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अमेरिका: प्रवासी बच्चों को परिवार से मिलाने के लिए हो रहा DNA टेस्ट



    टेक्सास 5 जुलाई 2018 ।।
    अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर अवैध प्रवासी मां-बाप से अलग किए गए बच्चों को उनसे मिलाने से पहले डीएनए टेस्ट किया जा रहा है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया, "बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है. इन बच्चों के माता-पिता होने का दावा कर तस्करी करना आसान है. इसलिए पूरी जांच और बच्चों के माता-पिता होने की पुष्टि के बाद ही बच्चों को सौंपा जाएगा."
    हालांकि, अधिकारी ने ये जानकारी देने से इनकार कर दिया कि क्या डीएनए जांच के लिए सहमति जरूरी है या स्टोरेज डेटाबेस के जरिए डीएनए की जांच की जाएगी ।
    टेक्सास में गैरलाभकारी संस्था 'आरएआईसीईएस' की संचार निदेशक जेनिफर के. फाल्कन ने शरणार्थियों और प्रवासियोंके लिए निशुल्क और कम दर पर कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराने की पेशकश की है.

    उन्होंने इस पूरे कदम को निंदनीय बताया है, क्योंकि इस तरह के संवेदनशील डेटा को संग्रहित करने से सरकार इन बच्चों पर जीवनभर नजर रख सकती है ।
    बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को लेकर सीमा पर जीरो टॉलरेंस की इमिग्रेशन पॉलिसी अपनाई, जिसके तहत अवैध तौर पर अमेरिका में घुसने वाले हर वयस्क व्यक्ति पर संघीय अपराधों का केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाता था. वहीं, उनके बच्चों को उनसे अलग कर कस्टडी सेंटर भेज दिया जाता था. हाल ही में कस्टडी सेंटर में बंद एक छोटे बच्चे के रोने का ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वो स्पेनिश भाषा में पापा- पापा चिल्ला रहा था.

    ट्रंप की पत्नी और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने ही उनकी इस नीति आलोचना की थी. पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की पत्नी लॉरा बुश ने भी ट्रंप की नीति पर निशाना साधते हुए, बच्चों के उनके माता-पिता से अलग होने के कदम को क्रूर और अनैतिक बताया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि इससे उनका मन हताश होता है.

    हालांकि, ट्रंप के प्रवासी परिवारों को अलग करने के विवादित फैसले की दुनियाभर में काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीमा पर प्रवासी परिवारों को अलग करने पर रोक लगाने वाले एक शासकीय आदेश पर साइन किए. ट्रंप ने कहा, 'यह आदेश परिवारों को एक साथ रखने के बारे में है. मुझे परिवारों का बिछड़ना अच्छा नहीं लगता.' (एजेंसी इनपुट के साथ)