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सामुदायिक शौचालयों का निर्माण अधूरा,पर हो गया भुगतान पूरा

 




अभियेश मिश्र

बिल्थरारोड( बलिया ) ।।  प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सभी गांवों में  सामुदायिक शौचालय के निर्माण कार्य पूरा कराने के आदेश दिये गये थे । आदेश के  एक वर्ष बाद भी सीयर ब्लाक क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय का निर्माण  अधूरा पड़ा है। इस ब्लॉक में लगता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हनक भी बौनी पड़ गयी है। अधूरा होने के बाद भी अधिकारियों की मिलीभगत से  शौचालय का धन आहरण कर लिया गया है। अधूरे पड़े शौचालयो  को पूर्ण दिखाकर धन का आहरण करने के मामले में खण्ड विकास अधिकारी की भूमिका सन्देह के घेरे में आ गयी है। 




ज्ञात हो कि  तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा  मार्च 2021 के दूसरे सप्ताह में बिल्थरारोड के औचक निरीक्षण के दौरान बीडीओ सीयर को 25 मार्च  2021 तक गांवों में बन रहे सामुदायिक शौचालयो को पूरा कराने का आदेश दिया था किन्तु उनका आदेश बे असर है। अभी भी दर्जन भर शौचालय अधूरे पड़े है। प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत चौदहवें वित्त से हर एक गांव में गरीब महिलाओं , पुरुषों के लिए, शादी ,विवाहों में निःशुल्क प्रयोग करने के लिये बनाये जाने वाला सामुदायिक शौचालय आधा अधूरा बनाकर सरकारी धन का आहरण कर लिया गया है। इसका उदाहरण क्षेत्र के पड्सरा नदौली, जमीन सीसैण्ड, भुवारी, चन्दाडीह , रामपुर चंदेला आदि गांवो में बने अधूरे सामुदायिक शौचालय खुद बा खुद लूटखसोट को बयां कर रहे है। जहाँ पर कुछ सामुदायिक शौचालय का सीट भी नही लगा है और  टैंक को अधूरा ही बनाकर बिना ढक्कन लगाए छोड़ दिया गया है। 

हेण्डपम्प लगाने के लिये सिर्फ बोरिंग करके पाइप  लगा दिया गया है साथ ही पानी की टँकी आदि भी नही लगाया गया है। जो बने है उसमें ताला बंद रहता है। जबकि हर गांव में समूह के माध्यम से देखभाल के लिए पैसा भी आ रहा है। सामुदायिक शौचालय के अधूरा होने के बाद  भी दीवाल की रँगाई पुताई कराकर ग्राम प्रधान , सचिव  , एडीओ पंचायत आनन्द कुमार राव तथा खण्ड विकास अधिकारी सीयर गजेन्द्र प्रताप सिंह का नाम लिखकर पूर्ण निर्माण कार्य दिखा दिया गया है।  अगर विभाग द्वारा गहन जांच किया जायेगा तो सीयर ब्लाक में दर्जनों की संख्या में इस तरह के मामले प्रकाश में आयेंगे। जहाँ पर खण्ड विकास अधिकारी गजेंद्र प्रताप की मिली भगत से सचिव,ग्राम प्रधान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का पलीता लगा रहे है। इसके अलावा अधिकांश शौचालयो का निर्माण गुणवत्ता विहीन कराकर पूर्ण दिखा दिया गया है ।