फिनलैंड में हुई IAAF वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीतने वाली हिमा दास के लिए यह 'पुराने सपनों के साकार' होने जैसा था । असम के एक छोटे से गांव में पली बढ़ी हीमा किसी विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला धावक रहीं ।
अपने इस कारनामे से 18 साल की यह एथलीट रातों रात सुर्खियों में छा गई ।आज हर जुबान पर उनकी चर्चा है और सोशल मीडिया में लोग उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं कि जो उनके बारे जानने के लिए गूगल का सहारा ले रहे हैं ।
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हालांकि हीमा दास को लेकर लोगों की इस उत्सुकता में एक स्याह पहलू भी उभर कर सामने आया. देश में कई लोग जब हीमा के कारनामे का जश्न मना रहे थे, उसी दौरान कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें हिमा की जाति पता लगाने की पड़ी थी.