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स्टेशन से चौक तक पटरी व्यवसायियों को हटाये जाने से व्यापारियों में बढ़ने लगा आक्रोश, उप जिलाधिकारी को सौपा पत्रक



बलिया।। पिछले लगभग एक सप्ताह पूर्व स्टेशन रोड से चौक तक और चौक के चारों तरफ दुकान लगाकर अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले पटरी व्यवसायियों के सामने भुखमरी की नौबत आ गयी है। यही नही भारत सरकार द्वारा जारी शासनादेश के आधार पर प्रदेश सरकार द्वारा जारी पथ विक्रेता परिचय पत्र नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और अधिकारियो के तानाशाही रवैये के कारण शो पीस बन कर रह गया है। ज़ब मोदी सरकार ने पथ विक्रेताओं रेहणी वालों के लिये शासनादेश जारी किया तो पूरे देश से ऐसे व्यापारियों ने बीजेपी को खूब समर्थन दिया था। मोदी सरकार ने तो ऐसे परिचय पत्र धारियों को बैंकों से ऋण भी दिया है, जो अब बलिया में फंसने की कगार पर नगर पालिका अध्यक्ष और अधिकारियो के कृत्य से पहुंच चूका है। अगर यही हाल रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव में भी अध्यक्ष जी का हटाने वाला यह आदेश बीजेपी को भारी भी पड़ सकता है।









आठ दिनों से दुकान बंद होने से इनके घर भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। आलम यह है कि ये अपने बच्चों की फीस भी भरने की स्थिति में नही है। जिससे इनके बच्चों का भविष्य भी ख़राब हो सकता है। नगर पालिका का यह आदेश कई तरह की परेशानियों को लेकर आया है। इससे खिन्न होकर शुक्रवार को पटरी व्यवसायियों के नेता राहुल कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल उप जिलाधिकारी से मिल कर अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए पुनः दुकानों को लगाने का आदेश देने के लिये एक ज्ञापन सौपा। इन लोगों का आरोप है कि न डीएम ने, न नगर मजिस्ट्रेट ने और न ईओ ने दुकानों को हटाने के लिये कोई लिखित आदेश दिया है, फिर दुकानों को क्यों हटाया गया। ज़ब दुकानों को लगाने ही नही देना था तो पथ विक्रेता का परिचय पत्र और ऋण क्यों दिया गया। अब ज़ब दुकान ही नही लगेगी तो ऋण कैसे भरा जायेगा।

व्यापारी की पीड़ा सुनिये



व्यापारी नेता राहुल कुमार का बयान