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जब होलसेल मार्केट रहेंगे बन्द,तो कब तक चल पाएंगी गांवो में किराने की दुकानें ?

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। कोरोना के चलते बढ़ रही लॉक डाउन की समय सीमा और रोजमर्रा के सामानों की दुकानों के खुलने के अस्पष्ट आदेशो के चलते जल्द ही ग्रामीण इलाकों व मुहल्लों में खाद्य सामग्रियों की भी किल्लत होने का अंदेशा बढ़ गया है । शासनादेश में किराना की दुकानों को खोलने का आदेश है ,लेकिन किराना के सामानों की होलसेल दुकानों के खुलने का कोई आदेश नही है । छोटे से बलिया जनपद में सालोनी ब्रांड का सरसो तेल होलसेल में प्रतिदिन 3 ट्रक बिकता है,ऐसा ही फार्च्यून रिफाइंड हुआ,वनस्पति घी हुआ, बिकते है । प्रतिदिन 10 ट्रक से अधिक आटा, चावल,दाल,आदि बिकता है । मसाला हुआ,नमक हुआ, चीनी हुआ,न जाने कितने आइटम है जो रोज मुख्यालय से ग्रामीण इलाकों में जाते है,तब वहां की जरूरतें पूरी होती है । लेकिन पिछले शुक्रवार से लगे लॉक डाउन के बाद ब होलसेल मार्केट के बंद होने से क्या स्थिति होगी आप लोग खुद अंदाजा लगा सकते है ।

कोरोना की पहली लहर में जब लॉक डाउन लगा था ,तब शासन प्रशासन के आदेशों में आमजन की तकलीफों को दूर करने के प्रयास थे । लेकिन इस बार जो शासनादेश हो रहे है,उसको परिभाषित जारी करने वाला ही कर सकता है । अब स्थानीय अधिकारियों को कौन समझाये तेल घी आटा चावल दाल नमक साबुन सिर्फ आदि किराने के ही जब आइटम है ,तो इनके होलसेल की दुकानें क्या किराना की श्रेणी की नही है ?पहली लहर में स्थानीय प्रशासन ने बाकायदा रिटेल की दुकानों पर सामानों की कमी न हो इसके लिये दिनवार और सड़क वार खुलने व बन्द होने का नियम निर्धारित कर दिया था । लेकिन इस बार न जाने प्रशासन ने ऐसा क्यों नही किया है,यह वही जान सकता है । इस बार प्रशासन एक काम को करने में बहुत तेज हो गया है वह है जुर्माना वसूलने में । अगर कोई शहरी दुकानदार अपने घर के लिये भी एक शटर खोलकर भी अगर सामान निकाल रहा हो और पुलिस के सियाही पहुंच गये तो उसका कम से कम 2 से 3 हजार जाना तय है ।

बलिया एक्सप्रेस की जिलाधिकारी बलिया से अनुरोध है कि होलसेल की दुकानों को भी खोलने का शेड्यूल घोषित कर आमजन को तकलीफ न इसका प्रयास करे । साथ ही लॉक डाउन को लॉक डाउन बनाये,सड़को पर आवागमन को नियंत्रित कराये ।