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बलिया एक्सप्रेस की खबर का असर : घेराबंदी से होंगे मुक्त बाबा बालेश्वर नाथ,प्रबन्धक ने फेसबुक पर दी यह सूचना

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जन सरोकार से जुड़ी खबरों को प्रमुखता के साथ उठाने वाले बलिया एक्सप्रेस की खबर ने एक बार फिर अपना असर दिखाया है । सुबह बलिया एक्सप्रेस ने घेराबंदी में बाबा बालेश्वर नाथ,नामक खबर चलायी थी। खबर चलने के बाद और शिवभक्तों के दबाव के चलते प्रबंध कमेटी को घेराबंदी को हटाने के लिये बाध्य होना पड़ा है । जनपद की सांस्कृतिक विरासत की पहचान ,लाखो जनपद वासियों के आराध्य और आस्था के केंद्र बाबा बालेश्वर नाथ पुनः घेराबंदी से मुक्त होने वाले है । यह जानकारी प्रबन्धक अजय यादव डब्लू ने फेसबुक के माध्यम से दी है ।


प्रबन्धक की इस घोषणा के बाद पुजारियों और अन्य शिवभक्तों में खुशी की लहर दौड़ गयी है । वही बलिया एक्सप्रेस के संपादक को घेराबंदी के हटने की खबर के बाद बधाइयां मिल रही है ।





श्रद्धालुओं को भी करना चाहिये यह काम

प्रबन्धक द्वारा घेराबंदी का यह निर्णय शौकिया नही लिया गया था। इस निर्णय में गर्भ गृह के अंदर कुछ शिव भक्तों की गतिविधियां ही जिम्मेदार है । गर्भ गृह छोटा होने के कारण 10 लोग से अधिक जहां अंदर पहुंचते है ,भीड़ हो जाती है । कोई भी भक्त ठीक से पूजा नही कर पाता है । भीड़ के समय भी कुछ शिव भक्त तो ऐसे होते है जो पालथी मारकर अंदर ही बैठ जाते है और 10 मिनट से लेकर एक घण्टे तक पूजा करके अन्य भक्तों को असुविधा देते है ।

कुछ भक्त तो ऐसे होते है जो अरघे से जल लेकर वही पीते है और उसी हाथ से दुबारा पूजा भी करते है । ऐसी गतिविधियों से अजीज आकर ही प्रबन्धक ने घेराबंदी करा दी थी । बलिया एक्सप्रेस की शिवभक्तों से अपील है कि अगर आपको पूजा करने में समय लगता हो तो पहले सारा पाठ बरामदे में बैठकर पूर्ण कर लीजिये, फिर बाबा पर जलाभिषेक व पुष्प चढ़ाकर पूजा करने जाए । वही गर्भ गृह में ही अरघे से जल लेकर पीने वाले भक्तों से भी अपील है कि ऐसा न करे , यह गलत है । आप बर्तन में अरघे से जल लेकर बाहर पियें । सब लोग सहयोग करेंगे तभी मंदिर स्वच्छ व सुंदर रह सकेगा ।

इस विसंगति को भी किया जाय दूर

भगवान नंदी के बैठने की ही देन है कि ज्ञानवापी मस्जिद में भोलेनाथ का शिवलिंग मिलने की खबर है । बाबा बालेश्वर नाथ का मंदिर बहुत प्राचीन है । इस मंदिर का मुख्य द्वार पहले जुबली संस्कृत विद्यालय की तरफ से था । इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मंदिर के पच्छिम में लगी भगवान नंदी की प्रतिमा है । कालांतर में पश्चिमी द्वारा की तरफ की जमीन बिक जाने के कारण बाबा बालेश्वर नाथ का मुख्य द्वार दक्षिण से हो गया । लेकिन भगवान नंदी पश्चिम में ही रह गये, जो आजतक वैसे ही है । जबकि मान्यता के अनुसार भगवान शिव के मंदिर में पूजा करने से पहले नंदी महाराज की पूजा होती है । लेकिन बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु पहले बाबा की पूजा करते है और निकलते वक्त नंदी महाराज की पूजा करते है । प्रबंध कमेटी को दक्षिणी द्वार की तरफ से नंदी भगवान की प्रतिमा लगा देनी चाहिये, जिससे भक्तों को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके ।