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गायत्री शक्तिपीठ परिसर में 108 कुंडीय महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ आह्वानित देवताओ और अतिथियों की हुई भावपूर्ण विदाई









गायत्री माता प्राण प्रतिष्ठा वार्षिकोत्सव पर्व पर आयोजित हुआ भव्य आयोजन

आयोजन के अंतिम दिन यज्ञ, अन्नप्राशन, मुंडन, दीक्षा विदाई सहित हुआ भंडारा

-यज्ञ का भष्म और एक पेड़ प्रसाद सहित घर घर तक पहुंचाने का लिया संकल्प


बलिया : महावीर घाट (डंगा जी मार्ग) स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ की भावपूर्ण पूर्णाहुति बुधवार को हुई। गायत्री माता प्राण प्रतिष्ठा वार्षिकोत्सव पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिन नियमित यज्ञ की आहूति सहित अन्नप्राशन, मुंडन, गुरुदीक्षा का कार्यक्रम भी हुआ। शक्तिपीठ के भोजनालय में आयोजित भंडारे में हजारों भक्तों ने प्रसाद भी ग्रहण किया।

गायत्री परिवार बलिया द्वारा वर्ष के प्रथम दिन एक जनवरी से कलश यात्रा के रुप मे वार्षिकोत्सव और 108 कुंडीय महायज्ञ की शुरुआत हुई। कलश यात्रा से ही पूरा शहर और जनपद गायत्री मातामय हो गया। प्रारंभ 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की नियमित आहूति अंतिम दिन बुधवार को भी हुई। यज्ञ आहूति पूर्ण होने के बाद गायत्री माता की आरती करने के पश्चात पूर्णाहुति हुई। शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे विद्वान ने गुरुदेव की महत्ता बताते हुए सभी को शांतिकुंज आने का निमंत्रण भी दिया।

बलिया के नागरिकों की की प्रशंसा करते हुए कहा कि बलिया के लोगों ने जो सम्मान किया उसकी अनुभूति जीवन भर रहेगी। शक्तिपीठ प्रभारी विजेंद्र नाथ चौबे ने सभी का स्वागत अभिनंदन करते हुए आभार भी जताया। पूर्णाहुति के बाद सभी ने भंडारा में प्रसाद भी ग्रहण किया।


बच्चों ने प्रस्तुत किया सांस्कृतिक कार्यक्रम 

 

गायत्री परिजनों ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थिति लोगों का मन मोह लिया। इस दौरान बच्चों ने शिव तांडव, देवी तांडव, प्रज्ञा गीत, कथक, भरतनाट्यम, नारी जागरूकता प्रज्ञा नाटक आदि प्रस्तुत किया।


सैकड़ों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण भी

शक्तिपीठ पर वेलनेस कोच प्रत्युष त्रिपाठी व आदित्य सिंह के द्वारा सैकड़ों लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। लोगों के वेट चेक करके उचित सलाह दिया गया।


 महायज्ञ की हुई पूर्णाहुति 


गायत्री शक्तिपीठ परिसर में चल रहे 108 कुंडीय महायज्ञ के अंतिम दिन भरपूर आहूति हुई। परिसर में चार बार यजमान बैठे और मंत्रोच्चार के बीच स्वाहा स्वाहा कह आहूति दिया।


दीक्षा लेकर तपोनिष्ट श्रीराम शर्मा आचार्य को बनाया आध्यात्मिक गुरु 

महायज्ञ के अंतिम दिन दीक्षा का भी आयोजन हुआ। दर्जन भर लोगों ने गायत्री मंत्र की दीक्षा ली । सभी ने तपोनिष्ठ श्रीराम शर्मा आचार्य को अपना आध्यात्मिक गुरु स्वीकार किया। 


देवताओं और अतिथियों की हुई विदाई

आयोजन के अंतिम दिन पूर्णाहुति के बाद सभी देवताओं सहित अतिथियों की विदाई हुई। इसी क्रम में आचार्य सर्वेश कुमार शर्मा, यज्ञाचार्य रमेश पटेल संगीतमय प्रवचन कर्ता गुड़सागर जी राणा, कमल सिंह चौहान, कपिल देव यादव की विदाई भी गायत्री परिवार बलिया ने किया।










हुआ दिव्य भंडारे का आयोजन


चार दिवसीय आयोजन की समाप्ति के दिन दिव्य भंडारा आयोजित हुआ। शक्तिपीठ के भोजनालय में सभी को प्रसाद दिया गया। हजारों की संख्या में भक्तों और आगंतुकों ने प्रसाद ग्रहण किया।


2026 तक जिले के सभी सनातनी घरों में होगी मां गायत्री

गायत्री शक्तिपीठ बलिया में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में गायत्री परिवार ने संकल्प लिया कि गायत्री परिवार के मिशन घर घर में गायत्री माता स्थापित करने के क्रम में बलिया में 2026 तक जनपद के सभी सनातनी घरों में गायत्री माता स्थापित होंगी।