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पत्रकारों पर रोक लगाकर क्या छुपाना चाह रहे है सीएमओ बलिया, स्वास्थ्य मंत्री से पूंछा जायेगा सवाल




मधुसूदन सिंह

बलिया।। मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया डॉ जयंत कुमार द्वारा केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों के ही सवालों के जबाब देने के लिए अपने सभी अधीक्षकों और चिकित्सकों को दिये गये निर्देश के साथ भेजी गयी मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची, इन्ही के गले मे हड्डी की तरह जहां अटक गयी है। वही इस सूची मे मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची मे लिखित पत्रकारों और उनके अखबारों के नाम देखकर आम पत्रकारों को आश्चर्य मे डाल दिया है। इस सूची मे ऐसे अखबारों के नाम से मान्यता है जिनको आम लोग देखे तक नही है। यही नही इसमें सरकारी वेतन लेने वाले पत्रकारों को भी शामिल कर लिया गया है।



इस सूची के अनुसार जनपद का सर्वाधिक प्रसार वाले दो अख़बार दैनिक जागरण और अमर उजाला के पत्रकारों को भी अस्पताल के अंदर जाकर किसी से पूंछताछ करने की इजाजत नही है। इसके साथ ही भारत समाचार, न्यूज 24, k न्यूज, टीवी 9, हिंदी खबर, सहारा समय, जी न्यूज, आर भारत जैसे कई न्यूज चैनलो को भी अस्पतालों मे कवरेज की इजाजत नही है।

मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया को यह ज्ञात होना चाहिये कि प्रत्येक अख़बार मे एक ब्यूरोचीफ होता है। इनके नीचे मुख्यालय स्तर पर अलग अलग विभागों के लिए अलग अलग संवाददाता होते है, प्रत्येक तहसील पर तहसील संवाददाता और ब्लॉक पर भी संवाददाता होते है। ऐसे मे मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया किस अधिकार से संवाददाताओं को अपना कार्य करने से रोक सकते है।





असल मे स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार की काली कोठरी हो गया है। यहां नियुक्तियों मे जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। चाहे आशाओं की नियुक्ति हो या संविदा एएनएम की भर्ती हो इसमें स्थानीय अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इनकी प्रशासनिक स्तर पर जांच भी चल रही है। इन खबरों को सभी पत्रकारों द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, जिससे स्वास्थ्य विभाग की काफ़ी किरकिरी हुई है। मुख्यचिकित्साधिकारी कार्यालय के ही इर्दगिर्द अवैध रूप से प्राइवेट अस्पतालों का संचालन हो, अवैध रूप से अल्ट्रासॉउन्ड केंद्रों और पैथालोजियो के संचालन की खबरें स्वास्थ्य विभाग मे फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है। ऐसा कोई सीएचसी /पीएचसी नही है जिसके इर्दगिर्द अवैध रूप से नर्सिंग होम या अल्ट्रासॉउन्ड केंद्र /पैथलाजी का संचालन नही हो रहा है। चाहे सीएमओ हो या एमओआईसी हो, सभी आँखों से देखकर भी अनजान बने हुए है।

ऐसे अपने वीभत्स चेहरे को आमजन मे दिखने से रोकने के लिए मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया की यह कुत्सित चाल को बलिया के पत्रकार सफल नही होने देंगे। सभी पत्रकारों ने एक स्वर से मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की कमियों को उजागर करने के लिए हल्ला बोलेंगे ताकि बुधवार को उप मुख्यमंत्री /स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक जी के सामने बलिया के स्वास्थ्य विभाग का बदरंग चेहरा प्रस्तुत किया जा सके।