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विश्व क्षय रोग दिवस पर रेड क्रास ने लिया 169 मरीजों को गोद







बलिया।। विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च पर महामहिम माननीय राज्यपाल/ अध्यक्ष इण्डियन रेड क्रॉस सोसायटी उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल एवं उप मुख्यमंत्री/स्वास्थ्य मंत्री/उपाध्यक्ष इण्डियन रेड क्रॉस सोसायटी उत्तर प्रदेश श्री बृजेश पाठक जी के आह्वान पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी / उपाध्यक्ष इण्डियन रेड क्रॉस सोसायटी बलिया डॉ जयंत कुमार एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल डॉ  दिवाकर सिंह की उपस्थिति में जिला क्षय रोग अधिकारी/ सचिव इण्डियन रेड क्रॉस सोसायटी बलिया डॉ० आनन्द कुमार के द्वारा गोष्ठी एवं मरीजों के गोदनामा तथा हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद के सभी सरकारी तथा गैर सरकारी  अस्पतालों के डाक्टरों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिसमें प्रमुख रूप से डॉ केजरीवाल, डॉ अजीत सिंह, डॉ ददन राय, डॉ विरेन्द्र कुमार गुप्ता आदि रहे।इस मौके पर वर्ष 2025 तक टी०बी० रोग को देश से ख़त्म करने का संकल्प भी दोहराया गया।



इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ड़ॉ० जयन्त कुमार ने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है।  जनपद में टीबी के मरीजों का बेहतर इलाज सरकारी चिकित्सालय में किया जा रहा है। सबसे खास यह है कि मरीज को अपना सम्पूर्ण इलाज कराना होगा यदि एक भी दिन वह दवा खाने से चूकता है तो यह उसके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। उन्होंने रेड क्रॉस सोसायटी बलिया की सराहना करते हुए कहा कि रेड क्रॉस जनपद में निरंतर ही अच्छा कार्य कर रही है, इसी क्रम में आज रेड क्रॉस द्वारा 169 मरीजों को गोद लिया गया है, एवं उन्हें पोषण पोटली दी गई है। पूर्व में भी रेड क्रॉस द्वारा 274 मरीजों को गोद लिया गया था, जो इस समय पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गये हैं। इसके लिए उन्होंने रेड क्रॉस टीम बलिया को बधाई दी।









जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ०आनन्द कुमार ने कहा कि दो हफ्ते से खांसी और बुखार आना टीबी रोग का  प्रमुख लक्षण हैं | इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। वहीं जिन्हे दो हफ्ते से अधिक खांसी आ रही हो या खाँसने पर बलगम के साथ खून आ रहा हो तो उन्हें तत्काल जिला टीबी चिकित्सालय में अपने बलगम की जाँच करानी चाहिए। 

उन्होंने बताया कि समय से रोग का पता चल जाने से टीबी को ठीक किया जा सकता है।

इस दौरान बताया गया कि यदि कोई मरीज किसी वजह से बाहर जाता है तो सम्बन्धित चिकित्सालय से कार्ड लेकर रेफर बनवा लें ताकि कहीं भी जाने पर उसे दवाएं उपलब्ध हो सकें। मरीजों का खानपान अच्छा रखने के लिये उनके खाते में निश्चय पोषण योजना के तहत 500 रूपये की धनराशि भी प्रतिमाह दी जा रही है। 


 डॉ० आनंद कुमार ने बताया कि जिले में करीब 3071टीबी मरीज पंजीकृत हैं। आज रेड क्रॉस सोसायटी बलिया द्वारा 169 मरीजों को गोद लिया गया एवं उन्हें पोषण पोटली (भुना चना, मूंगफली, गुड़, सत्तू,राजमा, सोयाबीन, प्रोटीन पाउडर) दिया गया।इसमें 100 मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) के  मरीज हैं। जिले में अभी 35 डीएमसी, दो सीबी नाट लैब और दो ट्रू नाट लैब है।


इस अवसर पर जिला समन्वयक शैलेंद्र पाण्डेय,उप - सभापति विजय कुमार शर्मा, डॉ पंकज ओझा, रविशंकर तिवारी, रणधीर सिंह, सरदार सुरेन्द्र सिंह खालसा, नंदनी सिंह, हृदयमोहन, यादवेन्द्र दत्त मिश्र सरदार जितेन्द्र सिंह, आशीष, विवेक, संजीत सिन्हा, अवनीश चतुर्वेदी एवं राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।