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झोलाछाप / निजी अस्पतालों के नोडल अधिकारी के खिलाफ दी गयी थाने में तहरीर,20-25 हजार माहवारी मांगने का आरोप

 


मधुसूदन सिंह

बलिया।। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रथम /छोलाछाप, निजी अस्पतालों के नोडल अधिकारी डॉ एस के गुप्ता के खिलाफ रसड़ा के दो निजी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के चिकित्सकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए रसड़ा कोतवाली में तहरीर दी है। इन लोगों का आरोप है कि ये अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर इनके अस्पतालों पर छापमारी की और माहवारी 20 -25 हजार रूपये देने की मांग की। चिकित्सकों द्वारा ऐसा नहीं करने की बात कहने पर उनके खिलाफ नोटिस जारी करके चले गये। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का कहना है कि इनको हमारे अस्पतालों / डिस्पेंसरियों पर छापमारी करने का कोई अधिकार ही नहीं है।







बता दे कि झोलाछाप, निजी चिकित्सालय, अल्ट्रासाउंड केंद्र आदि की जांच के लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रथम डॉ एसके गुप्ता को नोडल अधिकारी बनाये हुए है। नोडल अधिकारी डॉ गुप्त 25 फरवरी 2023 को रसड़ा थाना क्षेत्र के दो निजी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में जांच करने पहुँच गये और दोनों चिकित्सालयों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों में जबाब मांग लिये। इससे पहले इन दोनों अस्पतालों के चिकित्सकों ने डॉ गुप्ता की जांच पर ही सवाल खड़ा करते हुए अधिकार क्षेत्र से बाहर आकर धन उगाही करने का गंभीर आरोप लगा दिया। इन चिकित्सको ने कहा कि आपके पास आयुर्वेदिक चिकित्सकों और चिकित्सालयों के निरीक्षण का अधिकार ही नहीं है तो फिर आप कैसे निरीक्षण करने आ गये।




डॉ गुप्ता के इन अस्पतालों से लौटने के बाद आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ अमरेश सिंह और डॉ नीलम सिंह (इन दोनों लोगों का छितौनी रसड़ा में अस्पताल है ) ने कोतवाली रसड़ा पहुंच कर डॉ गुप्ता और इनके साथ पहुंचे सुनील कुमार के खिलाफ जबरदस्ती धन उगाही के लिये छापमारी करके परेशान करने का गंभीर आरोप लगाया है। डॉ अमरेश सिंह ने 20 हजार और डॉ नीलम ने 25 हजार रूपये माहवारी रूपये देने का दबाव डालने का डॉ गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाया है।



अब देखना है कि पुलिस क्या रुख अपनाती है। बता दे कि  ऐसे ही ताबड़तोड़ छापेमारियों के बाद पूरे प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्सक लामबंद हुए थे, जिनके दबाव के बाद पूरे प्रदेश के सभी जनपदों के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर ऐसे छापमारी के संबंध में दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिस्पेंसरियों और चिकित्सालयों पर छापमारी करने का सीएमओ को या इनके प्रतिनिधियों को कोई अधिकार नहीं है।