सीएम योगी के कार्यक्रम के दिन आत्महत्या करने वाले व्यक्ति पर ही लगा गंभीर आरोप : रजिस्टर्ड मुहायदा व खाते में 17 लाख 25 हजार ले लेने के बाद वादा खिलाफ़ी
बलिया।। पिछले 3 नवंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के जनपद के बांसडीह तहसील क्षेत्र में आगमन के समय आत्मदाह करने का प्रयास करने और अमिताभ श्रीवास्तव व इनके भाइयों पर अपने जमीन पर जबरिया कब्जा का आरोप लगाने वाले व्यक्ति शैलेन्द्र कुमार ही कटघरे में खड़े दिख रहे है। रोजरोज शैलेन्द्र कुमार के परिजनों द्वारा अनर्गल आरोप लगा कर भू माफिया साबित करने का प्रयास करने और पारिवारिक छवि को धूमिल करने से आहत होकर अमिताभ श्रीवास्तव ने मीडिया के माध्यम से इस पूरे प्रकरण का चिट्ठा खोल दिया।
अमिताभ श्रीवास्तव पुत्र स्व श्रीराम हरिजी निवासी-तिखमपुर थाना कोतवाली, जनपद बलिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिछले 03 नवम्बर 2023 को माननीय मुख्यमंत्री जी के बांसडीह आगमन के समय शैलेन्द्र कुमार पुत्र स्व0 मोहन प्रसाद हाल मु० तिखमपुर, मूल निवासी ताजपुर डेहमा, जनपद-गाजीपुर द्वारा स्वयं को आग लगा लिया गया था , जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। इस घटना के बाद से शैलेन्द्र कुमार व इनका पूरा परिवार मेरे परिवार और मेरी सामाजिक छवि को प्रतिदिन धूमिल करते जा रहे हैं। इन लोगों द्वारा प्रतिदिन लगाये जा रहे अर्नगल आरोपों से मैं और मेरा पूरा परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है ऐसे में मुझे मजबूरन शैलेन्द्र कुमार और इनके पूरे परिवार की तरफ से लगाये जा रहे गलत और बेबुनियाद आरोपों का जवाब मीडिया के माध्यम से देने के लिए बाध्य होना पड़ा है। जबकि यह प्रकरण माननीय न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन). बलिया के यहां लम्बित है, जो जिरह के स्तर पर चल रहा है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि दिनांक 14.02.2020 को रजिस्टर्ड मुहायदा शैलेन्द्र पुत्र स्व० मोहन प्रसाद डा०मु० तिखमपुर, जिला- बलिया, कुमार निवासी ताजपुर डेहमा, जिला गाजीपुर द्वारा किया गया। मुहायदे से पूर्व दिनांक 25.01.2019 को 21000/- (इक्कीस हजार रूपया), दिनांक 22.08. 2019 को 20000/- ( बीस हजार रूपया) दिनांक 10.10.2019 को 20000/- (वीस हजार रूपया), दिनांक 13.01.2020 को 95000/- (पंचानवे हजार रूपया) व दिनांक 04.02.2020 को 44000/- (चौवालिस हजार रूपया) कुल दो लाख रूपये शैलेन्द्र कुमार द्वारा मुझसे लेकर मुहावदा किया गया। यह सौदा कुल 19 लाख रूपये में 1372 वर्ग फीट भूखण्ड के लिये था, जिसकी अवधि एक वर्ष थी।
मुहायदे के बाद ऐसे लिए गये खाते में रूपये
इसके बाद शैलेन्द्र कुमार द्वारा दिनांक 28.10.2020 को 20000/- (बीस हजार रूपया), दिनांक 11.01.2021 को 5000/- ( पांच हजार रूपया), दिनांक 11.01.2021 को 410000/- (चार लाख दस हजार रूपया), दिनांक 11.01.2021 को 670000/- (छः लाख सत्तर हजार रूपया), दिनांक 11.01.2021 को 200000/- (दो लाख रूपया), दिनांक 12. 01-2021 को 220000/- (दो लाख बीस हजार रूपया), कुल 1525000/- (पन्द्रह लाख पच्चीस हजार रूपया) अपने स्टेट बैंक के खाते में लिया गया और शेष रू० 175000/- को रजिस्ट्री के समय देना था। श्री शैलेन्द्र कुमार ने दिनांक 13.01.2021 को रजिस्ट्री करने का वादा किया था। इसी बीच शैलेन्द्र कुमार के दो भाई संतोष कुमार और स्व० युगुल किशोर के पुत्र अजय व विजय द्वारा दिनांक 20.03.2021 को अपने हिस्से का भूखण्ड व मकान (2606 वर्गफीट) को हमारे पक्ष में रजिस्ट्री कर दी गयी। जनवरी 2021 से टाल मटोल करने के कारण शैलेन्द्र कुमार को कानूनी नोटिस दी गयी जिसका जवाब न देने पर हम प्रार्थीगणों द्वारा बाध्य होकर माननीय न्यायालय सिविल जज (सिनियर डिवीजन) बलिया के न्यायालय में अमिताभ वगैरह बनाम शैलेन्द्र वाद संख्या 49/2021 दाखिल कर दिया गया जो अब जिरह के स्तर पर है।
श्री श्रीवास्तव ने प्रतिवादी शैलेन्द्र कुमार की पत्नी व पुत्री व पुत्र द्वारा लगाये जा रहे आरोप कि पुश्तैनी जमीन पर अमिताभ श्रीवास्तव द्वारा जबरिया गेट खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है? का जबाब देते हुए कहा कि शैलेन्द्र कुमार का यह पुश्तैनी व वर्षों से आबाद रकवा नहीं है। इनके पिता स्व० मोहन प्रसाद जो मूल रूप से ताजपुर डेहमा जनपद-गाजीपुर के रहने वाले थे, ने कबाला के माध्यम से खरीद कर अपना घर बनाया था। गेट हटाने का जो प्रकरण है, वह मेरी जमीन में स्थित है, इससे शैलेन्द्र कुमार के भूखण्ड से कोई लेना-देना नहीं है। इसके सम्बन्ध में राजस्व विभाग द्वारा जांच करके रिपोर्ट भी लगायी जा चुकी है। साथ ही इनके द्वारा जो अपने आप को खरवार जाति का बता कर अपने आप को अनुसूचित जन जाति का बताया जा रहा है, वह भी सही नहीं है। वास्तव में ये खरवार नहीं कमकर है और कमकर अनुसूचित जनजाति नहीं होते है।
शैलेन्द्र कुमार के परिजनों द्वारा यह आरोप कि हमारे खाते में जबरी पैसा भेजा गया, के जबाब में श्री श्रीवास्तव ने कहा कि शैलेन्द्र कुमार को जब पैसे की जरूरत थी तो वो मुझसे दिनांक 28.10.2020 से लेकर दिनांक 12.01.2021 तक कई बार में भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा, खाता सं0 33300215467 में कुल 17,25,000/- (सतरह लाख पच्चीस हजार रूपया) जब लिये तो उस समय जबरिया नहीं भेजा गया था? अब लगभग 3 साल बाद जबरिया हो गया।अब जब माननीय न्यायालय के द्वारा साक्ष्य पर जिरह चल रही है और इन लोगों को साक्ष्य अपने विरुद्ध दिख रहे है। इनको माननीय न्यायालय द्वार साक्ष्य के आधार पर कवाला कराये जाने का आदेश संभावित दिख रहा है, तो मनगढंत आरोप लगाया जा रहा है। अगर जवरिया पैसा भेजा गया तो इसकी पुलिस या अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत क्यों नहीं की गयी। बार बार कोई जबरिया खाते में पैसा क्यों भेजेगा? क्या रजिस्टर्ड मुहायदा शैलेन्द्र कुमार नहीं किये है?
अंत में मै पूज्य योगी जी से इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराकर मुझे न्याय दिलाने की प्रार्थना कर रहा हूं। क्योंकि इसमें अब राजनीति शुरू हो गयी है।