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मेरे राघव जी उतरेंगे पार, गंगा मइया धीरे बहो..जैसे सुमधुर गीतों संग आयोजित हुआ गंगा महोत्सव, देर रात तक बही सुर की गंगा

 


संदीप गुप्ता

दुबहर बलिया ।। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार की देर शाम जनेश्वर मिश्रा सेतु के पास आयोजित गंगा महोत्सव में दर्जनों प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति से श्रोताओं को खूब झूमाया। देर रात तक लोग गीत- संगीत की सरिता में गोता लगाते रहे।

 सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन कथावाचक पं०जयगणेश चौबे "जयकांताचार्य" ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस दौरान मशहूर लोकगीत गायक बंटी वर्मा ने अपनी गीत- "प्यार नहीं है स्वर से जिसको, वह मूरख इंसान नहीं... सुनाकर भाव विभोर कर दिया। दो छोटी बहनों आरात्रिका और आकर्षिता ने- "मेरे राघव जी उतरेंगे पार, गंगा मैया धीरे बहो.... सुनाकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। इसके बाद गायिका आराधना सिंह ने- "चोरी- चोरी घर में आए, माखन मोरा सारा खाए... सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी। इसी क्रम में काशी ठाकुर ने- "हरि के भजन बिना जीवन सूना... गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। 






गायक विजय बहार, खुशबू राय, अंजनी चौबे, अभय सिंह, गोपाल मिश्रा, चंदन सिंह, पप्पू पांडे, रिंकू राय, माया यादव, ब्रजेश रैना, कृष्णा यादव आदि ने भी अपने गीतों की प्रस्तुति कर शमा बांधे रखा। इस दौरान पूर्व ब्लाक प्रमुख दिनेश पाठक एवं आयोजक आदित्य पाठक ने संयुक्त रूप से सभी कलाकारों को माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम् एवं सम्मान प्रमाण- पत्र देकर सम्मानित किया।

 इस मौके पर राजेश गुप्ता, सपना पाठक, लालू पाठक, जागेश्वर मितवा,अरुणेश पाठक, रामकृष्ण तिवारी, लालमणि सिंह,अनिल पाठक, हरिशंकर पाठक, पन्नालाल गुप्ता, शुभम पाठक, सुनील पाठक, धीरज यादव आदि मौजूद रहे। महोत्सव के संयोजक आदित्य पाठक ने सभी का आभार प्रकट किया।