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दिल्ली सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पड़ी : हम दादागिरी बर्दाश्त नही करेंगे



    नईदिल्ली 30 जुलाई 2018 ।।
    दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कड़ी टिप्पणी की । अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी अनाधिकृत निर्माण को हटाए जाने के खिलाफ वह कोई 'दादागिरी' बर्दाश्त नहीं करेगी ।

    जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, 'हम किसी की दादागिरी बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमने ऑर्डर पास कर दिया और अब दादागिरी काम नहीं करेगी.' इस दौरान नजफगढ़ जोन की वार्ड समिति के अध्यक्ष और बीजेपी पार्षद की ओर से मुकेश सूर्यन के वकील आरएस सुरी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी. दरअसल, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सूर्यन को एमसीडी इंजीनियरों के फोरम द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर जवाब देने का निर्देश दिया था ।
    वार्ड समिति के अध्यक्ष पर दिल्ली में अनाधिकृत निर्माण की सीलिंग कर रहे अधिकारियों को कथित तौर पर धमकाने का आरोप है. अदालत ने सूर्यन से इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ जारी नोटिस पर हलफनामा दाखिल करने को कहा था ।

    सोमवार को अदालत ने कहा, 'आप क्या कर रहे हैं? हम किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने देंगे. हमारे आदेश में किसी का हस्तक्षेप हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और आपको यह समझना होगा.'।

    जस्टिस लोकुर ने सूर्यन से कहा कि वह जनता के प्रतिनिधि हैं और उन्हें ऐसा उदाहरण बनना चाहिए कि वह कानून न तोड़ें. जज ने सूर्यन से कहा, 'लोग क्या करेंगे, अगर आप नेता होकर ऐसा कर रहे हैं? वह भी इसी तरह व्यवहार करेंगे.'

    अदालत ने सूर्यन से अपने आचरण पर बिना शर्त माफी के लिए स्पष्ट हलफनामे को दर्ज करने के लिए कहा. दिल्ली में सीलिंग ड्राइव अदालत के आदेश के तहत किया जा रहा है ।