जिलाधिकारी बलिया ले संज्ञान : पुरवा ग्राम सभा के मतदाताओ को क्या इस बार मिलेगा मतदान करने का अधिकार,दो बार से हो रहे मतदान से वंचित
मधुसूदन सिंह
रतसर,बलिया।। जहां मतदान करने के लिए चुनाव आयोग और प्रशासन द्वारा मतदान कराने के लिए तमाम तरह के जागरूकता अभियान चलाये जाते है,हमारे जिलाधिकारी गांवो में जन चौपाल के माध्यम से मतदान प्रतिशत बढ़ाने की अपील करते फिर रहे है । वही फेफना विधान सभा क्षेत्र के पुरवा ग्राम सभा के 100 से अधिक पुरुष महिला मतदाता पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से नाम कटने के कारण मतदान से वंचित हो रहे है । बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से इनके नाम को पुनः जोड़ने की कोई पहल नही दिख रही है जबकि ये लोग ग्राम पंचायत चुनाव में मतदान किये है ।
बता दे कि सरकार के मंत्री उपेन्द्र तिवारी जी का यह क्षेत्र भी है । फेफना विधान सभा क्षेत्र के गड़वार अन्तर्गत ब्लाक मे पड़ने वाला ग्राम सभा अमडरिया पुरवा पिपरा खुर्द के नाम से है । पुरवा को वर्ष 2015 मे ग्राम सभा के नये परिसीमन मे पुरवा को ग्राम सभा छतवा से काट कर अमडरिया ग्राम सभा मे जोड़ दिया गया जिस के बाद से इस पुरवा के लोग दो बार से पंचायत चुनाव मे ग्राम सभा अमडरिया मे वोट देते चले आ रहे है ।लेकिन उसी समय से ग्राम पंचायत छतवा के विधान सभा निर्वाचन सूची से इस पुरवा के 100 लोगों का नाम कट गया है। उस के बाद से इस पुरवा के लोगों के काफी प्रयास के बाद भी ग्राम पंचायत अमडरिया के विधानसभा व लोकसभा की निर्वाचन सूची मे नाम नही चढ़ पाया है। जिसके चलते वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव और 2019 के लोकसभा के चुनाव मे मतदान करने से ये लोग वंचित रहे। छः वर्ष बाद भी नाम नही चढ़ने से आक्रोशित लोगो ने अपने बस्ती मे आक्रोश व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
बस्ती के ओमप्रकाश यादव, जयप्रकाश, चीनताहरण ,ठाकुर जी ,लालबिहारी ,गोकरण यादव, रूदल ,श्यामबिहारी ,सहित दर्जनो लोगों ने बताया कि दर्जनों बार फार्म नंबर छः भर कर बीएलओ और निर्वाचन कार्यालय मे दिया गया है लेकिन हम लोगो का नाम निर्वाचन सूची मे नही चढाया गया। ग्राम वासियों ने कहा कि इस बार नही चढाया गया तो जिलाधिकारी कार्यलय पर आमरण अनशन करेगे । जिसके समबन्ध मे उस गांव के प्रधान प्रतनिधि रामाकान्त गुप्ता से पूंछे जाने पर अनभिज्ञता जताई गयी ।बीएलओ प्रतिनिधि मुकेश राय से पूंछे जाने पर बताये कि प्रारूप 6 नम्बर फार्म भर कर कई बार दिया जा चुका है ,लेकिन इन लोगो का नाम क्यो नही चढ़ रहा है, निर्वाचन कार्यालय ही बता पायेगा । सवाल यह है कि क्या इस मामले का संज्ञान जिलाधिकारी लेकर मतदाता सूची में इनके नाम चढ़वाएँगे या तीसरी बार ये लोग मतदान से सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही से वंचित रहेंगे ।