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भरौली पिकेट, जिसके सामने से नायाब तरीके से होती है गोवंश व अवैध शराब की तस्करी





मधुसूदन सिंह

बलिया ।। एक तरफ जहां खनन व जिला प्रशासन की चुप्पी के बाद नरही थाना पुलिस के आशीर्वाद से जहां सफेद बालू का अवैध खनन,एक लाइसेंस पर कई जगह भंडारण व धड़ल्ले से अवैध तरीके से सफेद बालू की बिहार के लिये अवैध परिवहन जारी है,तो वही गोकशी के लिये गोवंशीय जानवरों और शराब की अवैध तस्करी भी नायाब तरीके से बदस्तूर जारी है । यह अवैध तस्करी दिन के उजाले में वैध तरीके से जारी है । स्थानीय पुलिस बस पिकेट पर हाजिरी बजाकर वसूली करती है ।

ऐसे हो रही है गोवंशीय जानवरों की तस्करी

भरौली पिकेट से गंगा पुल पार करके गोवंशीय जानवरों को स्लाटर हाउस के एजेंटों तक पहुंचाने का एक बहुत पुराना तरीका है जो आज भी चल रहा है । यहां पर लगभग एक दर्जन के करीब नाबालिग लड़के है जो एक एक करके दिन भर गोवंशीय जानवरों को पैदल ही पुल पार करके बक्सर की सीमा तक पहुंचाते है । एक बार मे इन बच्चों को 4 से 500 रुपये मिलते है । इन बच्चों का दिनभर यही काम है । सबके चेहरे सीसीटीवी के कैमरे में गोवंशीय जानवरो के साथ कैद है लेकिन जब हिस्सेदारी मिलेगी तो कार्यवाही कौन करेगा । अगर नरही पुलिस कार्यवाही करती तो यह कृत्य बन्द हो गया होता ।





दूसरा तरीका छोटे वाहनों के द्वारा एक एक जानवर को बक्सर ले जाना है । नियम कहता है कि छोटे वाहनों में पशुओं को एक की संख्या में परिवहन किया जा सकता है ,इसको पुलिस रोक नही सकती है । इसी नियम का तस्कर फायदा उठा रहे है । दिन भर इनकी छोटी गाड़ियां पिकअप एक एक जानवरों को भरौली से बक्सर पहुंचा रही है और पिकेट पर तैनात जवान अपना हिस्सा लेकर चुप्पी साधे रहते है । अगर इन गाड़ियों की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रोक कर बक्सर पहुंचाये गये जानवरों को दिखाने की बात कह दी जाय तो सारा भेद खुल जायेगा । दुबहड़ थाना क्षेत्र स्थित जनेश्वर मिश्र सेतु से भी यही खेल चल रहा था लेकिन अब जब छोटे वाहनों पर कार्यवाही हुई है और दो पशु तस्करों पर गैंगेस्टर जैसी कार्यवाही हुई है,रुक गया है ।

ऐसे हो रही है अवैध शराब की तस्करी

वैसे तो नरही थाना क्षेत्र का एक बहुत बड़ा क्षेत्र गंगा नदी के किनारे है । जिसके चलते गंगा नदी के रास्ते नाव के सहारे गोवंशीय जानवरों और अवैध शराब की तस्करी तो होती ही है,इस क्षेत्र से बड़े पैमाने पर दुधारू भैसों की चोरी करके बिहार भेजा जाता है । अब इस थाना क्षेत्र में शराब की तस्करी का एक और नायाब तरीका अपनाया जा रहा है ।

इस तरीके में छोटी छोटी यात्री वाहनों का उपयोग किया जा रहा है । इन वाहनों पर मजदूर टाइप की महिलाएं बड़े बड़े कपड़ो की गट्ठर लेकर इन गाड़ियों में सफर करती है । इन गट्ठरों के अंदर अवैध रूप से बिहार भेजी जाने वाली शराब होती है । चूंकि ये महिलाएं होती है और मजदूर किस्म की होती है तो इनके गट्ठरों पर किसी को शक भी नही होता है । सूत्रों ने बताया है कि ऐसी एक छोटी गाड़ी में कम से कम 250 छोटी शीशियों का परिवहन तो निश्चित ही होता है । सबसे बड़ी बात यह है कि ये गाड़ियां भरौली के रास्ते बिहार का चेकिंग बैरियर भी पार कर लेती है और पकड़ में नही आती है ।