो रही है। जहां धान व गन्ना की फसल के साथ जमीन को काट कर अपने में मिलाती नदी सुरक्षा बंधा की ओर अग्रसर है।
सिकंदरपुर बलिया 31 अगस्त 2018 ।।
रामपुर मे, छपिया गांव में , घाघरा नदी का तांडव शुरू हो गया है ।ग्रामवासी एवं पशुओं का चारा घाघरा नदी के आगोश में ,पानी बढ़ने से समा चुका है । गांव के लोगो के घर तथा जानवरों का चारा सबकुछ जलमग्न हो गया है । ग्रामवासी जो राजभर जाति के लोग है उनका कहना कि घाघरा का जल आए दिन रोज बढ़ रहा है जिससे गांव के लोगों में दहशत व्याप्त हो गयी है । पानी कब कौन सा मोड़ ले ले, नदी के तट पर रहने वाले ग्रामवासी शिवानंद श्रीकांत रामबचन शिवबचन बेचन हरिशंकर उमा शंकर गौरी शंकर विक्रम तुलसी शोभा सिंहासन जयप्रकाश मनोज लोहा चना राजभर प्रदीप संतोष बंधे के तट पर आने वाले लोग त्रिदेव सकाल राम भजन रामलाल आदि लोगों के अंदर कटान और बाढ़ को लेकर दहशत का माहौल है ।
वही घाघरा नदी के बाढ़ व कटान के चलते क्षेत्र के विभिन्न दियारों की भी स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। फसलों व जमीन की बर्बादी किसानों के दिल पर हथौड़े की तरह चोट कर रही है। क्षेत्र के विभिन्न दियारों में बाढ़ के पानी में डूब कर अब तक जहां सैकड़ों एकड़ क्षेत्रफल में बोआई की गई फसलें नष्ट हो गई हैं। वहीं 50 बीघा क्षेत्रफल से ज्यादा उपजाऊ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहने से किसान मायूस हैं। पिछले पांच दिनों से नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। इसी के साथ दियारा सिसोटार, मगही, गोसाईपुर व खरीद तेज कटान की जद में है। कटान से सर्वाधिक तबाही दियारा खरीद में हो रही है। जहां धान व गन्ना की फसल के साथ जमीन को काट कर अपने में मिलाती नदी सुरक्षा बंधा की ओर अग्रसर है।