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7 लाख तक की आय हुई टैक्स फ्री, आम बजट पेश



नईदिल्ली।।

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण


बजट की सात प्राथमिकतायें-

(1)समावेशी विकास

(2)आखिरी पायद पर खड़े लोगों तक पुहंचाना

(3)इंफ्रास्ट्रक्चर और विनेश

(4)क्षमता को उजागर करना

(5)हरित विकास

(6)युवा शक्ति 

(7)फाइनेंशियल सेक्टर



प्रौद्योगिकी संचालित व ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आर्थिक एजेंडा तीन बिंदुओं पर केंद्रित है:


(1)अवसरों को सुविधाजनक बनाना


(2)रोजगार सृजन को मजबूत गति देना


(3)व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना 


हरित विकास के लिए कई सारे कार्यक्रम चलाए गए हैं

देश में पर्यटन के विकास हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी

अमृतकाल के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जन भागीदारी 'सबका साथ-सबका विकास' पर जोर --श्रीमती निर्मला सीतारमण


पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान के माध्यम से परंपरागत कलाकारों और कारीगरों के लिए आत्मनिर्भर भारत के साथ सहयोग और प्रशिक्षण-श्रीमती निर्मला सीतारमण


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सदस्यता में दोगुनी वृद्धि, जो अब 27 करोड़ है, से यह परिलक्षित होता है कि अब अर्थव्यवस्था बहुत अधिक औपचारिक हो गई है-श्रीमती निर्मला सीतारमण


UPI के माध्यम से 2022 में 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 डिजिटल भुगतान हुए-श्रीमती निर्मला सीतारमण


सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को एक वर्ष के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।-श्रीमती निर्मला सीतारमण


हमने महत्वपूर्ण सुधारों के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है। EPFO की सदस्यता दोगुनी से भी अधिक बढ़ कर 27 करोड़ हुई है।-श्रीमती निर्मला सीतारमण



"प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक बढ़ कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। वहीं इस बीच भारत की अर्थव्यवस्था 10 से बढ़ कर दुनिया की 5वीं  सबसे बड़ी  अर्थव्यवस्था बन गई है।,,-श्रीमती निर्मला सीतारमण


-11.7 करोड़ शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत अभियान के तहत -श्रीमती निर्मला सीतारमण

- 9.6 करोड़ LPG एलपीजी कनेक्शन उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए-श्रीमती निर्मला सीतारमण

-  47.8 पीएम जन-धन खाते खोले गए।-श्रीमती निर्मला सीतारमण


केन्द्रीय बजट में 2023-24 में क्या खास 


इनकम टैक्स पर वित्त मंत्री का एलान- सात लाख रुपये तक की आमदनी पर नहीं देना होगा कोई टैक्स



नेक्स्ट जेनेरेशन टैक्स फॉर्म जारी किया जाएगा. जो सरल होगा. आसानी से टैक्स भरा जा सके इसके लिए नेक्स्ट जेनेरेशन टैक्स फॉर्म जारी किया जाएगा.

कोऑपरेशन सेक्टर में 31 मार्च 2024 तक काम शुरू करने वाली नई कंपनियों को 15 फीसदी दी छूट दी जाएगी.

अभी सालाना पांच लाख तक की आय पर लोग कोई आय टैक्स नहीं देते. इस स्तर को न्यू टैक्स रिज़ीम में सात लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है.

साल 2020 में पर्सनल टैक्स रिज़ीम में छह दरें जो दी गई थीं, इसे घटा कर पांच स्तर तक किया जाएगा.

0-3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

3 से 6 लाख तक की आय पर 5 फ़ीसदी टैक्स लगेगा.

6 से 9 लाख तक की आय पर 10 फ़ीसदी टैक्स लगेगा.

9 से 12 लाख तक की आय पर 15 फ़ीसदी टैक्स लगेगा.

12 से15 लाख तक की आय पर 20 फ़ीसदी टैक्स लगेगा.

15 साख से से अधिक में 30 फ़ीसदी टैक्स लगेगा.

नौ लाख तक की आय पर व्यक्ति को 45 हज़ार का टैक्स देाना होगा.

15 लाख की आय पर 1.5 लाख या 10 फीसदी का टैक्स देना होगा.



ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दिया जाएगा.... 


लीथियम आयन बैटरी बनाने के लिए ज़रूरी सामान के आयात में कस्टम ड्यूटी में दी गई छूट जारी रहेगी.

कैमरा लेन्स और लीथियम आयन बैटरी जैसे मोबाइल फ़ोन उत्पादन में लगने वाले ज़रूरी सामान के आयात में कस्टम ड्यूटी में दी गई छूट जारी रहेगी.

डीनेचर्ड इथाइल एल्कोहॉल से कस्टम ड्यूटी हटाने का प्रस्ताव.

क्रूड ग्लिसिरीन पर लगे कस्टम ड्यूटी को 7.5 से घटाकर 2.5 करने का प्रस्ताव.

चांदी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जाएगा ताकि वो सोने और प्लैटिनम पर लगी कस्टम ड्यूटी के बराबर हो सके.

सिगरेट पर लगे कस्टम ड्यूटी को तीन साल से नहीं बढ़ाया गया है. इसे बढ़ाकर 16 फीसदी करने का प्रस्ताव है।

क्या कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

 नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट (Union Budget) को अमृतकाल का पहला बजट करार देते हुए आज कहा कि यह नागरिकों को बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराने, रोजगार सृजित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने के लिए हैं।


श्रीमती सीतारमण ने बुधवार को संसद में अगले वित्त वर्ष का आम बजट (Budget) पेश करते हुए कहा कि आर्थिक एजेंडे के केंद्र में नागरिकों को विकास और बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराना, अर्थव्यव्यवस्था के विकास को सुदृढ़ बल देना और रोजगार सृजित करना और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से इन उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है।


वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले नौ साल में दुनिया में दसवें स्थान से बढ़कर पांचवें स्थान पर आ गयी है। भारत ने सहस्राब्दी विकास लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अर्थव्यवस्था तेजी से औपचारिक रुप ग्रहण कर रही है। योजनाओं को कुशलता से लागू किया जा रहा है जिससे समग्र विकास हुआ है।


उन्होंने कहा कि अमृतकाल के इस पहले बजट का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को और मजबूत करना तथा विकास के लक्ष्यों का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाना है।


श्रीमती सीतारमण ने कहा, "चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है और यह विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था है, आने वाले वर्षों में भी हम आगे रहेंगे।" उन्होंने कहा कि विश्व ने भारत की अर्थव्यवस्था के महत्व को पहचाना है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की नरमी के बावजूद भारत में मजबूती दिखाई है हमारे सुधार जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि यूपीआई , कोविन ऐप, नेशनल हाइड्रोजन मिशन और विश्व में पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली के लिए भारत में लाइफ मिशन शुरू किया है वह भारत की छवि को बढ़ाने वाला है।


श्रीमती सीतारमण ने कहा कि राज्यों के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा एक वर्ष के लिए बढ़ायी गयी है। राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत मिशन मोड पर है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक बढ़ कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। कमजोर आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मिशन शुरु किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए बजट आवंटन में 66 प्रतिशत की बढोतरी, 79 हजार करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।


उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किये जायेंगे। कृषि क्षेत्र के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के ऋण प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दो लाख करोड़ रुपए का वहन केंद्र सरकार करेगी। सरकार कृषि क्षेत्र के लिए ओपन सोर्स पर आधारित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म बनाएं जाएगें। कृषि स्टार्ट अप के लिए विशेष निधि होगी।


श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अस्पतालों को बहु विशेषज्ञता से संबंधित उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा और भविष्य की तकनीक के लिए कुशल मानव श्रम बल सुनिश्चित किया जाएगा। इन उपकरणों के लिए देश में शोध और विकास पर जोर होगा। उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से फार्मा क्षेत्र में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन दिया जाएगा और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के उद्योगों को शाेध एवंं विकास क्षेत्र निवेश के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की चयनित प्रयोगशालाओं को सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों के लिए खोला जाएगा और निजी क्षेत्र को इसमें सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए मिशन शुरू किया जाएगा। इससे प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 40 वर्ष तक के सात करोड़ लोगों की जांच की जाएगी।


वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के भारी अवसरों को देखते हुए राज्यों के सहयोग से मिशन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 63 हजार प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी का 2516 करोड़ रुपए के निवेश से डिजिटलीकरण किया जाएगा। इससे किसानों को फसलों के लिए बेहतर दाम मिल सकेंगे। अगले पांच वर्ष में गांवों को मछली पालन और पशुपालन से संबंधित सहकारी समितियां शुरू की जाएगीं। प्राकृतिक खेती के लिए 10 हजार बायो इनपुट केन्द्र होंगे स्थापित होंगे। गोवर्धन योजना के तहत 500 संयंत्रों की स्थापना होगी। बागवानी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पौध सामग्री के लिए 2200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव है।


उन्होंने कहा कि परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए प्रधानमंत्री विश्व कर्म कुशल सम्मान योजना आरंभ होगी। इससे संबंधित उत्पादों की गुणवत्ता आदि में सुधार होगा और शोध किया जाएगा। इनको एमएसएमई क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि 6000 करोड़ रुपए के निवेश से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत उप योजना आरंभ होगी जो मत्स्य उद्योग से जुड़े उद्योगों को संबल प्रदान करेगी।


अगले वित्त वर्ष के बजट में वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन और टेलीविजन सेट में लगने वाले कैमरा और कुछ अन्य कलपुर्जाें पर आयात शुल्क में कमी घोषणा की। कपड़े और कृषि को छोड़कर अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क की मूल दर 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत की गयी। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2024-25 तक 4.5 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। बजट अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रहेगा और अगले वित्त वर्ष में यह पांच प्रतिशत होगा।


श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जेल में बंद गरीब कैदियों को जुर्माने और जमानत राशि के लिए जरूरी वित्तीय मदद किया जाएगी। इसके अलावा वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत पुराने वाहनों को बदलने में राज्यों की मदद की जाएगी।


आदिवासी क्षेत्रों में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए तीन वर्षाें के दौरान 38 हजार शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती होगी। क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए 50 अतिरिक्त हवाई अड्डे, हेलिपैड, वाटर एयरो ड्रोन बनेंगे।


वित्त मंत्री ने देश में मिलेट्स (ज्वार, बाजार और मोटे अनाजों) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए हैदराबाद स्थिति भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को केन्द्र से मदद बढ़ाने तथा उसे उत्कृष्टता केन्द्र का दर्जा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत श्रीअन्न (मिलेट्स) का उत्पादन और निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत को श्रीअन्न का वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय मिलेट्स अनुसंधान को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में मदद की जाएगी ताकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा कर सके।


श्रीमती सीतारमण ने किसानों की सुविधा के लिए डिजिटल सार्वजनिक और इंफ्रास्ट्रक्टर प्लेटफॉर्म शुरू करने की घोषणा की। यह प्लेटफॉर्म ओपन सोर्स पर आधारित होगा और समावेशी होगा। इस पर किसानों के लिए पादप संरक्षण, कृषि सामग्री और परामर्श आदि की सुविधाएं जुटाने में आसानी होगी। उन्होंने कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग विशेष योजना बनाने की घोषणा की।


श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नयी कर प्रणाली में सात लाख रुपये वार्षिक आय को कर से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही आयकर स्लैब को छह से पांच कर दिया गया है। अब आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर तीन लाख रुपये की गयी, तीन से छह लाख तक पांच प्रतिशत, छह से नौ लाख तक 10 प्रतिशत, नौ से 12 लाख तक 15 प्रतिशत और 12 से 15 लाख तक 20 प्रतिशत किया गया। इसके साथ ही 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर अब 30 प्रतिशत कर लगेगा।


बजट समीक्षा

 बजट को चाहे जितना भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए, नरेंद्र मोदी के सत्ता में नौ साल की विरासत मैन्युफैक्चरिंग, निजी निवेश और रोज़गार में ठहराव की है.

[01/02, 9:00 pm] बलिया एक्सप्रेस हिंदी राष्ट्रीय साप्ताहिक: हाल के दिनों में बढ़ती महंगाई एक अतिरिक्त समस्या बन गई है.


2023-24 का बजट निजी निवेश और रोज़गार के विकास में लगभग एक दशक की लंबी सुस्ती के बाद व्यक्तिगत आयकर रियायतों के जरिये मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक पैसा देकर पूंजीगत व्यय और खपत की मांग को बढ़ावा देने का अंतिम प्रयास है. सालाना 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यह बमुश्किल ही पहले से महंगाई से जूझ रहे मध्य वर्ग की वास्तविक आय के लिए कोई लाभ पहुंचा पाएगा. सरकार ने अपने पूंजीगत व्यय बजट को भी 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. लेकिन क्या यह सब अर्थव्यवस्था को सार्थक रूप से बदल देगा? जैसा कि हमने हाल के वर्षों में देखा है, केवल सरकारी पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी कोई रामबाण नहीं है.


मेरे विचार में बजट 2023-24 सिर्फ इसलिए अच्छा है कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था की मंदी की संभावना की पृष्ठभूमि और असामान्य रूप से कड़ी मौद्रिक नीति से उच्च मुद्रास्फीति का मुकाबला करने में व्यस्त विकसित देशों का सामना कर सकता है. वैश्विक वृद्धि दर के 2022 के 3.4% से 2023 में 2.9% तक गिरने के आईएमएफ के पूर्वानुमान से भारत शायद ही बच सकता है. भारत की जीडीपी वृद्धि 2023-24 के लिए 6.1% अनुमानित है, जो पिछले वित्त वर्ष के 6.8% से कम है.


यदि कोई इस तरह से सोचे, तो भारतीय बजट, जो 2024 के आम चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखिरी बजट है, में विकास और रोजगार पर कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं है. सच्चाई यह है कि मोदी सरकार के नौ साल निजी निवेश और रोजगार में ठहराव ही दिखा है. सरकार अब खुले तौर पर स्वीकार कर रही है कि 2019 से असंख्य कर और अन्य प्रोत्साहनों के बावजूद निजी निवेश नहीं आ रहा है.


बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण जारी होने के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने स्वीकार किया कि सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय वृद्धि अनिवार्य हो गई है, जिसमें निवेश करने के लिए कॉरपोरेट्स अनिच्छुक हैं. हालांकि, इतिहास बताता है कि निजी निवेश के बिना विकास और रोजगार पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकते. अकेले सार्वजनिक निवेश पर्याप्त नहीं होगा. एक तरह से पिछले नौ सालों में मोदीनॉमिक्स की यही कहानी रही है. निजी विनिर्माण निवेश के लिए यह दशक कुछ खास नहीं रहा है.


नतीजतन, रोजगार भी ठप हो गया है. सीएमआईई डेटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि 2019-20 के बाद से प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था में कुल रोजगार 405-410 मिलियन की सीमा में स्थिर रहा है. केवल 2020-21 के कोविड वर्ष में लगभग 386 मिलियन की बड़ी गिरावट देखी गई और उसके बाद कुल रोजगार में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन फिर भी यह 2019-20 के स्तर से नीचे बना हुआ है. यह ठहराव अर्थव्यवस्था के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं है.


मोदी सरकार ने विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट्स को भारी आपूर्ति प्रोत्साहन देने की कोशिश की है, लेकिन निजी क्षेत्र ने निवेश नहीं किया है क्योंकि उसे लगा कि हर तरफ मांग नहीं बढ़ रही है. उदाहरण के लिए, दोपहिया वाहनों की बिक्री कमोबेश वही है जो पांच से छह साल पहले थी. अगर पिरामिड के निचले हिस्से में लोगों की आय स्थिर है, तो मांग कैसे बढ़ेगी? अगर मांग नहीं बढ़ेगी तो निजी क्षेत्र निवेश क्यों करेगा? सरकार कई वर्षों से खुद की बनाई इसी मुश्किल स्थिति में फंसी हुई है. कोविड के बाद नीचे की 70% आबादी की आय और अधिक प्रभावित हुई.


बजट को चाहे जितना भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए, पीएम मोदी के सत्ता में नौ साल की विरासत मैन्युफैक्चरिंग, निजी निवेश और रोजगार में ठहराव की रही है. हाल के दिनों में बढ़ती महंगाई एक अतिरिक्त समस्या बन गई है. बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च, हालांकि जो पर्याप्त है, निजी निवेश वृद्धि की अनुपस्थिति का मुकाबला करने में दूर-दूर तक भी सक्षम नहीं है. एक निम्न मध्य आय वाले देश में संसाधनों की कमी को देखते हुए सरकारें केवल इतना ही कर सकती हैं.


नतीजतन, भारत इस बड़े विरोधाभास के बीच है जहां सरकार दावा करती है कि यह सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन फिर भी यह 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए मजबूर है! इसके अतिरिक्त, सरकार को विधायी रोजगार गारंटी कार्यक्रमों के लिए यथोचित उच्च बजट आवंटन रखना पड़ रहा है, जिसे पीएम ने कांग्रेस की आर्थिक नीतियों की विफलता का प्रतीक बताया था.


यह विरोधाभास संरचनात्मक है और भारत के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने के बारे में निरंतर अतिशयोक्ति का सहारा लेने के बजाय बारीकी से अध्ययन करने की आवश्यकता है. अब भी और बहुत काम किया जाना बाकी है.


इस सरकार के 10वें साल के बजट भाषण में जिस 'अमृत काल' का बार-बार जिक्र किया जाता है, उसमें पहुंचना सुविधाजनक है. अब सभी वादे अगले 25 सालों के लिए टाल दिए गए हैं, जैसा कि संयुक्त संसद सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण ने सुझाया. पिछले नौ बरसों के निजी निवेश और रोजगार का रिकॉर्ड 'अमृत काल' के किसी फुटनोट में भी दर्ज नहीं होगा।










प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है.

अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है.

एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम को बदलने के प्रस्ताव पर काम इस साल एक अप्रैल में शुरू होगा. इसके लिए 9000 करोड़ के कॉर्पस का प्रावधान किया गया है.

नेशनल फ़ाइनेन्शियल रजिस्ट्री फ़ॉर फ़ाइनेन्शियल स्ट्रैटेजी बनाया जाएगा. सेंट्रल प्रेसेसिंग सेंटर बनाया जाएगा ताकि कंपनियों के द्वारा फाइल किए जा रहे दस्तवेज़ों का जल्द निपटारा हो.



गोवर्धन योजना के लिए 10 हज़ार करोड़ का आवंटन किया जाएगा. इसके लिए ज़रूरी राहत दी जाएगी

सरकार एक करोड़ किसानों को ऑगेनिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करेगी, इसके लिए 10 हज़ार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर बनाए जाएंगे.

प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों की रीप्लेसिंग बेहद महत्वपूर्ण काम है, ये सतत ऊर्जा की राह में बड़ा कदम है. केंद्र सरकार की पुरानी गाड़ियों और एबुलेंस को नष्ट करने के लिए मदद की जाएगी. इसके लिए राज्य सरकारों को भी मदद दी जाएगी.

अगले तीन सालोौं में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 योजना लॉन्च की जाएगी, जिसमें इंडस्ट्री बेस्ट पाठ्यक्रम पर फोकस किया जाएगा.

युवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के लिए तैयार करने के लिए अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनाए जाएंगे.

डायरेक्ट बेनिफ़िट स्कीम के तहत छात्रों की मदद के लिए भी स्कीम लॉन्च की जाएगी. इससे 47 लाख युवाओं की मदद होगी.

पर्यटन को भी बढ़ावा देने की पूरी कोशिश होगी. देखो अपना देश योजना के तहत घरेलू पर्यटन को बढ़ाया दिया जा रहा है, इसके तहत सीमा के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। 


मेनहोल या सीवर की सफाई का काम इंसानों के द्वारा न किया जाए और इसे मशीनों के ज़रिए किया जाए, इसके लिए ये काम 100 फ़ीसदी मशीनों से हो, ये कोशिश की जाएगी.

डिजिटल लेनदेन के लिए पहचान के तौर पर आधार कार्ड को भी स्वीकार किया जाएगा.

लैब में बनाए जाने वाले डायमंड में नौकरियां पैदा होने की संभावना है. इस मामले में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए रिसर्च के काम को बढ़ाया जाएगा.

न्याय मिलने में देरी न हो इसके लिए ई-कोर्ट के लिए सात हज़ार करोड़ का आवंटन किया जाएगा.

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम को पर्यावरण सुरक्षा क़ानून के तहत लाया जाएगा.

पीएम प्रणाम नाम का नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिसके तहत कृत्रिम खाद की इस्तेमाल को कम कर नैचुरल खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा.



पीएम आवास योजना में 66 फ़ीसदी बढ़ोतरी की जाएगी और 79 हज़ार करोड़ रुपयों का आवंटन किया जाएगा.

राज्य सरकारों को जो 50 सालों के लिए इंटरेस्ट फ्री लोन दिया गया है उसे एक और साल के लिए बढ़ाया जाएगा.

भारतीय रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ का आवंटन करने की व्यवस्था की गई है, जो अब तक का सबसे बड़ा है. इससे पहले 2013-14 में जो आवंटन किया गया था ये उससे 9 गुना अधिक है.

50 और एयरपोर्ट, हेलिपैड और पोर्ट के पास पैड या तो बनाए जाएंगे या फिर उन्हें फिर से रीवाइव किया जाएगा.


बजट में निर्मला सीतारमण के बड़े ऐलान


बच्चों और युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी 


पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा


कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी


विशेष रूप से जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि PBTG बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सके। अगले 3 साल में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे


50 नए एयरपोर्ट और हैलीपेड को बनाया जाएगा


इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ का आवंटन किया


शहरी संरचना विकास निधि का स्थापना होगा


इंफ्रास्ट्रक्चर पर 33 फीसदी खर्च बढ़ाया जाएगा


ट्राइबल मिशन के लिए 15 हजार करोड़


राष्ट्रीय डाटा नीति लाई जाएगी


केवाईसी की प्रक्रिया आसान होगी


विशेष रूप से जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि PBTG बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सके। अगले 3 साल में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष स्थापित किया जाएगा।  


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। दुनिया ने भारत की उपलब्धियों की सराहना की है।  महामारी के दौरान कोर्इ भी भूखा नहीं रहा। जी-20 की अध्यक्षता ने दुनिया में भारत की भूमिका को मजबूत करने का मौका है।


मुफ्त राशन योजना एक वर्ष जारी रहेगी,जनवरी 2024 तक जारी रहेगी,योजना पर 2 लाख करोड़ खर्च-वित्तमंत्री


पीएम विश्वकर्मा कौशल विकास सम्मान योजना- युवाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा, इस योजना के माध्यम से एमएसएमई चैन से जोड़ा जाएगा 


कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा,कृषि निधि योजना शुरू की जाएगी, किसानों के लिए विशेष फंड की योजना,AAF योजना लाया जाएगा


बागवानी योजना के लिए 2200 करोड़


20 लाख करोड़ तक बढ़ाया जाएगा कृषि ऋण,11 करोड़ छोटे किसानों को ध्यान 


भारतीय मिलेट्स संस्थान का गठन किया जाएगा 


मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना लाया जाएगा


चिकित्सा क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा,देश मे ICMR लैब्स की संख्या बढ़ाई जाएगी,2047 तक एनीमिया उन्मूलन का लक्ष्य 


फार्मा सेक्टर में नई योजनाएं लाई जाएगी 


नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी का होगा गठन 


शहरों में नालों की सफाई की योजना, अब मैनहोल में नही उतरेंगे सफाईकर्मी


आदिवासियों के लिए विशेष स्कूल खोले जाएंगे,


पीएम आवास योजना का फंड बढ़ाया जाएगा,79 हजार करोड़ खर्च,66% फंड बढ़ाया जाएगा


गरीबो की जमानत का पैसा सरकार देगी,गरीबो के लिए जेल की जमानत सरकार देगी


एकलव्य स्कूलों में 38 हजार नए शिक्षको की नियुक्ति होगी,टीचर्स ट्रेनिंग के लिए सेंटर्स खोले जाएंगे 


किसानों को एक साल तक लोन में छूट,लोन में छूट जारी रहेगी


कर्नाटक में सूखे के लिए 5300 करोड़ 

रेलवे की नई योजनाओं के लिए 75000 करोड़ का फंड,रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ का बजट


अमृत काल क्या है?


अपने बजट भाषण में 9 बार अमृतकाल का बजट कहने वाली वित्त मंत्री सीतारमण ने क्योंकि कहा, इसकी पड़ताल करते है।सूच्य हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान पहली बार "अमृत काल" शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने अगले 25 वर्षों के लिए भारत के लिए एक नया रोडमैप तैयार करते हुए अमृत काल का उपयोग किया था. अमृत काल का उद्देश्य भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाना और गांवों और शहरों के बीच विकास की खाई को पाटना है. इसका उद्देश्य नवीनतम तकनीक और डिजिटलीकरण की शुरुआत करना और सार्वजनिक जीवन में सरकारी हस्तक्षेप को कम करना है.


पीएम मोदी ने कहा था, "जैसे भारत ने तेजी से प्रगति की है, विकास की 'संतृप्ति' होनी चाहिए और हर गांव में सड़कें होने के साथ 100 प्रतिशत उपलब्धियां होनी चाहिए, हर परिवार के पास बैंक खाता हो, हर पात्र व्यक्ति के पास स्वास्थ्य बीमा कार्ड और गैस कनेक्शन हो." उन्होंने इस अवधि को ''मेहनत, त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा'' बताते हुए कहा था कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो खोया है, उसे वापस पाने के लिए यह 25 साल की अवधि है.


वैदिक ज्योतिष से निकला अमृत काल शब्द


गौरतलब है कि अमृत काल शब्द की उत्पत्ति वैदिक ज्योतिष से हुई है. अमृत काल वह महत्वपूर्ण समय है जब अमानवीय, देवदूतों और मनुष्यों के लिए अधिक से अधिक सुख के द्वार खुलते हैं. अमृत काल को नया काम शुरू करने के लिए सबसे अच्छा और सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है.