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दबंग मछुआरों का 'काकश' तोड़ना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती : इनके लगाये विशार व बड़ियार से खेतों का नही निकल रहा है पानी

 







-नदी के साथ ही नदी में गिरने वाले नालों के भी पानी को मछुआरों ने किया अवरुद्ध

ओपी राय

नरही(बलिया)।। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं बना रही हैं और इसके लिए जी जान से प्रयास भी कर रही है कि किसानों की आय बढ़ायी जाय। लेकिन स्थानीय प्रशासन की उदासीनता कहे या मिलीभगत गड़हांचल के करइल क्षेत्र में दबंग मछुआरों ने मछली पकड़ने के लिए पानी में जगह जगह अवरोध पैदा कर किसानों के पेशानी पर बल डाल दिया है। जिससे किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई है खेतों में लगे बाढ़ के पानी को निकालने की। पूरे गड़हांचल का करइल इलाके में अभी तक बाढ़ का पानी उसी तरह खेतों में जमा है। 



बता दे कि चितबड़ागांव से लेकर कोटवां नारायण पुर तक फैले पानी को निकालने के लिए दो ही नाले है बोकहरा नाला और झिझीहीरी नाला,जो मगई नदी में जाकर गिरते हैं।बोकहरा नाले में करंवटी ताल का पानी फिरोजपुर के पास जाकर नदी में गिरता है। वही शैलाताल और नगड़ा ताल का पानी झीझीहीरी नाले से होता हुआ कथरिया के पास मगई नदी में गिरता है। इन्ही नालों में मछुआरों द्वारा दर्जनों जगहों पर पानी को अवरूद्ध किया गया है।कही 'विशार' लगाकर तो कहीं 'बड़ियार' लगाकर। 



क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि करंवटी ताल के गिरने वाले पानी में तो कम जगहों पर अवरुद्ध किया गया है, लेकिन शैला ताल और नगड़ा ताल से गिरने वाले पानी में तीन दर्जन से अधिक जगहों पर पानी को अवरूद्ध किया गया है। किसानों ने बताया कि विशार लगाकर मछली पकड़ने से पानी अवरुद्ध नहीं हो रहा है लेकिन बड़ियार लगाकर मछली पकड़ने से पानी पूरी तरह अवरुद्ध हो जा रहा है। कारण की मछुआरे पानी में बांस-बल्ली के साथ ही करकट डालकर पानी को तेज गति से गिरने नहीं देते।अगर इन दबंग मछुआरों द्वारा अवरुद्ध किए गए पानी से निजात नहीं दिलाई गई तो गड़हांचल के पूरे करइल क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ खेत में रबी की फसल की बुवाई नहीं हो पाएगी।

बता दें कि मगई नदी में पानी अवरुद्ध करने को लेकर गाजीपुर के किसानों और मछली पकड़ने वालों के बीच दौलतपुर पुल के पास अभी कुछ ही दिन पहले नोक झोंक हुआ था। प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया था और जाल हटाने को कहा था। लेकिन अब भी मछुआरों द्वारा फिरोज पुर, इटही, और चौरा गांव के पास पानी को अवरूद्ध किया गया है। अगर प्रशासन समय रहते इन मछुआरों से किसानों को निजात नहीं दिला पाया तो गड़हांचल के किसानों की सबसे उपजाऊ जमीन पर रबी की फसल की बुवाई नहीं हो पाएगी।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि चन्द मुट्ठी भर मछली के ठेकेदार इतने दबंग कैसे हो गये कि ये पूरे क्षेत्र की कृषि को प्रभावित करने का मादा रख रहे है । निश्चित ही इन ठेकेदारों की प्रशासन व राजनेताओ से गहरी छन रही है नही तो प्रशासन के लोग चन्द मछली के ठेकेदारों को कब का भगा दिये होते और सैकड़ो एकड़ खेत सूखने की कगार पर होते ,जिनको किसान समय से बो देते ।