असम में एनआरसी का आखिरी ड्राफ्ट जारी ,कुल 2.90 करोड़ लोग पाये गये वैध

- गुवाहाटी 30 जुलाई 2018 ।।
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट जारी हो चुका है । इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.90 करोड़ आवेदक वैध पाए गए हैं ।40 लाख आवेदकों का नाम ड्राफ्ट से गायब है । बता दें कि असम में एनआरसी का पहला ड्राफ्ट पिछले साल दिसंबर के आखिर में जारी हुआ था । पहले ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे ।
एनआरसी के राज्य संयोजक प्रतीक हाजेला के मुताबिक, फाइनल ड्राफ्ट राज्य के सभी एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके) में दोपहर तक जारी कर दिया जाएगा । फिर आवेदक अपने नाम लिस्ट में देख सकेंगे । लिस्ट में आवेदकों का नाम, पता और तस्वीर भी शामिल होगा । बता दें कि एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों के नामों को शामिल किया जाएगा, जो 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं ।
राज्य में एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट जारी होने को लेकर तनाव की आशंका जताई जा रही है । ऐसे में जगह-जगह सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं । संवेदनशील इलाकों पर खास तौर पर निगरानी रखी जा रही है. राज्य सरकार ने लोगों से संयम बरतने और किसी भी तरह के अफवाह में नहीं आने की अपील की है ।
एनआरसी के बारे में खास बातें:-
>>असम देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसका एनआरसी है. एनआरसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत अप्रत्यक्ष रूप से देश में गैरकानूनी तौर पर रह विदेशी नागरिकों को खोजने की कोशिश की जाती है. अगर आप असम के नागरिक हैं और देश के दूसरे हिस्से में रह रहे हैं या काम कर रहे हैं, तो आपको एनआरसी में अपना नाम दर्ज कराने की जरूरत है ।
>>पूरा मसला असम आंदोलन से जुड़ा है. 1985 का समझौता बांग्लादेश से अवैध आव्रजन के खिलाफ 6 साल तक हिंसक विरोध प्रदर्शनों का नतीजा था. इसे असम आंदोलन के रूप में जाना जाता है. बांग्लादेश एक ऐसा राष्ट्र है, जिसके साथ असम का 4,096 किलोमीटर की सीमा का हिस्सा लगता है ।
>>असम की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी वर्ष 1961 में 23.3 फीसदी थी. यह बढ़कर वर्ष 2011 में 34 फीसदी हुई है, जैसा कि जनगणना के आंकड़ों में बताया गया है. हालांकि, इसमें अभी भी स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कितने असमी, बंगाली या बांग्लादेशी हैं ।
>>असम में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों का मामला बहुत बड़ा मुद्दा रहा है. इसकी वजह अक्सर हिंसक घटनाएं होती रहती हैं. असम के मूल नागरिकों का मानना है कि अवैध रूप से यहां आकर बसे लोग उनका हक मार रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर 80 के दशक में बड़ा आंदोलन हुआ. जिसके बाद असम गण परिषद और तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के बीच समझौता हुआ. इसमें तय हुआ कि 1971 तक जो भी बांग्लादेशी असम में घुसे हैं, उन्हें नागरिकता दी जाएगी और बाकी को निर्वासित किया जाएगा. हालांकि, समझौता आगे नहीं बढ़ा. लंबे वक्त बाद इसपर फिर से काम शुरू हुआ ।
>>असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों का पता लगाने के लिए एनआरसी जारी करने का फैसला लिया गया. इसमें मार्च 24, 1971 की आधी रात के बाद से अवैध रूप से राज्य में घुस आए बांग्लादेशी नागरिकों का पता लगाने की कोशिश की गई. यह तारीख मूल रूप से 1985 में असम समझौते में मुकर्रर की गई थी. जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार और असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के बीच साइन हुए थे ।
>>हालांकि, उसके बाद असम की राज्य सरकार असम समझौते में निर्धारित विदेशियों की पहचान और निष्कासित करने में लगातार असफल रही. साल 2005 में तब के तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और केंद्र सरकार के बीच एक अन्य समझौते पर साइन हुए. इसमें एनआरसी को जारी करने का निर्णय लिया गया था. भारत में पहली बार एनआरसी विभाजन के बाद 1951 की जनगणना के बाद प्रकाशित किया गया था । उस वक्त राज्य के नागरिकों की संख्या 80 लाख थी ।
>>2005 के बाद एक बार फिर से एनआरसी को अपडेट करने का निर्णय लिया गया और इसकी प्रक्रिया शुरू हुई. गोगोई सरकार ने कुछ जिलों में पायलट परियोजना के रूप में एनआरसी अपडेट शुरू कर दिया था, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा के बाद यह रोक दिया गया ।
>>जुलाई 2009 में एक गैर सरकारी संगठन असम लोक निर्माण (एपीडब्ल्यू) ने पहल की. एपीडब्ल्यू ने राज्य में बांग्लादेशी विदेशियों की पहचान करने और मतदाताओं की सूची से उनके नामों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद कोर्ट ने इस काम को जल्द पूरा करने का आदेश दिया ।
>>31 दिसंबर 2017 को असम के एनआरसी के पहले ड्राफ्ट को रिलीज करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने ही दिया था. दरअसल, जुलाई 2009 में असम लोक निर्माण की तरफ से दायर याचिका में बांग्लादेशियों को खोजने और हटाने में कोर्ट के हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था, उसके बाद से शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई कर रहा है ।
>>पहला ड्राफ्ट जारी होने के 8 महीने बाद दूसरा और फाइनल ड्राफ्ट जारी हो रहा है. इससे पहले एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट 30 जून को जारी होना था, लेकिन तब राज्य में बाढ़ आया था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, एनआरसी की रिलीज को 30 जुलाई तक रोक दिया गया था ।
ऐसे करें NRC में अपने नाम की जांच
इन चार तरीकों पर अमल करके आप आसानी से यह जानकारी जुटा सकते हैं कि एनआरसी में आपका नाम है या नहीं ।
पहला तरीका
सबसे पहले आप अपने एनआरसी सेवा केंद्र जा सकते हैं. यह सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहेगा. किसी भी कार्यदिवस यानी ऑफिस डे में जाकर अपना नाम चेक कर सकते हैं ।
दूसरा तरीका
आप www.nrcassa.nic.in पर, www.assam.mygov.in और www.assam.gov.in पर क्लिक कर इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं ।
तीसरा तरीका
सबसे आसान तरीका ये है कि आप घर बैठे अपने मोबाइल से इसकी जानकारी ले सकते हैं. इसके लिए ARN टाइप कीजिए और इसे 9765556555 नंबर पर भेज दीजिए ।
चौथा तरीका
अगर आप चाहें तो फोन कर भी अपना नाम लिस्ट में चेक कर सकते हैं । इसके लिए जो असम में रहते हैं वो 15107 नंबर पर डायल करें ।जो असम से बाहर रहते हैं वो 18003453762 नंबर पर डायल कर मिनटों में जानकारी ले सकते हैं ।
असम में एनआरसी का आखिरी ड्राफ्ट जारी ,कुल 2.90 करोड़ लोग पाये गये वैध
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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July 30, 2018
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