Breaking News

बोले राजनाथ सिंह : घबराये नही वो लोग जिनका असम के एनआरसी नही है नाम


    नईदिल्ली 30 जुलाई 2018 ।।
    गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा पूरी तरह 'निष्पक्ष' है. राजनाथ ने कहा, जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा. गृह मंत्री ने यह टिप्पणी तब की है जब आज प्रकाशित हुए एनआरसी के मसौदे में राज्य के करीब 40 लाख निवासियों के नाम शामिल नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'किसी के भी खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसलिए किसी को भी घबराने की जरुरत नहीं है.'।

    सिंह ने कहा कि अगर किसी का नाम अंतिम सूची में शामिल नहीं है तो वह विदेशी न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटा सकता है. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग अनावश्यक रूप से डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह पूरी तरह से निष्पक्ष रिपोर्ट है. कोई भी गलत सूचना नहीं फैलानी चाहिए. यह एक मसौदा है ना कि अंतिम सूची.'

    इससे पहले एनआरसी का बहु-प्रतिक्षित दूसरा एवं आखिरी मसौदा 2.9 करोड़ नामों के साथ जारी कर दिया गया है. एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था. भारतीय महापंजीयक शैलेश ने कहा कि इस ऐतिहासिक दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है. यह ‘ऐतिहासिक दस्तावेज’ असम का निवासी होने का प्रमाण पत्र होगा ।

    एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरम्यानी रात जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे. शैलेश ने कहा, 'यह भारत और असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. इतने बड़े पैमाने पर कभी ऐसा नहीं हुआ. सीधे सुप्रीम कोर्चट की निगारानी में की गई यह एक कानूनी प्रक्रिया है.' उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता, निष्पक्षता और तर्कपूर्ण तरीके से की गई ।

    एनआरसी 25 मार्च 1971 से पहले से असम में निवास करने वाले सभी भारतीय नागरिकों के नाम इस सूची में शामिल करेगी. अंतिम मसौदे में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए उनपर शैलेश ने कहा, ‘मसौदे के संबंध में दावा करने और आपत्ति करने की प्रक्रिया 30 अगस्त से शुरू होगी और 28 सितंबर तक चलेगी. लोगों को आपत्ति जताने की पूर्ण एवं पर्याप्त गुंजाइश दी जाएगी. किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है ।