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जरा सी लापरवाही डेंगू को बना सकती है जानलेवा,करें बचाव, रहें सतर्क




- पहनें पूरे बांह के कपड़े, करें मच्छरदानी का प्रयोग 

- घर के आस–पास रखें साफ-सफाई

- घर के पास जल जमाव न होने दें, मच्छरों के स्रोतों को करें नष्ट  

बलिया।।डेंगू वा संचारी रोगों के प्रति जागरूकता के क्रम मे शनिवार को मनियर इंटर कॉलेज मनियर में जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव द्वारा कॉलेज प्राचार्य श्री हरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में कॉलेज प्रवक्ता डॉ सुशील कुमार पांडेय के सहयोग से एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे सभी अध्यापक गण एवं 100 से अधिक छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान मलेरिया निरीक्षक श्री सुशील कुमार यादव ने भी पोस्टर पैंफलेट बैनर के माध्यम से  जागरूकता फलाने का कार्य किए एवम एंटीलावरल रसायन का छिड़काव कराए।

इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने कहा कि डेंगू से डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है। लक्षण नजर आते ही अगर अस्पताल की सेवाएं ली जाएं तो बीमारी गंभीर नहीं होने पायेगी। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के मरीज, गर्भवती डेंगू के लक्षण दिखते ही अविलंब अस्पताल की सेवा लें। ऐसे मरीजों में डेंगू के कारण जटिलताएं बढ़ने की आशंका रहती है।





उन्होंने कहा कि वैसे तो डेंगू एक साधारण बीमारी है, लेकिन इलाज में लापरवाही से यह गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है। अगर अचानक तेज बुखार, सर दर्द, हड्डियों में दर्द के साथ आंखों के पीछे तेज दर्द हो तो मरीज को डेंगू की जांच अवश्य करानी चाहिए। बुखार की स्थिति में चिकित्सक के सलाह पर ही दवा लेनी है। दर्द निवारक एवं खून पतला करने वाली दवा का सेवन बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि यह विपरीत असर करती हैं और जानलेवा साबित होती हैं। 

डेंगू बुखार होने पर पूरी तरह से आराम करें,अधिक से अधिक तरल पदार्थों जैसे ताजे फलों का जूस, दाल का जूस,नारियल पानी,दूध, छाछ, ओ आर एस घोल का सेवन करें ,ज्यादा तली भुनी चीजें,गरिष्ठ भोजन ,बाहर की खाद्य सामग्री का सेवन न करें,प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले अन्य उपाय अपनाएं ।

 डेंगू का लक्षण दिखने पर त्वरित इलाज होना चाहिए ताकि दूसरे लोग संक्रमित न होने पाएं। उन्होंने कहा कि लोगों में यह भ्रम है कि डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। किसे प्लेटलेट चढ़ना है और किसे नहीं चढ़ना है, यह अलग-अलग केस पर निर्भर करता है। अगर मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर आता है तो उसे प्लेटलेट चढ़ाने के लिए या गंभीर स्थिति में ही जिला अस्पताल रेफर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लोगों का प्रयास हो कि छोटे जल स्रोतों में साफ पानी का ठहराव न होने पाए। लोग पूरे बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके बाद भी अगर डेंगू का लक्षण नजर आ रहा है तो खुद से दवा न लें, तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। 

डेंगू धनात्मक आने पर संबंधित ग्राम में रैपिड रिस्पॉन्स टीम जाकर आशा की मदद से 50 घरों में फीवर सर्वे और बुखार के मरीजों की सैंपलिंग कराई जाती है,सोर्स रिडक्शन,स्वास्थ्य शिक्षा प्रचार प्रसार भी कराया जाता है,साथ ही पंचायती राज विभाग और नगर विकास विभाग के समन्वय से साफ सफाई,जल निकासी,एंटीलर्वल स्प्रे,फॉगिंग का कार्य भी कराया जाता है।

उन्होंने बताया कि जिले मे वर्ष 2020 में 20 डेंगू मरीज,2021में 99 डेंगू मरीज,2022में 199 डेंगू मरीज ,2023 में 1जनवरी से अब तक 2 डेंगू मरीज मिले हैं।