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समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण का दावा फेल : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जांच अधिकारी द्वारा कर दिया गया बड़ा खेल, दोषी हो गए बरी और निर्दोष गए जेल



रिपोर्टर महेश कुमार

बलिया।। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण द्वारा फर्जीवाड़े मे शामिल किसी भी व्यक्ति कों बख्शा नहीं जायेगा, के निर्देश भी बलिया मे हवा हवाई साबित हुआ है। जांच अधिकारी द्वारा फर्जीवाड़े मे शामिल बाबू कों बाइज्जत बरी करना और पुरानी जगह पर ही तैनाती चर्चा का विषय बन गया है।मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद का है जहा 25 जनवरी 2024 को मनियर इंटर कालेज पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 568 कन्याओं की शादी कराई गई थी जिसमे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया था। जिसमे  भाई बहन भी एक दूसरे को वरमाला पहना कर शादी सरकारी धन कों हड़पने के लिये किये थे, तो वही कई महिलाएं बिना दूल्हे के ही अपने गले में खुद से माला डाल रही थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, तब इसकी जांच शुरू की गयी तो पाया गया कि यहां तो दाल में कुछ काला नही बल्कि पूरी दाल ही काली है।

बता दे कि इसी शादी समारोह में रेवती ब्लॉक से 136 कन्याओं की फार्म कंप्लीट कर शादी करने के लिए मनियर इंटर कॉलेज पर भेजा गया था जिसमे लगभग 50 प्रतिशत लाभार्थी दूल्हे दुल्हन गलत और फर्जी पाये गये थे।जिसमें रेवती ब्लॉक के बीडीओ द्वारा स्पष्ट बताया गया था कि रेवती में कार्यरत बाबू सुधीर कुमार द्वारा समस्त फॉर्म को बिना किसी कर्मचारी और अधिकारी से वेरीफाई कराए फर्जी साइन करा कर  समाज कल्याण विभाग को भेजा गया था। इसमें सारी गलती यहां के बाबू सुधीर कुमार की है। सुधीर कुमार पर बहुत सारे आरोप भी लग रहे है। यह भी आरोप है कि रेवती ब्लॉक में कई प्राइवेट दलाल भी  इनके अंडर मे कार्य करते है  जिनके माध्यम से ये फर्जीवाड़ा कर अवैध धन उगाही का काम करते है ।

लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है की जो व्यक्ति अपनी कुर्सी का नाजायज फायदा उठाकर सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना में भी बिना डरे खुलेआम नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए भ्रष्टाचार किया हो वो व्यक्ति जांच में बरी कैसे हो गया।जबकि इस मामले में रेवती के आस पास के कई जनसेवा केंद्र संचालक जेल चले गए जिनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वो शादी के फार्म का आवेदन अपने यहां से किए थे।  उस फार्म की फर्जी जांच करने वाले अधिकारी कों बाइज्जत बरी कर दिया जाता है हो और फिर उसी ब्लाक में कार्यरात भी कर दिया  जाता है। इस बात को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है लोगो का कहना है की जिस भ्रष्टाचार की चर्चा  उत्तर प्रदेश के विधान सभा में हो रही थी, जिसपर समाज कल्याण मंत्री द्वार स्पष्ट बोला गया था कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नही जायेगा, तब भी इसकी  जांच में इतना हिलाहवाली कैसे हो गयी और दोषी कर्मी बरी हो गया।

अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस घोटाले के जांच अधिकारी जान बुझ कर सरकार के दामन में दाग लगाना चाहते है? क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं चल रही है। वही स्थानीय लोगों का कहना है कि रेवती में नियुक्त बाबू मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुए भ्रष्टाचार में संलिप्त है लेकिन जांच में हिला हवाली कर इनको बारी किया गया है। जिससे क्षेत्र के लोगो में निराशा का माहौल बना हुआ है जिसके वजह से सरकार और सिस्टम से लोगो का विश्वास भी उठ रहा है।वही वरिष्ठ समाजसेवी अरुण पांडेय लोहिया का कहना है कि जनता में विश्वास बनाए रखने के लिए सरकार और आला अधिकारियों को चाहिए कि एक उच्च स्तरीय कमेटी बना कर ब्लॉक रेवती में हुए मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना की पुनः जांच कराई जाए जिससव गलती करने वाला कोई व्यक्ति बच ना पाए  जिससे आम जन मानस का विश्वास शासन ,प्रशासन पर बना रहे।