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आधारकार्ड के नाम पर मनमानी वसूली, पीड़ित ने बनाया वीडियो



बिल्थरारोड(बलिया)।। सरकार की तरफ से आधारकार्ड की उपयोगिता को हर क्षेत्र में अनिवार्य  कर देने से इसके लिए अब हर व्यक्ति आधारकार्ड बनवाने के लिए सक्रिय हो चुका है। इस समय आधारकार्ड में त्रुटियों को दूर करने तथा नये आधार कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों में अब आम आदमी लूट खसोट का शिकार होने लगा है। मामला स्थानीय नगर के दूरभाष केन्द्र से जुड़ा है।







    जानकारी के अनुसार उभांव थाना क्षेत्र के ग्राम कुशहांभांड़ निवासी पीड़ित उमेश गुप्ता की माने तो वे अपने पिता सुबास चन्द गुप्ता के आधार कार्ड से जुड़े मोबाईल नम्बर को चेंज कराने के लिए पिता के साथ दूरभाष केन्द्र बिल्थरारोड के कार्यालय पहुंचे। जहां आधार कार्ड बनाने तथा त्रुटियों को दूर करने के लिए दो व्यक्ति तैनात थे।  इस बावत सम्बन्धितकर्मी ने एक प्रपत्र भरकर सुबास चन्द गुप्ता का हस्ताक्षर कराया, साथ ही एक रजिस्टर पर भी उनके हस्ताक्षर बनवाये। इसके बाद इसके लिए 200/ रुपये फीस भी जमा करा लिये। 200/ रुपये की रसीद मांगने पर नही दिये, बोले कि इसकी रसीद नही मिलती। सिर्फ आधारकार्ड का संशोधन प्रपत्र दिया और बोला कि यही रसीद है। जिस पर कोई पैसा अंकित नही दिखा। पीड़ित ने यह भी बताया कि 200/, रुपए की रसीद न देने तथा मौके की सभी गतिविधियों की उसके पास सम्बन्धितकर्मी की वीडियो भी मौजूद है। जिसे वह आवश्कतानुसार सुलभ करा देगा। पीड़ित उमेश गुप्ता ने बताया कि उसने गुगल पर सर्च किया तो मोबाईल नम्बर चेंज कराने के लिए सिर्फ 50/ रुपये निर्धारित है।

 

पीड़ित उमेश गुप्ता ने मौके पर आधारकार्ड की समस्या को लेकर लोगों की भीड़ लगी हुई थी। प्रतिदिन इसी प्रकार लोगो से नाजायज पैसा मनमाने रूप से वसूला जा रहा है। यदि इसकी जांच गुप्तचर शाखा से करवा दिया जाय, तो इसका वास्तवित राजफाश हो जायेगा। वैसे बता दे कि यह कार्य जिस भी सरकारी दफ्तर में हो रहा है, वहां की भी यही स्थिति है।



     इस प्रकार की धांधली सरकारी दफ्तरों में हो, यह बात किसी के गले नही उतरती। बल्कि सीधे यह कहा जा सकता है कि अधिकारियों की मिली भगत के कारण कोई इन पर नियंत्रण नही है। काश ! यदि कोई दुकानदार किसी समान की रसीद नही देता तो प्रशासन की भृकुटी तन जाती, और कानूनी कार्यवाही शुरू हो जाती। अब देखना है कि विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही सुनिश्चित होती है।