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अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज का शताब्दी समारोह :चार चरवाहों के चार दर्शन दिखाते है एक ही राह -वीरेन्द सिंह मस्त



ललन बागी 

रसड़ा (बलिया)।।  स्थानीय नगर के अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज के शताब्दी समारोह के समापन अवसर पर रविवार को  सांसद विरेंद्र सिंह मस्त ने कहा है कि भारत केवल एक जमीन का टुकड़ा नहीं है ।भारत की समृद्ध सभ्यता, संस्कृति का द्योतक हैऔर यहा कि परंपरा रही है जिसे पूरा  विश्व  स्वीकार करता है ।भारतवर्ष का ज्ञान विद्या के मंदिरों से होकर गुजरता है। यहां वेदों की रचना की गई और हर विषयों का ज्ञान ऋषि मुनियों के पास था ।उन्होंने कहा कि बाइबल ,गीता,कुरान और गुरु ग्रंथ साहिब ने  समाज को एक जीवन दर्शन दिया है। भारत की तपोभूमि पर कणाद ऋषि ने परमाणु की खोज की और  पराशर ऋषि ने प्राकृतिक खेती पर बल दिया था। उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग रामचरित पर अपने गलत मानसिकता से टिप्पणी कर रहे हैं जबकि हमारे देश मे चार वर्ग वर्ण के मान्य है   ब्राह्मण ,क्षत्रिय ,वैश्य और शूद्र लेकिन एक शरीर के ही अलग-अलग भाग हैं। अगर ब्राह्मण दुराचारी  हो जाए, क्षत्रिय अत्याचारी हो जाए और वैश्य भ्रष्टाचारी हो जाए तो समाज को श्रम शक्ति ही बचाती है। इस लिये  सब एक समान है। हम एक है हमारे देश में सनातन परम्परा है और यह विद्या  के मंदिर से निकलती है।










हमारे देश में चार दर्शन है लेकिन सबकी राह एक ही है। हमारा सनातन परम्परा इतनी मजबूत है कि चार दर्शन की रचना विद्या के मंदिरों से होकर ही निकले है। चारों दर्शनों को चार चरवाहों ने रचना की। गीता की रचना योगी राज श्री कृष्ण ने की,वे गायों के चरवाहा थे। गुरुग्रंथ साहब की रचना गुरुनानक ने किया, वे घोड़ो के चरवाहा थे ।कुरान की रचना  जिसने किया,वे ऊंट के चरवाहा थे। बाइबिल की रचना जिसने की वे भेड़  के चरवहा थे। ये चार दर्शन हमारे देश के है। ये चारों दर्शन ऐसे है जो मानव समाज को सही राह दिखातें है। किसान का बेटा होने के नाते  तो लोग कहते होगे कि ये किसान का बेटा क्या जाने लेकिन हमारे देश की सनातन परम्परा है, ये सभी चार दर्शन एक ही मार्ग पर चलने को सिखातें है।

  कहा कि दुनिया के कई देशों की यात्रा की है।उनकी नजरों ने देखा कि दुनिया एक बाजार है जो भोग की चीजों को बेच कर विघटन पैदा करती है लेकिन भारतवर्ष एक ऐसा देश जो भोग की नहीं,बल्कि  त्याग की भूमि है। उन्होंने कहा कि हमारें देश की प्रथम इकाई  एक परिवार है अगर परिवार टूटता है तो  समाज और देश राष्ट्र के टूटने का खतरा पैदा हो जाता है। कहा कि स्वतंत्रता  की लड़ाई में बलिया ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है और महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद भगत सिंह के नाम पर यह इंटर कॉलेज का पिछले 100  वर्ष पूर्ण करने पर, अपने आप मे  गौरव पूर्ण इतिहास है। उन्होंने प्रधानाचार्य की मांग पर अपनी सहमति व्यक्त की कि वे रसड़ा अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज को स्मार्ट कॉलेज बनाने के लिए भारत सरकार के शिक्षा विभाग से बात करेंगे। 

इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत  में  बलिया के लोकप्रिय सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर  का स्वागत किया। कार्यक्रम को उप प्रबंधक मोहम्मद मुजतबा हुसैन ने भी संबोधित किया ।इस अवसर पर पूर्व छात्रों एवं अध्यापकों को भी सम्मानित किया गया। पूर्व अध्यापक राजेंद्र मिश्रा, शिवानंद तिवारी, अवधेश सिंह अश्वनी कुमार तिवारी ,वकील तिवारी, रामनिवास सिंह रविंद्र प्रजापति, लालजी तिवारी ,तारकेश्वर सिंह मोहन सिंह ,अवधेश त्रिपाठी, दयाशंकर पांडे, अब्दुल्लाह अंसारी, रामबचन यादव ,डॉक्टर शब्बीर अंसारी नेत्र रोग विशेषज्ञ, पूर्व न्यायिक अधिकारी व्रजनारायन सिंह को भी सम्मानित किया गया। बच्चिया ने समारोह में नृत्य नाटिका एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। सभा का संचालन घनश्याम ने किया जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन विजय पांडे  ने किया।