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युवा परिचय विषय पर युवा संवाद इंडिया @ 2047 कार्यक्रम का हुआ आयोजन

 





संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा,बलिया।जन नायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व भारत के पंच प्रण एक युवा परिचय विषय पर युवा संवाद इंडिया @ 2047 कार्यक्रम श्री नरहेजी स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरहीं में मंगलवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजीत कुमार गुप्ता व दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री छट्ठू राम ने संयुक्त रुप से मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया।





            युवा संवाद कार्यक्रम में युवाओं ने अपने विचार बेबाक तरीके से रखा। जयप्रकाश महिला पीजी कालेज की छात्रा नीतू पांडेय को प्रथम व इसी कालेज की छात्रा सुष्मिता कुमारी को द्वितीय स्थान मिला। बजरंग पीजी कालेज दादर के विश्वजीत सिंह तृतीय स्थान पर रहे। सभी विजेता प्रतिभागियों को भाजपा नेता छट्ठू राम ने सम्मानित किया। बतौर मुख्य अतिथि कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि आज के युवा ही कल के भारत के भविष्य हैं। युवाओं के बल पर ही भारत विकसित राष्ट्र बन सकता है। कहा कि अंग्रेज तो चले गये लेकिन अंग्रेजियत को छोड गये। आज भी हम उसी मानसिकता में जी रहें हैं। बसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत को आत्मसात कर ही सर्वे भवन्तु सुखिनः के सिद्धांत को साकार किया जा सकता है। दुख इस बात का है कि परिवार की संकल्पना टूट रही है। सामाजिक मूल्यों से हम दूर होते जा रहें हैं। आध्यात्मिक पहचान ही हमारी विरासत है। हमें अपनी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत पर गर्व होना चाहिए। आज का नौजवान जग चुका है।

बीजेपी नेता छट्ठू राम ने कहा कि आजादी के नायकों ने हमें आजादी दिलाई है। और अब आजाद देश को विकसित राष्ट्र और विश्वगुरु बनाने की जिम्मेदारी हम सब की है। किसी भी देश की युवा जनसंख्या उस राष्ट्र की अनमोल शक्ति होती है। युवाओं  को अपनी अहमियत समझते हुए विकास में अग्रणी भूमिका निभाने की जरुरत है। महाविद्यालय के प्रबंधक डा. विजयनारायण सिंह उर्फ गोपाल जी ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। निर्णायक की भूमिका में डा. सुरेश प्रसाद मिश्र , डा.रघुनाथ सिंह व डा. श्वेता सिंह रहीं। इस मौंके पर रामजी सिंह, राजेश सिंह, अखिलेश वर्मा , प्रतिभा सिंह, शोभा मिश्रा आदि रहे। अध्यक्षता प्राचार्या डा. सुशीला सिंह व संचालन डा. कृष्ण मोहन सिंह ने किया। आभार प्रकट कार्यक्रम समन्वयक डा. कृष्ण कुमार सिंह ने किया।