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संभावना :- किफायती शिक्षा दिलाने के लिये मोदी सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम

मोदी सरकार के कदम से छात्रों को मिलेगी किफायती शिक्षा, 7 जुलाई तक मांगे सुझाव

    नई दिल्ली 27 जून 2018 ।।

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए मोदी सरकार बड़े बदलाव करने जा रही है. सूत्रों की मानें तो सरकार यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को खत्म कर हॉयर एजुकेशन के लिए एक नियामक बना सकती है । इस नये नियामक को उच्च शिक्षा आयोग नाम दिया जा सकता है ।
नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्थान पर भारत के उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना के लिए एक मसौदा बिल तैयार किया है । मसौदे बिल में दावा किया है कि नया संस्थान कॉलेजों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करेगा और शिक्षा प्रणाली के समग्र विकास को सुविधाजनक बनाएगा और छात्रों को अधिक किफायती लागत पर अधिक अवसर प्रदान करेगा । सूत्रों की मानें तो यह योजना लंबे समय से विचाराधीन थी पर मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक के बाद अब जाकर इस पर अमल किया जा रहा है. नया नियामक बनाने से पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 7 जुलाई, 2018 को ड्राफ्ट बिल के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं. सुझाव के लिए सभी शिक्षाविदों, हितधारकों और जनता से अपील की गई है ।मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री और नीती आयोग नये कानून पर काम कर रहे हैं. इसके लिए सरकार ने एक कमेटी भी बना दी है जिसमें नीति आयोग के सीईओ और हाईयर एजूकेशन सचिव सहित अन्य सदस्य इसके ब्लूप्रिंट पर काम कर रहे हैं ।
अधिकारियों की मानें तो नया सिंगल रेगुलेटर के आने के बाद क्षेत्राधिकार में ओवरलैपिंग नहीं होगी. वहीं उन नियामक प्रावधानों को भी खत्म कर देगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि यूजीसी और एआईसीटीसी को हटाकर एक सिंगल रेग्यूलेटर का आना सबसे क्लीन और बड़ा रिफॉर्म होगा । यूजीसी को खत्म करने के लिए यूपीए सरकार के समय गठित यशपाल समिति, हरी गौतम समिति ने सिफारिश की थी, लेकिन इसको कभी अमल में नहीं लाया गया ।