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आतंकियो अब तुम्हारी नही खैर , क्योकि तुम्हे मिटाने आ गये है अब शहीद औरंगजेब के यार

शहीद औरंगजेब का बदला लेने नौकरी छोड़ कर
    सेना में भर्ती हो रहे हैं उनके दोस्त
    4 अगस्त 2018 ।।
    एक तरफ जहां कश्मीर में बड़ी संख्या में नोजवान देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो कर सुरक्षाबलों पर हमले करते हैं वहीं पुंछ के गांव सलानी में हालात बिल्कुल अलग हैं. सलानी को लोग फौजियों के गांव तौर पर जानते हैं. यहां से बड़ी संख्या में नौजवान सऊदी अरब में काम धंधा करते हैं. लेकिन अब इस गांव के लोगों ने जम्मू कश्मीर के शहीद औरंगजेेेब के दोस्तों ने उनकी शहादत का बदला लेने की कसम खाई है ।

     शहीद औरंगजेब के 50 से ज्यादा दोस्त सऊदी अरब से अपनी मोटी तनख्वाह वाली नौकरियां छोड़कर वापस लौटे हैं. इन सबका बस एक मकसद है सेना या पुलिस में भर्ती होकर अपने दोस्त की शहादत का बदला लेना. सऊदी अरब से नौकरी छोड़ना आसान नहीं था, नौकरी छोड़ने में तमाम मुश्किलें भी आई लेकिन औरंगजेब की मौत की खबर मिलते ही इन्होंने नौकरी छोड़कर बदला लेने का फैसला कर लिया था और अब वहीं करने के लिए वापस पहुंच चुके हैं ।
    सऊदी अरब से काम धंधा छोड़ कर आने वाले इन नोजवानों में मोहम्मद ताज, नजाकत हुसैन,मोहम्मद शबीर,करामत हुसैन,मोहम्मद आजाद और मोहम्मद इकबाल शामिल हैं. इन लोगों ने कहा, ''जब से हमने सुना है कि कश्मीर में ओरंगजेब को आतंकियों ने अगुवा कर उसे शहीद कर दिया है तो उस दिन से हमारा खून खोलने लगा था कि कब हम हिन्दूस्तान अपने घर लोटें और उस बहादुर साथी का बदला ले. इसके लिए ही हमने वहां 60 से 70 हजार रुपये महीने की नौकरी को छोड़ दी.''

    सऊदी अरब में गाड़ी चलाने का काम करने वाले नजाकत हुसैन और मोहम्मद ताज का कहना है, '' हम वहां सऊदी अरब में रात को आराम की नींद सोते रहे और यहां दरिंदों ने हमारे दोस्त हमारे भाई हमसे छीन लिया तो हमें लगा कि यहां पैसा कमा कर क्या कर लेंगे जब हमारे अपने लोग जम्मू कश्मीर में सुरक्षित नहीं हैं बस यही सोच कर हमने आपस में सलाह मशविरा किया और हम बदला लेने लौट आए हैं.''

    घर पर पहुंच रहे इन युवाओं को देख कर ओरंगजेब के पिता रिटार्ड सैनिक मोहम्मद हनीफ का सीना चोड़ा हो रहा है. उन्होंने कहा, ''मुझे मेरे गांव के इन नोजवानों पर नाज है जो ओरंगजेब की शहादत का बदला लेने के लिए अपना काम धंधा छोड़ कर गांव लोट आए हैं.''

    आपको बता दें कि 4 जून को आतंकवादियों ने कश्मीर के पुलवामा में औरंगजेब की हत्या कर दी थी.

    आतंकी अभी भी बेखौफ

    सेना में नौकरी कर रहे औरंगजेब के भाई मोहम्मद कासिम ने कहा कि उनके भाई की मौत के लिए आतंकी नहीं, बल्कि आतंकी संगठनों को यह काम करने का निर्देश देने वाले जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि सेना की चेतावनी और कार्रवाई के बाद भी आतंकी बेखौफ हैं.

    आतंकियों ने जारी किया था वीडियो
    औरंगजेब को आतंकियों ने 14 जून को अगवा किया था. उसी दिन पुलवामा में उनका गोलियों से छलनी शव मिला था. वे ईद मनाने के लिए छुट्टी लेकर घर जा रहे थे. आतंकियों ने औरंगजेब का मरने से पहले का वीडियो भी जारी किया था. औरंगजेब के पिता हनीफ सेना से रिटायर्ड हैं. 2014 में आतंकियों ने औरंगजेब के चाचा को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी. पुंछ में औरंगजेब के सुपुर्द-ए-खाक के दौरान अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग मौजूद थे ।