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स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के शिक्षकों को अब संविदा विस्तारण के नाम पर नहीं निकाल पाएंगे प्रबंधक, मनमानी पर रोक,कुलपति ने जारी किया आदेश, शिक्षकों में खुशी की लहर



बलिया।। जनपद के अनुदानित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित शिक्षकों के पक्ष में, जननायक चन्द्र शेखर विश्वविद्यालय बलिया की  कुलपति  प्रो0 कल्पलता पाण्डेय ने 20 दिसम्बर को एक उल्लेखनीय निर्णय पारित किया है । इस निर्णय के बाद अब प्रबंधक किसी भी शिक्षक को मनमाने तरीके और नवीनकरण के नाम पर निकाल नहीं सकते है।



 बता दे कि कुलपति प्रो पाण्डेय के निर्देश पर कुलसचिव ने समस्त अनुदानित महाविद्यालयों के प्रबन्धक/प्राचार्य को पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि दिनाँक 13 मार्च 2020 के शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन करते हुए, किसी भी स्ववित्तपोषित शिक्षक को अब संविदा विस्तरण की आवश्यकता नहीं होगी अपितु सम्बंधित पाठ्यक्रम के चलते रहने तक अथवा संतोषजनक सेवा के आधार पर उनकी सेवायें अनवरत जारी रहेंगी।साथ ही किसी भी शिक्षक के विरुद्ध किसी भी कार्यवाही से पूर्व नैसर्गिक न्याय का पालन करते हुए  कुलपति जी के पूर्वानुमोदन लिया जाना आवश्यक होगा।

अर्थात बिना मा0 कुलपति के अनुमोदन के कोई भी प्रबन्धक या प्राचार्य किसी भी शिक्षक के विरूद्ध कोई कार्यवाही अपने स्तर पर नही कर सकता।पत्र में यह भी निर्देशित किया गया है कि समस्त सम्बन्धित महाविद्यालय इस निर्देश का कठोरता से पालन करें अन्यथा शासनादेश या विश्वविद्यालय के परिनियम के उल्लंघन होने की स्थिति में पीड़ित शिक्षक  कुलपति जी को इस आशय का आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है जिस पर उचित कार्यवाही की जाएगी।








अनुदानित स्ववित्तपोषित  शिक्षकों में इस आदेश से हर्ष व्याप्त हो गया है । शिक्षकों ने प्राकृतिक न्याय और शासनादेश  के पालन से जुड़े इस आदेश के लिए कुलपति जी  एवं विश्वविद्यालय के चीफप्राक्टर प्रो अरविंद नेत्र पाण्डेय को साधुवाद दिया।अनुदानित स्ववित्तपोषित शिक्षकसंघ  के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार दुबे एवं पदाधिकारियों को भी शिक्षकों ने धन्यवाद दिया। इस आशय की सूचना  मीडिया प्रभारी डॉ सुनील कुमार ओझा ने दी।