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स्थानीय पत्रकार खामियाँ न उजागर करें इस लिये अस्पतालों मे पत्रकारों का प्रवेश बंद, केवल मान्यता प्राप्त को प्रवेश की अनुमति



अभयेश मिश्र 

बिल्थरारोड बलिया।।  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर की खामियां उजागर करने पर सीएमओ और सीएचसी अधीक्षक द्वारा अपनी कमियों को उजागर होने से रोकने के लिए स्थानीय पत्र प्रतिनिधियों को किसी भी प्रकार की सूचना न मिले इसके लिए एक नई साजिश रची है। इसके लिये सीएचसी पर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची चस्पा कर दी गयी है। जबकि इन्हें मालूम होना चाहिए कि गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार की सूची भी सूचना विभाग में होती है। ज्ञात हो कि स्थानीय नगर में स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से अवैध रूप से दो दर्जन से अधिक पैथालोजी सेन्टर व् अल्ट्रासाउंड केन्द्रो द्वारा मरीजो से धन उगाही करने को लेकर विभाग द्वारा जाँच के लिए गठित टीम द्वारा किये गए जांच के कई माह बाद भी इन पैथालॉजी व अल्ट्रासॉउन्ड केन्द्रों के खिलाफ कोई करवाई नही की गयी ।

 वही एक डॉक्टर द्वारा सामान्य मरीज को टीबी की दवा देने के मामले में पीड़ित मरीज को न्याय देने के बजाय सम्बन्धी डॉक्टर को बचाने में सीएमओ और अधीक्षक लगे हुए है। अस्पताल की खबर छापने से बौखलाए सीएमओ और सीएचसी अधीक्षक ने सीएचसी सीयर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची चस्पा कर दिया कि इनके अलावा अन्य पत्रकार को कोई जानकारी नही देना है। जबकि तहसील स्तर पर गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारो की सूची भी इनको सूचना विभाग से ले लेनी चाहिए।चूंकि स्थानीय पत्रकारों द्वारा समय समय पर यहां की खामियों को उजागर किया जाता रहा है, जिससे सीएचसी के चिकित्सकों के सामने असहज स्थिति पैदा होती रहती है।

  सूत्रों के अनुसार  सीएचसी सीयर के जांच अधिकारी ने मामले को ठण्डे बस्ते मे डाल दिया है, अब ऐसा क्यों हो रहा है समझना मुश्किल नही है । इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगने लगा है। यहां पर संचालित अल्ट्रासाउंड और पैथालॉजी सेन्टरों पर सीएचसी सीयर के कुछ डाक्टरो , स्टाप नर्स, एएनएम  की मिलीभगत से मरीजो से आर्थिक शोषण करने का गोरख धन्धा खूब फलफूल रहा है। किसी भी पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर पर रेडियोलॉजिस्ट और एक्सरे, लैब टेक्नीशियन नही है।

 इसको लेकर पूर्व में  मानव धर्म प्रसार समाजसेवी संस्था के जिला संयोजक विनोद यादव और अन्य के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भेजे गये पत्र में आरोप भी लगाया गया था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर पर मरीजो का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। कमीशन के नाम पर डाक्टरो द्वारा नगर में अवैध रूप से संचालित हो रहे पैथालोजी सेन्टरों व् अल्ट्रासाउंड केन्द्रों, अस्पतालों की पर्ची पकड़ा दी जाती है। वही अस्पताल से बाहर की दवाइयां लिखी जाती है।





पत्र में उल्लेख किया गया कि नगर में सहारा पैथालोजी , विजय, जनता, शिवा पैथालोजी व् अल्ट्रासाउंड, श्वेता पैथालोजी, भारत पैथालोजी, आदित्य , संजीवनी पैथोलॉजी, सांई पैथालोजी  व् श्रीवास्तव पैथालोजी , जीवन पैथोलॉजी सेन्टर आदि की पर्ची डाक्टरो द्वारा कमीशन के नाम पर पकड़ा दी जाती है। पैथालॉजी सेन्टरों के एजेण्ट डाक्टरो के टेबल के इर्दगिर्द मंडराते रहते है। मरीज के पहुँचते ही डॉक्टर किसी पैथालॉजी की पर्ची पकड़ा देते है।

 नगर के इन पैथालोजी व् अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर अप्रशिक्षित लोगो के द्वारा जाँच किया जाता है। और मनमाने पैसे की वसूली की जाती है। इसको लेकर नीरज तिवारी ने  भी कई बार सीएमओ बलिया को पत्र द्वारा जांच कराने व् करवाई करने की मांग की किन्तु इनके खिलाफ कोई करवाई नही हुई। इसके बाद इन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सीएचसी सीयर में व्याप्त भ्रष्टाचार व् अवैध पैथालोजी सेंटर व् अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की जाँच कराने की मांग की । जिस पर सीएमओ द्वारा सीएचसी सीयर के डॉक्टर लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यी टीम गठित कर  अवैध रूप से चल रहे पैथालॉजी सेन्टर और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच  के लिए नियुक्ति किया गया था। जांच का मामला जांच अधिकारी और सीएमओ के बीच मे फंस गया है। आज तक इन पैथालॉजी व् अल्ट्रासाउंड सेन्टरों के खिलाफ सीएमओ द्वारा कोई करवाई नही करने पर लोगो में विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है।