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रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से दर्जभर गांव की सैकड़ो एकड़ उपजाऊ जमीन जलमग्न,भुखमरी के कगार पर किसान





नीलेश दीपू

बेल्थरारोड बलिया ।। केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और किसानों को कोई परेशानी न हो इसके  लिये सीधे खाते में 6 हजार रुपये देती है ,तो वही मोदी सरकार के ही रेल विभाग के अधिकारी पिछले 4 सालों से बेल्थरारोड के लगभग दर्जन भर गांवो के किसानों को अपनी अदूरदर्शिता के कारण भूखो मारने का काम किये हुए है । एक तरफ जहां खेत डूब गये है,वही सड़को पर भी पानी लगने से आवागमन में भी काफी परेशानी हो रही है बेल्थरारोड रेलवे प्रखंड के अधिकारी इतने तानाशाह हो गये है कि स्थानीय सांसद रविन्द्र कुशवाहा द्वारा कई पत्र लिखने के बाद भी किसानों को परेशान करने पर उतारू है ।







बता दे कि सौनौली राजमार्ग पर उभाव गांव के समीप रेल अंडर पास के किनारे रेलवे पुलिया में मिट्टी भर जाने के कारण क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न है,जिसके चलते संबंधित गांव के किसान अपने खेतों में फसल की पैदावार करने से वंचित हो गये हैं,और किसानों के सामने अन्न का संकट गहराता जा रहा है।इस बार भारी बरसात होने के चलते खेतों की स्थिति और भी दयनीय बनी हुई है। भविष्य में इनके सामने भुखमरी की स्थिति आ सकती है ।

बता दे कि सैकड़ो एकड़ जमीन को जलमग्न होने से घण्टो के प्रयास से बचाया जा सकता है ।  रेल विभाग द्वारा मिट्टी से बंद हो गयी  रेलवे पुलिया को साफ करा दिया जाता है तो यह पूरा इलाका सुख जायेगा और किसानों खेतो में फसल बो सकते है । रेलवे की पुलिया के साफ होते ही खेतों का पानी इसके द्वारा नदी में चला जाता और किसान अपने खेतों में फसल की पैदावार कर लेते ।इसको लेकर सलेमपुर लोकसभा सांसद रविंद्र कुशवाहा ने कई बार मौका मुवायना कर रेलवे के उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। नाला नहीं खोले जाने से किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बलिया-सोनौली राजमार्ग पर उभाव गांव के पास रेलवे द्वारा पुलिया का जीर्णोद्धार कराया गया।रेलवे के किड़ीहरापुर-  गोविंदपुर की तरफ से रेलवे लाइन के किनारे से आने वाले बरसाती पानी को पुलिया के नीचे बने नाले के रास्ते पानी घाघरा नदी में जाकर गिरता था ,वो पुलिया मिट्टी से भर गई है ।रेलवे पुलिया के निर्माण के बावजूद रेल अधिकारियों द्वारा ग्राम वासियों की गुहार के बावजूद उक्त नाले को नहीं खोला जा रहा है ।बरसात के दिनों में भारी बरसात के चलते किड़ीहरापुर-गोविंदपुर की तरफ से आने वाला बरसाती पानी नाला बंद होने के चलते नदी में न जाकर गांव की तरफ मुड़ गया है, जिससे बांसपार बहोरवा ,तीरनई, बहोरवा खुर्द, नोनिया पूरा ,मुबारकपुर,तीरनई खुर्द आदि गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि पानी में डूब गयी है।सलेमपुर लोकसभा सांसद कुशवाहा द्वारा नाला खोलने के संबंध में पिछली बार डीआरएम वाराणसी तथा तत्कालीन जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से किसानों में काफी आक्रोश है ।यदि रेल विभाग द्वारा शीघ्र नाला का मुंह नहीं खोला गया तो किसानों को कोपभाजन का शिकार होना पड़ सकता है।

इन सभी ग्रामवासी किसानों में तिरनई गांव के प्रधान प्रतिनिधि रामानंद राजभर ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को अवगत कराया । गुहार लगाने वालों में प्रवीण गुप्ता,दया राजभर,प्रमोद मद्देशिया,साहब अहमद,शादाब,नियाजी,भोला यादव,रब्बानी,महमूद,पप्पू भाई दिलीप गुप्ता,दिनेश गुप्ता,गुलाब चंद गुप्ता,दीप चंद गुप्ता,शाहिद आदि ने बताया कि रेलवे पुलिया बंद होने के चलते पानी इकट्ठा होकर खेतों में भर जाता है ,जिससे किसान खेतों की बुआई नहीं कर पाते हैं।बीते बरसात के दिनों में जबरदस्त बारिश होने के चलते खेतों में और भी ज्यादा जलजमाव हो गया ,जिसके चलते सभी किसानों के खेतों में पानी भर गया है,जिससे किसान अपनी जीविका चलाने को मजबूर हो जायेगें।