थानों के थानेदारों की बढ़ी बेचैनी, मलाईदार थानों के थानेदारों में बेचैनी
मधुसूदन सिंह
बलिया।। पुलिस अधीक्षक एस आनन्द के पदभार ग्रहण करने का अब एक सप्ताह पूर्ण होने वाला है। पूर्व की तेजतर्रार छवि वाले एस आनन्द अब तक जनपद की पूरी भौगोलिक स्थिति से अवगत हो चुके होंगे। पुलिस अधीक्षक की यही छवि जोड़तोड़ से मलाईदार थानों पर काबिज थानेदारों में बेचैनी पैदा की हुई है। यही नही सूत्रों की माने तो एसओजी भी पुलिस अधीक्षक की राडार पर है।
सूत्रों की माने तो थानेदारों के कार्यकाल की समीक्षा अपराध और उस पर किये गये नियंत्रण के आधार पर की जा रही है। वही पिछले 6 माह में एसओजी टीम के कार्यों की भी समीक्षा हो रही है। बता दे कि पिछले 6 माह में शराब तस्करी को रोकने में एसओजी टीम अन्य अपराधों की बजाय ज्यादे सक्रिय दिखी है।
वही तेजतर्रार निरीक्षकों को क्राइम ब्रांच से लेकर थानों में क्राइम इंस्पेक्टर बनाया गया है जबकि कई थानो पर उप निरीक्षकों के हाथों में थानों की कमान है। वही बैरिया थाने की सबसे महत्वपूर्ण पुलिस चौकी चांद दीयर आधे वर्ष से अधिक समय से खाली पड़ी है। जबकि ऐसी ही लगभग आधे दर्जन की संख्या में पुलिस चौकियां इंचार्ज की पलक पावड़े बिछाकर इंतजार कर रही है।
जनपद की सीमाओं पर स्थित अधिकतर थानों पर उप निरीक्षकों के हाथों सौपी गयी कमान अक्सर चर्चा का कारण बन जाती है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक जल्द ही जनपद में कार्यरत निरीक्षकों और उप निरीक्षकों की कार्यशैली की जांच पड़ताल के बाद अपराध पर नियंत्रण के लिये नयी टीम घोषित कर सकते है। इस टीम की घोषणा होते ही लगभग आधे दर्जन थानेदारों के पैदल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। अब देखना है पुलिस अधीक्षक कब घोषणा करते है।