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कृषि स्थिरीकरण के लिए दलहनी फसलों की खेती' विषयक व्याख्यान माला का जेएनसीयू सभागार में हुआ आयोजन,100 किसानों को दिए गये मूंग व उड़द के उन्नत बीज







बलिया ।। मंगलवार,(23 मार्च,2022 ) को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर व जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के संयुक्त तत्वावधान में किसान-गोष्ठी एवं बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। उक्त कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए पाँच गांवों के अनुसूचित जाति के 100 किसानों को मूँग और उड़द की उन्नत  प्रजातियों के 10 किलो प्रति किसान के हिसाब से बीज वितरित किया गया। 





गौरतलब है कि उड़द के उन्नत बीज आईपीयू 13-1 का विकास डॉ अवनीन्द्र कुमार सिंह द्वारा किया गया है , जो इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उल्लेखनीय है कि डॉ सिंह वर्तमान में आईआईपीआर , के प्रधान वैज्ञानिक एवं लिविंग लीजेंड्स ऑफ बलिया फोरम के सदस्य हैं । डॉ सिंह ने इस अवसर पर 'कृषि स्थिरीकरण के लिए दलहनी फसलों की खेती' विषय पर ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी व्याख्यान दिया । कहा कि दिल, दरिया और दुल्हन को स्वस्थ रखने के लिए  दालों की खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है।  दालों की खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, साथ ही दालें प्रोटीन देती हैं और प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल एवं शुगर को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। आपने उपस्थित किसानों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान सुझाया। उन्होंने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय के सहयोग से मैं इस क्षेत्र में एक मिनी दाल मिल स्थापित करने का प्रयास करूंगा।


अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रो कल्पलता पाण्डेय ने सहयोग के लिए डॉ अवनीन्द्र सिंह का आभार प्रकट किया । उन्होंने कहा कि कृषि के अध्ययन, शोध एवं विकास के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रुप मे इस विश्वविद्यालय को विकसित करना मेरी प्राथमिकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय ने अब तक तीन कॄषि विश्वविद्यालय एवं कृषि अनुसंधान संस्थानों के साथ समझौता ( एमओयू) किये हैं।


कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का स्वागत डॉ यादवेंद्र प्रताप सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अमित सिंह ने किया। संचालन डॉ लालविजय सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ आइपी सिंह, डॉ ओपी सिंह, डॉ दिलीप श्रीवास्तव, डॉ अरविंद नेत्र पाण्डेय, डॉ खुशबू दुबे, डॉ नेहा विशेन, प्रधान करीमुद्दीन अंसारी, एवं कई छात्र, किसान उपस्थित थे।