पिता जी की पुण्यतिथि(31 जनवरी) पर भावभीनी श्रद्धांजलि : मधुसूदन सिंह
पिता जी की पुण्यतिथि(31 जनवरी) पर भावभीनी श्रद्धांजलि : मधुसूदन सिंह
पिताश्री स्व हरदेव सिंह व माताश्री स्व शांति सिंह
पुण्यतिथि 31 जनवरी 2006
फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूँ
फिर पिता की याद आई है मुझे
नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे
चारपाई डाल आँगन बीच लेटे
सोचते हैं हित सदा उनके घरों का
दूर है जो एक बेटी पांच बेटे
फिर कोई रख हाथ काँधे पर
कहीं यह पूछता है-
“क्यूँ अकेला हूँ भरी इस भीड़ मे”
मै रो पड़ा हूँ
फिर पिता की याद आई है मुझे
फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूँ
(कुमार विश्वास)
आपकी कमी खलती है मुझे
ये खालीपन तड़पाता है,
बस यूँ ही यादें दिल में समेटे
ये वक़्त गुजरता जाता है।
अब पता चलता है कि
जिम्मेवारियों का बोझ कितना भारी है,
खुद से ज्यादा
अपनों की खुशियाँ प्यारी हैं,
दौड़ाने पड़ते हैं कदम
पकड़ने को जिंदगी कि रफ़्तार,
आज गुजर रहा है और
कल की तैयारी है।
आपकी मजबूरियों का
मुझे अब एहसास होता है
दुनिया होती है मतलबी और
घर का हर शख्स ख़ास होता है
माँ के बाद पिता ही,
समझता है ख़ामोशी औलादों की
मुश्किलों से बचाने के लिए
पिता हिम्मत की दीवार होता है।
हर डांट में प्यार जो रहता था
वो याद बहुत अब आता है
हर बीता लम्हा अब तो बस
आँखों में आंसू लाता है
तस्वीर बसी है दिल में जो
जीने का हौसला देती है
इसी तरह से बस अब तो
ये वक़्त गुजरता जाता है।
आपकी कमी खलती है मुझे
ये खालीपन तड़पाता है,
बस यूँ ही यादें दिल में समेटे
ये वक़्त गुजरता जाता है।
(साभार अप्रितम ब्लॉग)
आपके ही नाम से जाना जाता हूँ “पापा”,
भला इस से बड़ी शोहरत मेरे लिए क्या होगी