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कश्मीरः 6 महीने में मारे गए 101 आतंकी, लेकिन टेरर रिक्रूटमेंट ने बढ़ाई सरकार की चिंता
कश्मीरः 6 महीने में मारे गए 101 आतंकी, लेकिन टेरर रिक्रूटमेंट ने बढ़ाई सरकार की चिंता

10 जुलाई 2018 ।।
संदीप बोल
कश्मीर में सेना के ताबड़तोड़ ऑपरेशन में इस साल अब तक 101 आतंकी मारे गए हैं. हालांकि आतंकी संगठनों में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती सेना और सरकार दोनों की परेशानी का सबब बनी हुई है । इस साल अब तक 82 कश्मीरी नौजवान आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं.यानी सुरक्षाबल जितनी तेजी से आतंक का सफाया करने का अभियान चला रहे हैं उतनी ही तेजी से आतंकी युवाओं के अपने साथ मिलाने में कामयाब हो रहे हैं. रमजान में सरकार ने 'सस्पेशन ऑफ़ ऑपरेशन' का ऐलान किया था, हैरत की बात है कि इसी दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने आतंक का रास्ता अपनाया.
कश्मीर में सेना के ताबड़तोड़ ऑपरेशन में इस साल अब तक 101 आतंकी मारे गए हैं. हालांकि आतंकी संगठनों में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती सेना और सरकार दोनों की परेशानी का सबब बनी हुई है । इस साल अब तक 82 कश्मीरी नौजवान आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं.यानी सुरक्षाबल जितनी तेजी से आतंक का सफाया करने का अभियान चला रहे हैं उतनी ही तेजी से आतंकी युवाओं के अपने साथ मिलाने में कामयाब हो रहे हैं. रमजान में सरकार ने 'सस्पेशन ऑफ़ ऑपरेशन' का ऐलान किया था, हैरत की बात है कि इसी दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने आतंक का रास्ता अपनाया.
शोपियां में मारे गए दो आतंकी
शोपियां में मंगलवार को हुए ऑपरेशन में जवानों ने दो आतंकियों के मार गिराया. दोनों आतंकी इसी साल आतंकी संगठन में शामिल हए थे. इन दोनों के मारे जाने के साथ ही मरने वाले आतंकियों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया. घाटी में अलग-अलग हिस्सों में चले ऑपरेशनों में सुरक्षाबल ने अब तक 101 आतंकियों को ढेर किया है.
ये आंकड़े बढ़ा रहे हैं सरकार की चिंता
कश्मीरी युवा जिस तेजी से आतंक का दामन थाम रहे हैं वह चिंताजनक है. इस साल अब तक यानी महज छह महीने में 82 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं, यह पिछले साल के 128 के आंकड़े से से अधिक दूर नहीं है. सूत्रों की मानें तो रमजान के महीने में आतंकियों ने युवाओं को बरगलाने के काम में तेज़ी लाई. इसका ही नतीजा है कि मई में 10-14 युवाओं और जून में 20 से ज़्यादा युवाओं ने आतंक का रास्ता चुना. पिछले सालों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो 2017 में 128, 2016 में 88 और 2015 में 66 युवाओं ने आतंक का दामन थामा था.
पुलवामा-शोपियां में सबसे अधिक मामले
युवाओं के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के सबसे अधिक मामले शोपियां और पुलवामा में सामने आए हैं. दोनों ही इलाकों में 20-20 से ज्यादा युवा इस साल आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं. सूत्रों की मानें तो इस साल सबसे अधिक 40 युवा हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुए, वहीं लश्कर और जैश में 15-16 युवा शामिल हुए हैं.
आतंकियों की लगातार हो रही भर्ती ने सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि आतंकी बनने के बाद ऐसे युवाओं की औसत आयु 3 से 6 महीने से ज़्यादा की नहीं होती. सूत्रों की माने तो इस साल अब तक मारे गए 101 आतंकियों में से 26-27 पाकिस्तानी हैं वहीं बाकि 74 स्थानीय लड़के थे ।
कश्मीरः 6 महीने में मारे गए 101 आतंकी, लेकिन टेरर रिक्रूटमेंट ने बढ़ाई सरकार की चिंता
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
July 11, 2018
Rating: 5
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